अधिकार समूह ने पीएफआई पर से प्रतिबंध वापस लेने की मांग की

Rights group APDR demands withdrawal of ban on PFI
अधिकार समूह ने पीएफआई पर से प्रतिबंध वापस लेने की मांग की
एपीडीआर अधिकार समूह ने पीएफआई पर से प्रतिबंध वापस लेने की मांग की

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। भारत के प्रमुख मानवाधिकार समूह एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स (एपीडीआर) ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और इससे जुड़े संगठनों पर पांच साल के लिए लगाए गए प्रतिबंध को वापस लेने की मांग केंद्रीय गृह मंत्रालय से की।

एपीडीआर महासचिव रंजीत सूर के अनुसार- पीएफआई, वंचितों, दलितों और बड़े पैमाने पर राष्ट्र के सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक सशक्तिकरण की उपलब्धि के लिए काम करने के अपने घोषित उद्देश्य के साथ, अल्पसंख्यकों और ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर काम करने का दावा करता है। सुर ने कहा, इसकी राजनीतिक शाखा, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) ने संसद के स्तर से स्थानीय निकायों के चुनावों में भाग लिया है और इसके कुछ प्रतिनिधि भी चुने जा रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि एपीडीआर का ²ढ़ विश्वास है कि इस देश के प्रत्येक संगठन को अपनी विचारधारा को बनाए रखने का अधिकार है जिसका केवल वैचारिक और राजनीतिक रूप से ही मुकाबला किया जा सकता है। आगे सूर ने कहा, किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाना कभी भी एक वैचारिक और राजनीतिक मुद्दे का जवाब नहीं हो सकता है, और केंद्र सरकार को एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए कि उसने संगठनों पर प्रतिबंध लगाकर अतीत में क्या हासिल किया है और इस प्रतिबंध से क्या हासिल किया जा सकता है। इसलिए, एपीडीआर प्रतिबंध की अधिसूचना को तत्काल वापस लेने और इस सिलसिले में गिरफ्तार सभी राजनीतिक बंदियों की बिना शर्त रिहाई की मांग करता है।

इस बीच बुधवार शाम को, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी-लेनिनवादी) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि, पीएफआई पर प्रतिबंध देश में मुस्लिम आबादी को आतंकित करने की एक चाल है।

(आईएएनएस)

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Created On :   28 Sep 2022 7:00 PM GMT

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