कांग्रेस को फिर से जीत दिलाना मेरी प्राथमिकता, पार्टी जो भी जिम्मेदारी सौंपेगी, उसका निर्वहन करूंगा

My priority is to make Congress win again, whatever responsibility the party assigns, I will discharge it
कांग्रेस को फिर से जीत दिलाना मेरी प्राथमिकता, पार्टी जो भी जिम्मेदारी सौंपेगी, उसका निर्वहन करूंगा
सचिन पायलट कांग्रेस को फिर से जीत दिलाना मेरी प्राथमिकता, पार्टी जो भी जिम्मेदारी सौंपेगी, उसका निर्वहन करूंगा

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार आखिरकार हो गया है और पूर्व उपमुख्यमंत्री तथा राज्य कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट संतुष्ट हैं, क्योंकि उनके वफादारों को इसमें शामिल किया गया है। पिछले साल बगावत के बाद हटाए गए दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा ने भी वापसी की है। पायलट का कहना है कि उनकी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि उनकी पार्टी अगले चुनावों में राज्य में सत्ता बरकरार रखे, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व जो भी जिम्मेदारी सौंपेगा, वह उसे लेने के लिए तैयार हैं। आईएएनएस के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, लोकप्रिय कांग्रेस नेता ने कई मुद्दों पर बात की। पेश है उनसे बातचीत के कुछ प्रमुख अंश:

प्रश्न : आखिरकार कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत करने की आपकी मांग स्वीकार कर ली गई है और उन्हें सरकार में शामिल कर लिया गया है। अब, पार्टी/राज्य में आपकी क्या भूमिका होगी?

उत्तर : 20 साल पहले अपने करियर की शुरुआत के बाद से, मैंने एक सांसद, विधायक और राज्य प्रमुख के रूप में कांग्रेस के लिए काम किया है। पार्टी जो भी कहेगी, मैं करने को तैयार हूं। हालांकि मेरी प्राथमिकता राजस्थान के लिए होगी, क्योंकि यह मेरा गृह राज्य है। यह राज्य मेरी कर्मभूमि है और मेरी प्राथमिकता यहां कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करना है। लेकिन मैं पार्टी के प्रतिनिधियों की कोई अन्य जिम्मेदारी लेने के लिए भी तैयार हूं।

मैं देश के विभिन्न हिस्सों में प्रचार कर रहा हूं और पार्टी के लिए काम कर रहा हूं, चाहे वह केरल, कर्नाटक, यूपी, एमपी ही क्यों न हो। पार्टी जहां भी कहेगी, मैं एक समर्पित कार्यकर्ता के रूप में अपना काम करूंगा।

प्रश्न : क्या अगला विधानसभा चुनाव आपके नेतृत्व में लड़ा जाएगा?

उत्तर : 2018 के विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़े गए थे। निर्णय लिया गया था कि कोई सीएम चेहरा घोषित नहीं होगा और मुझे लगता है कि अगली बार भी, हम सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे, जहां पहले की प्रवृत्ति के अनुसार, हमारा कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व सामने से नेतृत्व करेगा।

प्रश्न: क्या आपके द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों का समाधान किया गया है?

उत्तर : 2023 में चुनाव आ रहे हैं और इसलिए हमें चुनौती के लिए सरकार के साथ-साथ संगठन में भी कमर कसनी होगी। इसलिए मैंने कुछ मुद्दों को उठाया था, जिनमें स्पष्ट रूप से थोड़ी देरी देखी गई, क्योंकि अहमद पटेल का निधन हो गया था। इसके बाद कुछ अन्य मुद्दों के अलावा कोविड महामारी भी आई। अंत में, अब हम सही दिशा में जा रहे हैं।

पिछले दो साल से राजस्थान कैबिनेट में कोई दलित मंत्री नहीं रहा। मैं चाहता था कि जो समुदाय हमें वोट दे रहे हैं, उन्हें सरकार में उचित मान्यता दी जाए। मुझे खुशी है कि एआईसीसी और राज्य सरकार ने प्रदेश सरकार में आदिवासियों, दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं आदि का पर्याप्त और संतुलित प्रतिनिधित्व किया है।

मेरा मानना है कि संगठन में और भी बदलाव किए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम 2023 की लड़ाई के लिए तैयार हैं। हमें राज्य का चुनाव जीतना है और हर पांच साल में सत्ता में आने वाली वैकल्पिक सरकारों के चक्र को तोड़ना है, जिसके लिए हमें लोगों के आशीर्वाद और सहयोग की जरूरत है। एक बार जब हम 2023 जीत जाएंगे, तो हमारे पास 2024 के लोकसभा चुनाव जीतने के बेहतर मौके होंगे।

पिछले दो लोकसभा चुनावों में हमने एक भी सीट नहीं जीती। इस बार हमें उल्लेखनीय रूप से बेहतर करना चाहिए।

प्रश्न : क्या आपको लगता है कि कैबिनेट विस्तार में एक साल से अधिक की देरी का आने वाले चुनावों पर कोई असर पड़ सकता है?

उत्तर : मैं इस कहावत में ²ढ़ता से विश्वास करता हूं, देरी कभी न होने से बेहतर है। जो होना था, वो अब हो चुका है। राष्ट्रीय स्तर पर, कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जो अपनी अखिल भारतीय उपस्थिति के कारण भाजपा से मुकाबला कर सकती है क्योंकि यह उत्तर से दक्षिण को आपस में जोड़ती है। अब हमारे शीर्ष नेताओं जैसे प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और सोनिया गांधी जी की ओर से बड़ी रुचि के साथ विस्तार और संतुलन किया गया है।

हम चाहते हैं कि हमारे कार्यकर्ताओं की ऊर्जा को बढ़ाया जाए, ताकि वे 2023 के चुनावों के लिए तैयार हों। एक बार जब हम 2023 का चुनाव जीत जाएंगे, तो हम उसी जोश के साथ 2024 का संसदीय चुनाव लड़ेंगे। मैं 30 साल के चक्र को तोड़ना चाहता हूं और अब जब विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं का संतुलित प्रतिनिधित्व है, तो हम चुनौती के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

(आईएएनएस)

Created On :   26 Nov 2021 5:00 PM GMT

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