75वीं वर्षगांठ: UNGA में बोले पीएम मोदी- विश्वसनीयता के संकट से जूझ रहा है संयुक्त राष्ट्र, सुधार की जरूरत
डिजिटल डेस्क, संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार देर रात UNGA (United Nations General Assembly-UNGA) की एक उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 75 साल पहले, युद्ध की भयावहता से एक नई आशा पैदा हुई। मानव इतिहास में पहली बार, पूरी दुनिया के लिए एक संस्था बनाई गई थी। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के संस्थापक हस्ताक्षरकर्ता के रूप में भारत उस महान दृष्टिकोण का हिस्सा था।
A call for reformed multilateralism to address contemporary challenges!
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) September 21, 2020
Watch PM @NarendraModi’s address at the #UNGA at the high level event to commemorate the 75th anniversary of the UN. pic.twitter.com/f0tagqBE6c
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 मिनट के वीडियो संदेश में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को आईना दिखाते हुए कहा, यह विश्वसनीयता के संकट से जूझ रहा है। उन्होंने इस पर गौर करने का भी आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र के हाई लेवल वीक के पहले दिन के मीटिंग का न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय से लाइव स्ट्रीम किया गया।
विश्वसनीयता के संकट का सामना कर रहा संयुक्त राष्ट्र
पीएम मोदी ने एक प्री-रिकॉर्डेड संदेश में ये बात कही जो ईस्टर्न टाइम जोन के हिसाब से शाम 5:30 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 3 बजे) लाइव हुआ। उन्होंने कहा, हम व्यापक सुधारों के बिना पुराने ढांचे के साथ आज की चुनौतियों का मुकाबला नहीं कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र विश्वसनीयता के संकट का सामना कर रहा है।
मोदी ने कहा, आज की परस्पर संबद्ध दुनिया के लिए, हमें एक दुरुस्त बहुपक्षवाद की जरूरत है जो आज की वास्तविकताओं को दर्शाए, सभी हितधारकों को आवाज दे, समकालीन चुनौतियों का सामना करे और मानव कल्याण पर ध्यान केंद्रित करे। आत्मनिरीक्षण मनोदशा संयुक्त राष्ट्र के लिए नया नहीं है, यह वास्तव में युगचेतना को दर्शाता है। सोमवार को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सुरक्षा परिषद ढांचे में रुके हुए सुधार को नया जीवन देने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया।
UN ने वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन को प्रतिबिंबित किया
पीएम मोदी ने कहा, संयुक्त राष्ट्र ने भारत के "वसुधैव कुटुम्बकम" के दर्शन को प्रतिबिंबित किया, जो दुनिया को एक परिवार के रूप में देखता है। संयुक्त राष्ट्र की वजह से आज हमारी दुनिया एक बेहतर जगह है। हम उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने शांति,विकास के लिए काम किया और संयुक्त राष्ट्र के झंडे तले उसके शांति अभियानों में योगदान दिया। इसमें भारत ने अग्रणी रहकर अपना योगदान दिया।
180 से अधिक देशों के नेताओं ने दिया भाषण
पीएम मोदी 180 से अधिक अन्य देशों के नेताओं की पंक्ति में 104वें नंबर भाषण देने आए। भारतीय प्रधानमंत्री के भाषण से पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरूमूर्ति ने स्वागत भाषण दिया।
स्पीकर की सूची में पहले स्थान पर थे ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को स्पीकर की सूची में पहले स्थान पर थे, लेकिन वह इससे दूर रहे। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका की मांगों के आधार पर ईरान पर प्रतिबंधों का समर्थन नहीं करेगा जब तक कि उसे सुरक्षा परिषद से हरी झंडी नहीं मिल जाती। ट्रंप प्रशासन शनिवार से बार-बार घोषणा कर रहा है कि ईरान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रतिबंधों को बहाल कर दिया गया है, एक ऐसा कदम जो निस्संदेह इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र की उच्च-स्तरीय बैठकों के दौरान नए विवाद को जन्म देगा।
Created On :   22 Sept 2020 10:22 AM IST