पहले किसान आंदोलन खत्म करवाएंगे, फिर बीजेपी में ‘नहीं’ जाएंगे!

Captain Amarinder is ready to hit two targets with one arrow with kisan andolan
पहले किसान आंदोलन खत्म करवाएंगे, फिर बीजेपी में ‘नहीं’ जाएंगे!
गांधी जयंती पर होगा बड़ा ऐलान पहले किसान आंदोलन खत्म करवाएंगे, फिर बीजेपी में ‘नहीं’ जाएंगे!

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। एक पक्षी का नाम आपने सुना ही होगा- फिनिक्स। कहते हैं फिनिक्स वो पक्षी है जो अपनी राख से दोबारा जिंदा होकर वापसी करता है। पंजाब की सियासत में कैप्टन अमरिंदर सिंह वही फिनिक्स पक्षी हैं। जिन्हें कांग्रेस के कुछ नेताओं ने राख करने की पुरजोर कोशिश की। पर, वो इसी राख से, पहले से ज्यादा ताकतवर हो कर पंजाब की सियासत में वापसी करने के लिए तैयार हैं। और, इस बार जो प्लान तैयार किया है वो पहले से ज्यादा फुलप्रूफ है। जिसके साथ कैप्टन अमरिंदर एक तीर से दो निशाने साधने के लिए तैयार हैं।

शाह से मुलाकात, पर बात कुछ और!
अमरिंदर सिंह कल यानि बुधवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मिले। अटकलें लगीं कि कैप्टन अमरिंदर अब बीजेपी का हिस्सा होंगे। तर्क ये कि कांग्रेस से इतना तिरस्कार झेलने के बाद अब उनके पास विकल्प ही क्या है। पर कैप्टन जिस दौर के सियासतदां हैं और जिस तजुर्बे को हासिल कर चुके हैं, उसके बाद उन्हें विकल्प ढूंढना भी आता है और न मिले तो गढ़ना भी आता है। सो इस बार ढूंढने की जगह वो अपना विकल्प गढ़ चुके हैं। चालीस मिनट तक अमित शाह जैसे राजनीति के चाणक्य से चर्चा जरूर हुई पर राजनीति के सूरमा कैप्टन भी नया प्लान बनाकर शाह के दरवाजे से बाहर निकले हैं। अब माना जा रहा है कि इस चर्चा के बाद कैप्टन पंजाब की राजनीति में एक नए किरदार में होंगे। पर उतने ही दमदार होंगे।

किसान आंदोलन के बाद शुरू होगा नया प्लान!
कैप्टन ने अपनी अगली सियासी पारी के आगाज का दिन तकरीबन तय कर लिया है। फिलहाल ये माना जा रहा है कि कैप्टन 2 अक्टूबर यानि गांधी जयंति पर एक नए अंदाज में सियासत का नया चैप्टर शुरू करेंगे। जिसकी शुरूआत किसान आंदोलन का सरकार के साथ मिलबैठ कर हल निकालने से होगी। इसके बाद कैप्टन कांग्रेस में वापसी या फिर बीजेपी में शामिल होने की बजाए अपना एक अलग संगठन बनाने का ऐलान कर सकते हैं। 

अमरिंदर और बीजेपी दोनों फायदे में!
नवजोत सिंह सिद्धू के चक्कर में कैप्टन अमरिंदर सिंह को दरकिनार कर कांग्रेस को जो नुकसान होना था उससे ज्यादा ही हो चुका है। बीजेपी तो वैसे कैप्टन के इस नुकसान से ही फायदा उठा सकती थी। पर कैप्टन ने जो रणनीति तैयार की है उससे दोनों को ही फायदा होगा। इसे कुछ इस तरह समझें...

  • अब तक बीजेपी कृषि कानूनों पर अड़ी हुई है। इसके चलते किसान आंदोलन काफी लंबा खिंच ही चुका है। अब इन कानूनों को लेकर बैक फुट पर लौटने से बीजेपी को भला होने वाला नहीं है बल्कि उसकी किरकिरी ही होगी।
  • अब नए संगठन बनाने के साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह कृषि कानूनों पर सुलह की पहल कर सकते हैं। किसान आंदोलन खत्म होने या नरम पड़ने की स्थिति में क्रेडिट अमरिंदर को जाएगा। पर इसका फायदा कांग्रेस नहीं उठा सकेगी। कैप्टन का नया संगठन और उसके जरिए अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी इसे कैश करा सकती है।
  • पंजाब में वैसे तो कैप्टन अमरिंदर सिंह की जमीन बेहद मजबूत है। पर किसान आंदोलन सुलझाने के बाद वो और भी ज्यादा मजबूत होंगे और किसानों का विश्वास भी हासिल कर चुके होंगे। केवल इतना ही नहीं पंजाब के अगले विधानसभा चुनाव में कैप्टन को इस का पूरा फायदा भी मिलेगा। और, कैप्टन की मौजूदगी में जो लाभ कांग्रेस कमा सकती थी वो अब उतने ही घाटे में होगी। 

साफ है, कैप्टन का नया संगठन किसान आंदोलन का हितैषी बन कर रूठे किसानों को साध लेगा और बीजेपी का साथ भी पा लेगा। 
 

Created On :   30 Sep 2021 6:59 AM GMT

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