हाईकोर्ट ने कैश फॉर पीआईएल मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया

HC orders CBI to investigate Cash for PIL case
हाईकोर्ट ने कैश फॉर पीआईएल मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया
झारखंड हाईकोर्ट ने कैश फॉर पीआईएल मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया

डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने कैश देकर पीआईएल मैनेज करने के षड्यंत्र की प्रारंभिक जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है। इस मामले में जेल में बंद कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल की ओर से अंतरिम राहत की मांग को लेकर दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया। कोर्ट ने अग्रवाल को अंतरिम राहत और जमानत देने की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में गहरे षड्यंत्र की आशंका है, इसलिए इसकी आरंभिक जांच सीबीआई से कराई जाए।

बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।

बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल फिलहाल रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।

अमित अग्रवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए बीते 12 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। रिट याचिका में इडी के सहायक निदेशक और कोलकाता पुलिस को प्रतिवादी बनाया गया था। अमित अग्रवाल ने झारखंड उच्च न्यायालय में इस आधार पर याचिका दायर की थी कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अमित अग्रवाल की रिट याचिका यह कहते खारिज कर दी थी कि यह झारखंड हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार का मामला है। वह हाईकोर्ट में अपनी बात रख सकते हैं। इसके बाद अमित अग्रवाल ने झारखंड हाईकोर्ट में अंतरिम राहत और जमानत के लिए याचिका दायर की थी। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।

 

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Created On :   30 Nov 2022 1:30 PM GMT

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