बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण: चुनाव आयोग को सभी के संतोष के अनुरूप अपने दायित्व को पूरा करना चाहिए-कांग्रेस

- हमेशा विरोध की राजनीति पर उतर आया है विपक्ष- राजभर
- बिहार SIR से पिछड़े वर्ग के लोगों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ेगा- अधीर रंजन चौधरी
- आधार को केवल पहचान बताने वाले आज आधार पर मतदान की बात करने लगे है- पात्रा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता हरीश रावत ने लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान पर कहा सुप्रीम कोर्ट ने बहुत महत्वपूर्ण टिप्पणी की है कि पुनरीक्षण की इस समय क्या जरूरत है और बिहार में क्यों? यदि इस तरह का कोई गहन अभियान चलाना है तो पूरे देश भर में चलाएं। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही साथ चुनाव आयोग को यह भी कहा कि आपका दायित्व लोगों को मतदान सूची में शामिल करने का है, वे कैसे (मतदाता सूची से) बहिष्कृत हों या किस आधार पर हों यह आपका दायित्व नहीं है। ऐसे में समझदार के लिए इशारा काफी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जिसे वह रोकेंगे नहीं। चुनाव आयोग को सभी के संतोष के अनुरूप अपने दायित्व को पूरा करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनाव आयोग को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभ्यास की अनुमति देने पर कहा अदालत, सरकार और विपक्ष अपना काम कर रहे हैं। विपक्ष की भूमिका है कि वह सरकार के कामों को बेहतर बनाने का सुझाव दे, उनके कामों पर हमेशा निगरानी रखे। लेकिन विपक्ष हमेशा विरोध की राजनीति पर उतर आया है और विरोध की ही बात करता रहता है। उन्होंने आगे कहा, "देश में सुप्रीम कोर्ट है। अदालत के फैसले पर कोई उंगली नही उठा सकता। अदालत का फैसला सर्वमान्य है। जो फैसला दिया गया है वह सत्ता पक्ष और विपक्ष सभी को स्वीकार है।
चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) करने की रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "बिहार में जिस इरादे से ये SIR किया जा रहा है इसके चलते आम लोग खासकर पिछड़े वर्ग के लोगों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। चुनाव नजदीक है और ये लोग कह रहे हैं कि साबित करो कि देश के नागरिक हो। हमारे भारत में आज तक किसी सरकार ने किसी को नागरिकता का कोई प्रमाण पत्र दिया है? ऐसा कोई प्रमाण पत्र किसी के पास नहीं है। इसे कौन तय करेगा? इससे बिहार में अफरातफरी मच चुकी है। जल्दबाजी की क्या वजह हैं? ये एक तरीके से लोगों के वोट के अधिकार का हनन हो रहा है। जैसे नोटबंदी हुई थी वैसे ही वोटबंदी की दिशा में सरकार आगे कदम रख रही है। हम इसका विरोध करते हैं। अब सुप्रीम कोर्ट भी ने भी कहा है आधार कार्ड, राशन कार्ड को भी मान्यता मिलनी चाहिए। ये पूरे भारत में क्यों नहीं हो रहा?"
भाजपा सांसद संबित पत्रा ने कहा आधार कार्ड को लेकर जिस प्रकार से विपक्ष, खासतौर पर कांग्रेस जिस तरह से हल्ला मचा रहे है, उससे उनकी दोहरी नीति सामने आ गई है। सरकार की योजनाएं और सभी काम की चीजें गरीब व जरूरतमंद लोगों तक पहुंच सकें, इसलिए आधार कार्ड की आवश्यकता है। जब सरकार ने यह मंतव्य बनाया था कि आधार कार्ड को वोटर ID कार्ड के साथ जोड़ना है, उस समय कांग्रेस पार्टी और उनके दिग्गज नेता सुप्रीम कोर्ट तक चले गए थे कि आधार केवल पहचान के लिए है। आज वही लोग यह चेष्टा कर रहे हैं कि 'आधार' के आधार पर मतदान हो। यह कांग्रेस पार्टी की दोहरी नीति को दर्शाती है।
Created On :   11 July 2025 6:35 PM IST