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MP Politics: सीएम शिवराज ने मंत्रिमंडल का गठन किया, सिंधिया खेमे से राजपूत और सिलावट ने शपथ ली
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में सत्ता में वापसी करने 29 दिन बाद विपक्ष के आरोपों और प्रत्यारोपों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने मंत्रिमंडल का गठन कर दिया है। इसमें भारतीय जनता पार्टी से तीन और सिंधिया खेमे से दो मंत्रियों ने शपथ ली। भाजपा की ओर से नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल और मीना सिंह ने शपथ ली। वहीं कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने शपथ ली।
बता दें कि नाम तय होने से पहले गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह और बिसाहूलाल सिंह पर भी चर्चा की गई, लेकिन मंत्रिमंडल छोटा होने की वजह से अंतत: इन्हें होल्ड पर डाल दिया गया है। राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने सभी नए मंत्रियों को शपथ दिलवाई। इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान, भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी वहां पर मौजूद रहीं।
जानकारी अनुसार दिल्ली में अमित शाह के साथ कांग्रेस से बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात के बाद लिस्ट फाइनल की गई। इसके बाद भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा से मंजूरी मिलने के बाद सोमवार देर शाम एक बार फिर नामों पर विचार हुआ। साथ ही फोन पर प्रदेश के नेताओं और मुख्यमंत्री के बीच चर्चा भी की गई। इसके बाद मुख्यमंत्री के मंगलवार के तमाम कार्यक्रम निरस्त किए। राजभवन को सूचना दी गई कि दोपहर 12 बजे साधारण रूप से शपथ होगी। कमल पटेल को मंत्री बनाए जाने के पीछे कहा जा रहा है कि कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सिलावट ने भाजपा में आने के बाद इस विभाग के प्रति अनिच्छा जाहिर की।
23 मार्च को शिवराज ने बिना मंत्रीमंडल के ही शपथ ली थी
बता दें कि दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में आई थी, लेकिन वरिष्ठ नेता सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों के कांग्रेस से बगावत के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को 20 मार्च को त्यागपत्र देना पड़ा था। इसके बाद सत्ता में 18 महीने बाद लौटे शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को कोरोना संकट को देखते हुए राजभवन में अकेले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। बिना मंत्रिमंडल के ही शिवराज कोरोना वायरस संकट के दौरान काम करते रहे हैं। इसको लेकर विपक्ष ने उन पर निशाना भी साधा।
कमलनाथ का राज्य और केंद्र सरकार पर आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कुछ दिन पहले एक वीडियो संदेश जारी कर राज्य सरकार पर आरोप लगाया था कि दुनिया का इकलौता राज्य है, जहां कोरोना संकट में स्वास्थ्य मंत्री और गृहमंत्री नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार पर भी लॉकडाउन देरी से लगाने का आरोप लगाया था।
ये वरिष्ठ विधायक फिलहाल होल्ड पर
प्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन के पहले चरण में भाजपा ने कई वरिष्ठ विधायकों जैसे गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, गौरीशंकर बिसेन, विजय शाह, यशोधरा राजे सिंधिया, राजेंद्र शुक्ला और रामपाल सिंह के साथ कांग्रेस से भाजपा में आए बिसाहूलाल सिंह, महेंद्र सिंह सिसोदिया और प्रभुराम चौधरी को फिलहाल प्रतीक्षा में डाल दिया है। इनमें से कुछ नामों पर विचार भी किया गया था और पूर्व में चर्चा थी सिंधिया के दबाव में मंत्रिमंडल 10 से 12 का हो सकता है, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने संख्या सीमित कर दी।
34 मंत्री बनाए जा सकते हैं
बता दें कि राज्य में 230 विधानसभा सीटों के लिहाज से मंत्रिमंडल में अधिकतम 15 प्रतिशत यानी मुख्यमंत्री सहित 35 सदस्य हो सकते हैं। ऐसे में 34 व्यक्तियों को मंत्री बनाया जा सकता है। लेकिन, सामान्यत: रणनीतिक तौर पर मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल में कुछ पद रिक्त रखते हैं।
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