बिहार विधानसभा चुनाव 2025: पालीगंज में दो दिग्गज नेता - राम लखन सिंह यादव और चंद्रदेव प्रसाद वर्मा का दबदबा, बारी बारी से जीतते आ रहे हैं चुनाव

पालीगंज में दो दिग्गज नेता - राम लखन सिंह यादव और चंद्रदेव प्रसाद वर्मा का दबदबा, बारी बारी से जीतते आ रहे हैं चुनाव
पालीगंज में दो दिग्गज नेता - राम लखन सिंह यादव और चंद्रदेव प्रसाद वर्मा का दबदबा है। दोनों ने पालीगंज विधानसभा सीट से पांच-पांच बार चुनाव जीते और बारी-बारी से एक-दूसरे को पराजित किया। पालीगंज का नाम बौद्ध ग्रंथों से जुड़ी प्राचीन पाली भाषा से पड़ा है। पालीगंज में एससी और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में होते है।

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में पालीगंज पटना जिले में आती है, 1952 में राम लखन सिंह यादव कांग्रेस के रूप में जीते, 1957 में चंद्रदेव प्रसाद वर्मा ने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ,1962 में यादव ने वापसी की, फिर वर्मा ने 1967 और 1969 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की, यादव ने इसके बाद 1980, 1985 और 1990 में हैट्रिक लगाई, वर्मा ने 1991 और 1995 में जनता दल के टिकट पर लगातार दो बार जीत हासिल की।

कांग्रेस ने पालीगंज सीट छह बार जीती है, जिनमें से पांच बार राम लखन सिंह यादव ने जीती । समाजवादी पार्टियों ने चंद्रदेव प्रसाद वर्मा के नेतृत्व में तीन बार और भाकपा (माले) ने भी तीन बार यह सीट जीती, बीजेपी , राजद और जनता दल ने दो-दो बार, जबकि 1977 में एक बार निर्दलीय उम्मीदवार ने भी जीत दर्ज की थी। कृषि आय का प्रमुख साधन है, बौद्ध तीर्थ स्थल के पर्यटन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है। सड़क,शिक्षा,स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी सुविधाओं की स्थिति खराब है।

पालीगंज में दो दिग्गज नेता - राम लखन सिंह यादव और चंद्रदेव प्रसाद वर्मा का दबदबा है। दोनों ने पालीगंज विधानसभा सीट से पांच-पांच बार चुनाव जीते और बारी-बारी से एक-दूसरे को पराजित किया। पालीगंज का नाम बौद्ध ग्रंथों से जुड़ी प्राचीन पाली भाषा से पड़ा है। पालीगंज में 18.76% एससी , 9% मुस्लिम मतदाता हैं।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।

Created On :   3 Nov 2025 2:52 PM IST

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