महाराष्ट्र ने मांगा मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा, राष्ट्रपति को भेजे 125,000 पोस्टकार्ड

Maharashtra seeks classical language status for Marathi, sends 125,000 postcards to President
महाराष्ट्र ने मांगा मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा, राष्ट्रपति को भेजे 125,000 पोस्टकार्ड
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र ने मांगा मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा, राष्ट्रपति को भेजे 125,000 पोस्टकार्ड

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग को लेकर रविवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को एक कूरियर भेजा, जिसमें करीब 4,000 पोस्टकार्ड थे। यह पोस्टकार्ड का दूसरा लॉट था। पहले 6,000 का एक और लॉट राष्ट्रपति को उसी दलील के साथ भेजा गया था और राज्यभर के लोग - सेलेब्स से लेकर आम तक पिछले कुछ महीनों में राष्ट्रपति को 125,000 से अधिक पोस्टकार्ड भेज चुके हैं।

पिछले साल दिसंबर में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने राष्ट्रपति को पहला पोस्टकार्ड दिया था, जिस पर मराठी में साफ-सुथरा टाइप किया गया था और उनके हस्ताक्षर किए गए थे, उसके बाद से यह चलन शुरू हुआ। मुख्यमंत्री के साथ मराठी भाषा के मंत्री सुभाष देसाई और मुंबई दक्षिण के सांसद अरविंद सावंत मौजूद थे और उन्होंने पोस्टकार्ड वाले एक उपहार-बॉक्स को मंजूरी दे दी, जिस पर अभिजात मराठी जन अभियान (शास्त्रीय मराठी के लिए जन अभियान) का नारा छपा था।

इस कदम को सभी ने सराहा, क्योंकि राज्य 27 फरवरी को मराठी भाषा दिवस मनाएगा और सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार उम्मीद कर रही है कि केंद्र तब तक राज्य की भाषा को उचित दर्जा दे देगा। बग तक केवल छह भारतीय भाषाओं को आधिकारिक तौर पर दर्जा दिया गया है - विभिन्न मापदंडों के आधार पर संस्कृत, तमिल, कन्नड़, तेलुगू, मलयालम और ओडिया को।

(आईएएनएस)

Created On :   20 Feb 2022 8:00 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story