खालिदा जिया की जेल से रिहाई की अवधि और 6 महीने बढ़ी

Khaleda Zias release from jail extended for another 6 months
खालिदा जिया की जेल से रिहाई की अवधि और 6 महीने बढ़ी
खालिदा जिया की जेल से रिहाई की अवधि और 6 महीने बढ़ी
हाईलाइट
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ढाका, 4 सितम्बर (आईएएनएस)। कानून मंत्रालय के अनुसार, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की सुप्रीमो खालिदा जिया और छह महीने तक जेल से बाहर रह सकती हैं, लेकिन इस अवधि में वह देश से बाहर नहीं जा सकतीं और उन्हें अपने आवास पर ही इलाज कराना होगा।

खालिदा जिया के परिवार द्वारा दायर एक आवेदन पर विचार करते हुए, मंत्रालय ने पूर्व प्रधानमंत्री के जेल से बाहर रहने की अवधि को और छह महीने के लिए बढ़ा दिया है।

कानून मंत्री अनीसुल हक ने गुरुवार को ढाका ट्रिब्यून को बताया, हमारी राय है कि उनकी रिहाई की अवधि को उनकी पुरानी शर्तों के आधार पर बढ़ाया जा सकता है। उन्हें बांग्लादेश में ही रहना होगा और उन्हें घर पर इलाज कराना होगा।

उन्होंने आगे कहा, इन दो शर्तों पर, उनकी सजा निलंबित करने और उन्हें रिहा करने के पुराने आदेश के अंतिम तारीख से अगले और छह महीनों के लिए बढ़ा दिया गया है।

देश में कोविड-19 महामारी के प्रसार के मद्देनजर जिया को 25 मार्च को छह महीने के लिए जेल से रिहा किया गया था। उनकी रिहाई की समय सीमा आगामी 24 सितंबर को खत्म होगी।

हक ने आगे कहा, हमने फाइल को गृह मंत्रालय को वापस भेज दिया है। प्रधानमंत्री (शेख हसीना) राज्य की मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। मंत्रालय, फाइल को मंजूरी दिलाने के लिए उसे उनके कार्यालय भेजेगा।

बीएनपी सुप्रीमो के छोटे भाई शमीम इस्कंदर ने 25 अगस्त को गृह मंत्रालय को भेजे गए अपने आवेदन में खालिदा जिया की जेल से रिहाई की अवधि को बढ़ाने का अनुरोध किया था।

खालिदा के वकीलों में से एक ए.के.एम. एहसानुर रहमान ने पहले कहा था कि जिया को महामारी के कारण उचित उपचार नहीं मिल रहा था और इसलिए उनके परिवार ने रिहाई की अवधि बढ़ाने की अपील की थी।

गृह मंत्रालय ने उनके आवेदन पर विचार करने के लिए फाइल को कानून मंत्रालय भेज दिया था।

सरकार ने बांग्लादेश की दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 401 की सब-सेक्शन 1 के तहत उनकी जेल की सजा को निलंबित किया था। सब-सेक्शन के अनुसार, जब किसी व्यक्ति को अपराध के लिए सजा सुनाई जाती है, तो सरकार किसी भी समय या बिना किसी शर्त के किसी भी स्थिति में सजा प्राप्त व्यक्ति की सजा को निलंबित कर सकती है या पूरी सजा या फिर कुछ अवधि के लिए कैदी को क्षमा कर सकती है।

एंटी करप्शन कमीशन (एसीसी) ने 3 जुलाई, 2008 को पूर्व प्रधानमंत्री, उनके बेटे और बीएनपी कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान और चार अन्य के खिलाफ जिया ऑरफेनेज ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार का मामला दायर किया था, जिसमें उनके पति के नाम पर ट्रस्ट गठन के लिए दान के 2.1 करोड़ टाका का दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था।

इसके बाद 8 फरवरी, 2018 को, एक विशेष अदालत ने जिया को दोषी ठहराया और उन्हें इस मामले में पांच साल की सजा सुनाई।

उन्हें नाजि़मुद्दीन रोड पर स्थित ओल्ड ढाका केंद्रीय जेल की एक विशेष जेल में भेज दिया गया।

इसके बाद 28 जनवरी, 2019 को, हाईकोर्ट ने अपने पूरे फैसले को सुनाते हुए जिया के कारावास की सजा को 10 साल कर दिया।

इस बीच बीएनपी प्रमुख और तीन अन्य को 29 अक्टूबर, 2018 को जिया चैरिटेबल ट्रस्ट ग्राफ्ट मामले में सात साल की जेल की सजा सुनाई गई।

एसीसी ने 8 अगस्त 2011 को जिया और तीन अन्य के खिलाफ अनाथों के नाम पर स्थापित ट्रस्ट के लिए धन जुटाने में सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया था।

एमएनएस-एसकेपी

Created On :   4 Sept 2020 11:31 AM IST

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