गुजरात चुनाव : पोरबंदर में राजनीतिक अस्तित्व की है लड़ाई

Gujarat elections: Battle of political survival in Porbandar
गुजरात चुनाव : पोरबंदर में राजनीतिक अस्तित्व की है लड़ाई
गुजरात विधानसभा चुनाव-2022 गुजरात चुनाव : पोरबंदर में राजनीतिक अस्तित्व की है लड़ाई

डिजिटल डेस्क, पोरबंदर। पोरबंदर निर्वाचन क्षेत्र में मेर (समुदाय) के दो नेताओं के बीच राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई है। भाजपा उम्मीदवार बाबूभाई बोखिरिया ने पांच बार चुनाव लड़ा और चार बार निर्वाचित हुए, जबकि कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने चार बार चुनाव लड़ा और गुजरात विधानसभा चुनाव में दो बार निर्वाचित हुए। पोरबंदर महात्मा गांधी का जन्म स्थान है, लेकिन अस्सी के दशक में यह मेर्स के बीच अराजकता, गैंगवार के लिए अधिक जाना जाता था। यह मध्य-पूर्व से तस्करी के सामानों के लिए एक लैंडिंग पॉइंट भी था।

भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार 1995 में बाबूभाई बोखिरिया को मैदान में उतारा था, तब से उन्होंने छह चुनाव लड़े - 1995, 1998, 2007, 2012 में जीते, 2017 और 2002 में हारे। वहीं अर्जुन मोढवाडिया ने पहली बार 2002, 2007, 2012 और 2017 में चुनाव लड़ा और 2002 व 2007 में जीते। पोरबंदर निर्वाचन क्षेत्र में कुल 2,64,000 मतदाता हैं - 74071 मतदाता मेर्स, ब्राह्मण 34991 मतदाता, खारवा (मछली पकड़ने वाला समुदाय) 26,304, लोहाना 15370, दलित 16,117, मुस्लिम 14879 और ठाकोर कोली मतदाता 9115 हैं।

बोखिरिया ने आईएएनएस से कहा, मेरा अभियान सत्ताधारी पार्टी द्वारा किए गए विकास कार्यो से प्रेरित है, पार्टी निर्वाचन क्षेत्र में मजबूत स्थिति रखती है, क्योंकि यह सभी स्थानीय निकायों में सत्ता में है, नगर पालिका में इसके 52 में से 45 निर्वाचित सदस्य हैं। पोरबंदर जिला पंचायत के 18 में से 16 निर्वाचित सदस्य सहकारी समितियों को नियंत्रित करते हैं। दूसरी ओर, अर्जुन मोढवाडिया ने कहा कि इस बार उन्हें 2017 की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने का भरोसा है, क्योंकि समाज भर के लोग महंगाई, बेरोजगारी, सत्तापक्ष द्वारा भ्रष्ट आचरण, जिले में खराब बुनियादी ढांचे से परेशान हैं।

उनका दावा है, 12 मेगा औद्योगिक इकाइयों में से 10 बंद हैं, इसलिए स्थानीय लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है, गुजरात औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीसी) की तीन इकाइयां बंद हैं, सत्तारूढ़ दल के सदस्यों द्वारा कृषि क्षेत्र में अवैध खनन किए जाने के मामले बढ़े हैं। लोग सत्ता में बदलाव चाह रहे हैं। पोरबंदर के वरिष्ठ पत्रकार हितेश ठकरार ने कहा कि मोढवाडिया बनाम बोखिरिया एक कठिन और करीबी मुकाबला होने जा रहा है, परिणाम किसी भी तरफ जा सकता है।

साल 2017 के चुनाव में मोढवाडिया मात्र 1855 वोटों के अंतर से बोखिरिया से हार गए थे, क्योंकि बसपा उम्मीदवारों ने 4337 वोट हथिया लिए थे और 3433 ने नोटा का बटन दबाया था। बोखिरिया ने 2012 का चुनाव 11.74 प्रतिशत मतों के अंतर से जीता था, जिसे 2017 में मोढवाडिया ने लगभग कवर कर लिया था। पोरबंदर निर्वाचन क्षेत्र में 1 दिसंबर को मतदान होना है और मतगणना 8 दिसंबर को होगी।

(आईएएनएस)

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Created On :   14 Nov 2022 6:00 PM IST

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