पीएम मोदी ने गुजरात के पावागढ़ में पुनर्विकसित कालिका माता मंदिर का किया उद्घाटन
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के पंचमहल जिले के पावागढ़ हिल में पुनर्विकसित कालिका माता मंदिर का उद्घाटन किया। यह क्षेत्र के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है और बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।
मंदिर का पुनर्विकास 2 चरणों में किया गया है। पहले चरण का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने इस साल की शुरुआत में अप्रैल में किया था। दूसरे चरण के पुनर्विकास की आधारशिला, जिसका उद्घाटन शनिवार को हुआ था, 2017 में प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई थी। इसमें मंदिर के आधार का विस्तार और तीन स्तरों पर परिसर, स्ट्रीट लाइट, सीसीटीवी सिस्टम जैसी सुविधाओं की स्थापना शामिल है।
उन्होंने उस क्षण के महत्व को रेखांकित किया जब पांच शताब्दियों के बाद और आजादी के 75 साल बाद भी मंदिर पर पवित्र ध्वज फहराया गया है। उन्होंने कहा, आज सदियों के बाद एक बार फिर पावागढ़ मंदिर के शीर्ष पर झंडा फहराया गया है। यह शिखर ध्वज झंडा न केवल हमारी आस्था और आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि इस बात का भी प्रतीक है कि सदियां बदल जाती हैं, युग बदलते हैं, लेकिन विश्वास शाश्वत रहता है।
अयोध्या में राम मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम और केदार धाम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, आज भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव को बहाल किया जा रहा है। आज नया भारत अपनी आधुनिक आकांक्षाओं के साथ अपनी प्राचीन पहचान को गर्व से जी रहा है। उन्होंने कहा कि आस्था के केंद्रों के साथ-साथ हमारी प्रगति की नई संभावनाएं उभर रही हैं और पावागढ़ का यह भव्य मंदिर उसी यात्रा का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह मंदिर सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का भी प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने याद किया कि किस तरह स्वामी विवेकानंद ने मां काली की ब्रीफिंग पाकर खुद को जन सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने कहा कि आज उन्होंने देवी से लोगों की सेवा करने की शक्ति देने को कहा। मोदी ने प्रार्थना की, माँ, मुझे आशीर्वाद दें कि मैं और अधिक ऊर्जा, त्याग और समर्पण के साथ देश के लोगों की सेवा करता रहूं। मेरे पास जो भी ताकत है, मेरे जीवन में जो भी गुण हैं, मुझे जारी रखना चाहिए इसे देश की माताओं और बहनों के कल्याण के लिए समर्पित करें।
आजादी का अमृत महोत्सव के संदर्भ में, प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात ने स्वतंत्रता संग्राम के साथ-साथ राष्ट्र की विकास यात्रा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। गरवी गुजरात भारत के गर्व और गौरव का पर्याय है। उन्होंने कहा कि सोमनाथ मंदिर की गौरवशाली परंपरा में पंचमहल और पावागढ़ हमारी विरासत के गौरव के लिए काम करते रहे हैं।
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Created On :   18 Jun 2022 3:31 PM IST