बघेल ने की केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे की मांग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लखीमपुर मामले पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल उठाते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किये जाने की मांग की। भूपेश बघेल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, किसानों के साथ बर्बरता बेहद दर्दनाक है। ये घटना अंग्रेजों द्वारा 1921 में चंपारण की घटना को ये याद दिलाती है। कृषि कानून के खिलाफ कई राज्यों की विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया।
बघेल ने कहा, मुझे पार्टी द्वारा उत्तरप्रदेश का ऑब्जर्वर बनाया गया था, इसलिए मैं वहां जाना चाहता था, मुझे भी लखनऊ उतरने नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा, सवाल ये उठता है कि क्या उत्तरप्रदेश जाने के लिए पासपोर्ट और वीजा की आवश्यकता है। न प्रियंका के गांधी को जाने दिया गया, न मुझे और न ही पंजाब के मुख्यमंत्री को। मैं अब भी प्रयासरत हूं कि मुझे लखीमपुर जाने दिया जाए, हमलोग वहां पीड़ित परिवारों से मिलकर संवेदना व्यक्त करना चाहते हैं।
बघेल ने कहा कि, भाजपा अंग्रेजों के नक्शे कदम पर चल रही है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाना चाहिए, जो लोग साथ थे उनपर भी कर्रवाई की जानी चाहिए। पीड़ित परिवारों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया जाना चाहिए। यदि इस प्रकार की घटना छत्तीसगढ़ में होती तो विपक्ष को नहीं रोका जाता।
बघेल ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के नेता किसान विरोधी बयान दे रहे हैं, इससे साफ होता है कि उनकी विचारधारा क्या है।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज के नेतृत्व में इस पूरे मामले की जांच कराई जाए, उन्होंने कहा, एक साल पहले यूपी के हाथसर में जो घटना हुई थी, उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। केंद्र सरकार की ओर से अब तक इस मामले में किसी तरह का कोई बयान नहीं आया, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में 8 लोगों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है, इसमें किसान भी शामिल हैं। उत्तरप्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लखीमपुर जा रहे थे और इसके खिलाफ किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था।
इसी दौरान हिंसा हुई और इसके लिए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और किसानों के प्रदर्शन में शामिल उपद्रवी तत्वों को जि़म्मेदार बताया जा रहा है। हालांकि अभी पूरे मामले में जांच चल रही है। हिंसा के बाद इलाके में धारा-144 लगा दी गई है और इंटरनेट पर पाबंदी है।
(आईएएनएस)
Created On :   4 Oct 2021 4:31 PM IST