हरियाणा: कांग्रेस ने 48 साल बाद किसी अहीरवाल नेता को प्रदेश की कमान सौंपी, दलित -जाट समीकरण से हटकर ओबीसी को दिया मौका

कांग्रेस ने 48 साल बाद किसी अहीरवाल नेता को प्रदेश की कमान सौंपी, दलित -जाट समीकरण से हटकर ओबीसी को दिया मौका
क्षेत्रीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए प्रदेश कमेटी ने हाईकमान के पास तीन नाम भेजे गए थे, जिनमें राव नरेंद्र के अलावा चिरंजीव राव और राव दान सिंह का नाम शामिल था। इसके पीछे की वजह ओबीसी में यादव यानी राव सबसे बड़ा वोट बैंक है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने इस बार हरियाणा में सियासत का नया समीकरण चला है। इस बार पार्टी ने दो दशक से चले आ रहे दलित -जाट समीकरण से हटकर ओबीसी समुदाय पर फोकस किया है। यहीं वजह रही है कि कांग्रेस ने इस बार ओबीसी समाज से आने वाले नेता को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। कांग्रेस अभी तक दलित -जाट में से किसी नेता को प्राथमिकता देती थी, लेकिन अब उसने इसे पलटते हुए बड़ा फेरबदल किया है। आपको बता दें अभी तक कांग्रेस दलित प्रदेशाध्यक्ष और जाट में से सीएम या नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करती थी। अबकी बार ऐसा नहीं किया। कांग्रेस ने 48 साल बाद किसी अहीरवाल नेता को प्रदेश की कमान सौंपी है।

क्षेत्रीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए प्रदेश कमेटी ने हाईकमान के पास तीन नाम भेजे गए थे, जिनमें राव नरेंद्र के अलावा चिरंजीव राव और राव दान सिंह का नाम शामिल था। इसके पीछे की वजह ओबीसी में यादव यानी राव सबसे बड़ा वोट बैंक है।

आलाकमान ने काफी मंथन किया साथ ही क्षेत्रीय समीकरणों के साथ सियासी पकड़ और पुलिस कार्रवाईयों पर ध्यान रखते हुए कांग्रेस ने राव नरेंद्र के नाम पर मोहर लगाई। आपको बता दें राव दान सिंह पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। उनके परिवार पर ईडी के केस भी चल रहे हैं। कांग्रेस ने इसके चलते उनके नाम से परहेज किया। जबकि चिरंजीव राव पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के बेटे हैं। अजय यादव कई मौकों पर पार्टी को असहज स्थिति में डाल चुके हैं। नरेंद्र बिना गुट के नेता है, साथ ही अहीरवाल रीजन कांग्रेस के लिए सबसे कमजोर कड़ी साबित होती रही है। इन्ही सब कारणों से पार्टी आलाकमान ने नरेंद्र पर अधिक विश्वास जताया।

कांग्रेस में 2001 से 2004 तक पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा अध्यक्ष थे। उसके बाद कांग्रेस ने फूलचंद मुलाना, अशोक तंवर, कुमारी सैलजा और उदयभान को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया। कांग्रेस को 2014 के बाद विधानसभा चुनाव में सफलता नहीं मिली। दूसरी तरफ भाजपा ने गैर जाट वोट यानी ओबीसी को अपने पाले में कर, अपना मुख्य वोट बैंक बना लिया। पिछले तीन विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में ओबीसी वोट बैंक सबसे बड़ी निर्णायक भूमिका में रहा है। इसलिए कांग्रेस ने अबकी बार अपने दलित जाट समीकरण में बदलाव करते हुए ओबीसी वर्ग के नेता राव नरेंद्र को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है।


Created On :   30 Sept 2025 2:30 PM IST

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