- यूपी: पंचायत चुनाव के लिए बीजेपी की तैयारी, 28 जनवरी से गांव-गांव करेगी चौपाल
- यूपी: नई आबकारी नीति 1 अप्रैल से होगी लागू, घर में रख सकेंगे शराब की 12 बोतल
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हिमाचल प्रदेश के निवासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई दी
- जयपुर: किसानों के समर्थन में आज ट्रैक्टर रैली, शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि के बाद दिल्ली कूच
- राष्ट्रीय मतदाता दिवस: पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव आयोग के योगदान की तारीफ की
Bihar: सुशील मोदी ने कहा- NDA सरकार गिराने की साजिश कर रहे लालू प्रसाद यादव

पटना। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर एनडीए सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया है। मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, लालू प्रसाद यादव रांची से NDA के विधायकों को (8051216302) मोबाइल नंबर से फोन कर उन्हें मंत्री पद का लालच दे रहे हैं। जब मैंने उस नंबर पर फोन किया तो स्वयं लालू यादव ने फोन उठाया। मैंने उनसे कहा कि इस तरह की गंदी हरकतें जेल से मत कीजिए, इसमें आप कामयाब नहीं होंगे।
Lalu Yadav making telephone call (8051216302) from Ranchi to NDA MLAs & promising ministerial berths. When I telephoned, Lalu directly picked up.I said don’t do these dirty tricks from jail, you will not succeed. @News18Bihar@ABPNews@ANI@ZeeBiharNews
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) November 24, 2020
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद विधानसभा में NDA और महागठबंधन के विधायकों की संख्या में ज्यादा अंतर नहीं है। NDA के पास जहां 125 विधायक हैं, वहीं महागठबंधन के पास 110 सीटें हैं। एलजेपी के पास 1 सीट और 7 सीटें अन्य के खाते में हैं। बिहार में एनडीए की सरकार का गठन हो चुका है और मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ने सातवीं बार शपथ ले ली है। इस बार की सरकार में दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं और पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री रह चुके सुशील कुमार मोदी को मंत्रिमंडल में भी जगह नहीं मिली है।
वहीं लालू प्रसाद चारा घोटाले के मामले में रांची की जेल में सजा काट रहे हैं। फिलहाल वे स्वास्थ्य कारणों से रिम्स में भर्ती हैं। इससे पहले भी प्रदेश बीजेपी के नेताओं की ओर से लालू प्रसाद यादव पर जेल मैनुअल के उल्लंघन का खुला आरोप लगाया जाता रहा है। बीजेपी नेताओं का दावा है कि नियम भले जो भी हो, लेकिन यह हकीकत है कि लालू प्रसाद जेल मैनुअल का उल्लंघन कर लगातार फोन पर बात करते रहते हैं, इसे लेकर कुछ दिनों पहले एक वीडियो भी मीडिया में वायरल हुआ था।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।