पार्थ चटर्जी की न्यायिक हिरासत 22 दिसंबर तक बढ़ाई गई

Partha Chatterjees judicial custody extended till December 22 in Teacher scam
पार्थ चटर्जी की न्यायिक हिरासत 22 दिसंबर तक बढ़ाई गई
शिक्षक घोटाला पार्थ चटर्जी की न्यायिक हिरासत 22 दिसंबर तक बढ़ाई गई

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को राज्य में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित संलिप्तता के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी की न्यायिक हिरासत 22 दिसंबर तक बढ़ा दी।

पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (डब्ल्यूबीबीएसई) के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गंगोपाध्याय और वेस्ट बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (डब्ल्यूबीएसएससी) के पूर्व अध्यक्ष सुबिरेश भट्टाचार्य समेत पांच अन्य लोगों के लिए भी न्यायिक हिरासत का समान विस्तार किया गया।

सोमवार को, चटर्जी के वकील ने जमानत याचिका दायर की, केंद्रीय जांच ब्यूरो के वकील ने इसका जोरदार विरोध किया और दावा किया कि पूर्व मंत्री ही पूरे शिक्षक भर्ती अनियमितताओं में बड़ी साजिश के मास्टरमाइंड थे। सीबीआई के वकील ने आगे तर्क दिया कि उन्होंने डब्ल्यूबीएसएससी की एक स्क्रीनिंग कमेटी को अवैध रूप से नियुक्त करके पूरी साजिश रची थी, जिसके माध्यम से प्रक्रिया में पूरी तरह से हेराफेरी की गई थी।

चटर्जी के वकील ने बड़ी साजिश की परिभाषा पर सवाल उठाया। वहीं न्यायाधीश ने एक बार चटर्जी को बोलने की अनुमति दी, उन्होंने कहा- यदि वह चाहें तो बोल सकते हैं। भावुक चटर्जी ने तब कहा कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति होने के आरोपों से थक चुके हैं। हर कोई यहां सामाजिक न्याय की बात कर रहा है। लेकिन मेरा चरित्र हनन हर दिन हो रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो भविष्य में कोई भी मंत्री या जनप्रतिनिधि बनने को तैयार नहीं होगा। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के प्रतिनिधि मंत्रियों की जगह क्यों नहीं लेते? मैं भी अपने लिए न्याय चाहता हूं।

चटर्जी के वकील सलीम रहमान ने कहा कि अगर डब्ल्यूबीएसएससी की स्क्रीनिंग कमेटी ने किसी तरह की अनियमितता की है तो इसमें उनके मुवक्किल की कोई भूमिका नहीं है। एक आरोप पत्र दायर किया गया है, क्या अतिरिक्त जांच की आवश्यकता है? मेरे मुवक्किल को एक ही आरोप के आधार पर बार-बार न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जा सकता। मेरा मुवक्किल बच नहीं पाएगा। इसलिए उनकी जमानत किसी भी हाल में मंजूर की जाए।

हालांकि, सीबीआई के वकील ने दावा किया कि स्क्रीनिंग कमेटी का गठन खुद राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री द्वारा सभी मानदंडों की धज्जियां उड़ाते हुए किया गया था। वकील ने तर्क दिया, इसीलिए वह उस बड़ी साजिश के प्रमुख मास्टरमाइंड हैं।

(आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   12 Dec 2022 1:30 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story