बिहार विधानसभा चुनाव 2025: कांग्रेस के गढ़ कुचायकोट पर परिसीमन के बाद हुआ जेडीयू का दबदबा

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में कुचायकोट गोपालगंज जिले में आती है। जो सामान्य सीट है। कुचायकोट विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी, लेकिन 1976 में परिसीमन के बाद यह सीट चुनावी नक्शा से हटा दी गई थी. 2008 में परिसीमन के बाद इसे पुनः बहाल किया गया और तब से अब तक तीन चुनाव (2010, 2015, 2020) हो चुके हैं।
1952 से 1972 के बीच हुए छह चुनावों में कांग्रेस ने चार बार जीत हासिल की थी। 2008 के बाद से यह सीट लगातार जेडीयू के पक्ष में रही है। अमरेंद्र कुमार पांडे ने 2010, 2015 और 2020- तीनों चुनावों में जीत दर्ज की है। 2020 के चुनाव में अमरेंद्र कुमार पांडे ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद काली प्रसाद पांडे को हराया था बीजेपी के साथ जेडीयू की जीत अधिक वोटों से होती है। नागीना राय ने 1967 में निर्दलीय, 1969 में जनता पार्टी और 1972 में कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर लगातार तीन बार जीत दर्ज की। अमरेंद्र कुमार पांडे ने उनके इस रिकॉर्ड की बराबरी की है।
कुचायकोट इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है, जबकि अधिकांश परिवार खेती पर निर्भर हैं। कृषि और प्रवासी मजदूरों की कमाई अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। सड़क, बिजली, शिक्षा ,स्वास्थ्य की बेसिक सुविधाओं की स्थिति दयनीय है।
जब जेडीयू एनडीए में शामिल नहीं था, तब भी बीजेपी ने इस विधानसभा क्षेत्र में 60,546 वोटों की बढ़त हासिल की थी। यहां ब्राह्मण वोटर्स की संख्या अधिक है। नागीना राय को छोड़कर अब तक के सभी निर्वाचित विधायक ब्राह्मण समुदाय से रहे हैं। कुचायकोट में 10 फीसदी एससी, 0.43% एसटी ,18.26% मुस्लिम मतदाता। बीजेपी ने कभी कुचायकोट से विधानसभा चुनाव नहीं जीता।
बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर रही।
Created On :   3 Nov 2025 2:42 PM IST












