पीएम नरेंद्र मोदी की कई विशेषताओं में एक है निर्णय लेने की क्षमता,जानिए उनके कुछ अहम फैसलों से मिले फायदे और नुकसान के बारे में

पीएम नरेंद्र मोदी की कई विशेषताओं में एक है निर्णय लेने की क्षमता,जानिए उनके कुछ अहम फैसलों से मिले फायदे और नुकसान के बारे में
जन्मदिन विशेष पीएम नरेंद्र मोदी की कई विशेषताओं में एक है निर्णय लेने की क्षमता,जानिए उनके कुछ अहम फैसलों से मिले फायदे और नुकसान के बारे में

डिजिटल डेस्क भोपाल, राजा वर्मा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की कमान संभाले आठ साल हो चुके हैं। बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में गुजरात के सीएम रहते हुए नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार बनाया था और उनके नेतृत्व में ही 282 सीटें जीतकर अभूतपूर्व सफलता हासिल की थी। वहीं 2019 में दोबारा मोदी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन ने 353 सीटें जीतकर सभी राजनैतिक पंडितों को सोचने पर मजबूर कर दिया था।

राजनैतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी को दोबारा लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत दिलाने में पीएम नरेंद्र मोदी के कई फैसलों ने अहम भूमिका निभाई है। 17 सितबंर को उनका जन्मदिन है आइऐ जानते है उनके द्वारा लिए गए कुछ अहम फैसलों के बारे में जिसका सीधा असर देश के आम नागरिकों तक पड़ा। जानते हैं उनके फैसलों से किसे कितना नुकसान और कितना फायदा मिला

1- नोटबंदी
8 नबंवर 2016 को पीएम नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रूपए  के पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा की। हालांकि पुराने नोटों को बैंक में जमा करने की छूट भी दी गई थी। पुराने नोटों के एवज में सरकार ने पांच सौ और दो हजार के नए नोट जारी किए। उनके इस फैसले का असर सीधा देश के आम नागरिकों पर पड़ा। कहा जा सकता है कि बेपटरी हुई गाड़ी कुछ दिनों बाद धीरे-धीरे पटरी पर आई। 

फायदे 
पीएम के इस फैसले के बाद से लोगों ने कम से कम कैश रखने की शुरूआत की। डिजिटल ट्रांजेक्शन का दायरा तेजी  से बढ़ा।डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ने की वजह से एटीएम और बैंको में पैसे निकालने के लिए लंबी लाइनों में कमी आई। नेटबैंकिंग और यूपीआई ट्रांजेक्शन को लोगों ने अपनाया।

नुकसान 
नोटबंदी का ऐलान करते समय कहा गया था कि इससे कालाधन,आतंकवाद और नकली नोटों के मामलों में कमी देखने को मिलेगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। एक रिपोर्ट में बताया गया कि स्विस बैंक में भारतीय लोगों के पैसे में करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है । 


2-सर्जिकल स्ट्राइक 
भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा के अंदर घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। सेना ने सिर्फ 4 घंटे के ऑपरेशन में आतंकवादी शिविरों को नेस्तनाबूद करने में सफलता हासिल की थी। 28 सितंबर की रात को सेना ने पाकिस्तानी सीमा के 3 किलोमीटर अंदर जाकर स्ट्राइक की। इस स्टाइक की रणनीति बनाने और उसे अंजाम देने के लिए जो निर्णय लिए गए उसमें पीएम मोदी की अहम भूमिका थी। मोदी सरकार के इस फैसले को देश के नागरिकों ने सराहा वहीं विपक्ष ने सवाल भी उठाए। हालांकि सर्जिकल स्ट्राइक का एक बड़ा फायदा केंद्र को मिला और लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार 2.0 की वापसी हुई।

फायदे 
मोदी के इस फैसले को जनता ने सराहा यही नहीं दुनियाभर में भारत की आतंकविरोधी छवि और भी मजबूत हुई। सरकार ने इस फैसले से संदेश देने की कोशिश किया कि भारत में आतंकवाद को बढ़ने का मौका नहीं दिया जाएगा।   

नुकसान 
भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक के कुछ ही घंटो बाद पाकिस्तान के कुछ विमान नियंत्रण रेखा पार कर देश में घुस गए थे। पाकिस्तानी विमानों ने बमबारी की जिसका जबाव देते हुए भारत का एक मिग -21विमान पाकिस्तानी सीमा में जा गिरा और विंग कमांडर अभिनंदन को पाक सेना ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि पाकिस्तान को बाद में उन्हें रिहा करना पड़ा। 


3-जीएसटी 
पीएम मोदी ने 1 जुलाई 2017 को एक देश,एक टैक्स की नीति के तहत जीएसटी लागू करने का फैसला लिया। जीएसटी के तहत उन छोटे-छोटे टैक्सों को समाप्त कर दिया गया जिसे राज्य सरकारें लगाया करती थी। अब यह टैक्स दो हिस्सों में बांटा जाता  है।  
    
फायदे 
जीएसटी के जरिए टैक्स की विसंगतियों को दूर किया गया। इसके साथ ही देश भर में एक समान टैक्स की शुरूआत हुई। 

नुकसान 
जीएसटी लागू करने के बाद सरकार ने इसके फायदे बताने का प्रयास किया लेकिन व्यापारियों और राज्य सरकारों ने इसका जमकर विरोध किया। सरकार ने इस टैक्स से पेट्रोलियम पदार्थ और शराब को बाहर रखा। जिसके बाद अलग-अलग राज्यों ने अपनी मर्जी से टैक्स वसूला नतीजा यह रहा कि कई  जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए।  


4-तीन तलाक 
मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल को 19 सितम्बर, 2018 को लागू किया। यह फैसला मुस्लिम महिलाओं के लिए बड़ा बदलाव लेकर आया। इसके तहत तीन बार तलाक कहकर मुस्लिम महिलाओं से सम्बंध को खत्म करने की प्रथा को गैर-कानूनी करार दे दिया गया।

फायदा
इस फैसले का मुस्लिम महिलाओं ने जमकर स्वागत किया। तीन तलाक देने वालों को इसके तहत 3 साल की सजा देने का प्रावधान रखा गया, साथ ही महिलाओं को गुजारा भत्ता देने की भी व्यवस्था की गई। नतीजा ये हुआ की तीन तलाक के मामलों में कमी देखी गई।  
 
नुकसान 
इस कानून के तहत महिलाओं को खुद ही ऐसे मामलों की शिकायत करनी होगी। लेकिन ऐसे भी कई मामले देखने में सामने आए जिसमें महिलाएं कम पढ़ी लिखी थी और अपने ससुराल के दबाव की वजह से शिकायत नहीं कर पाती हैं।  


5-धारा 370
5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने का एक बड़ा फैसला लिया था। बीजेपी हमेशा से ही धारा 370 को हटाने के पक्ष में रही है लेकिन इस फैसले के लिए जो समय चुना गया उसकी रणनीति के अहम किरदार पीएम  मोदी ही थे। धारा 370 के हटाए जाने के बाद राज्य के मिले सभी विशेषाधिकार खत्म हो गए।जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेश में बंट गया- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख। 

फायदे
 केंद्र के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में वो सभी कानून और योजनाओं को लागू किया गया जिसका फायदा देश के दूसरे राज्यों को मिल रहा है। सरकार के इस फैसले का देश की ज्यादातर जनता ने समर्थन किया।  

नुकसान 
सरकार के इस फैसले का कई पार्टियों ने जमकर विरोध किया खासकर जम्मू-कश्मीर की राजनैतिक पार्टीयों ने। यही वजह रही की राज्य में अशांति की स्थिति बनी। महीनों तक इंटरनेट की सेवा को बंद रखा गया। कई नेताओं को नजरबंद किया गया। स्थानीय लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं कुछ महीनों तक यहां पर पर्यटन गतिविधियां प्रभावित रही। 

Created On :   16 Sep 2022 7:08 PM GMT

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