सर्वे में आया हैरान करने वाला आंकड़ा, गुजरात में इतने फीसदी मुस्लिम वोट पा सकती है बीजेपी, पसमांदा मुसलमानों के बीच पैठ बनाने की कोशिश
डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। गुजरात में होने वाले अगामी विधानसभा चुनावो को लेकर कई तरह के सर्वे किए जा रहे है। जिसमें बीजेपी को बढ़त मिलती हुई दिख रही है। एबीपी न्यूज के सी वोटर सर्वे में दावा किया गया है कि इस बार बीजेपी मुस्लिम वोटरों में भी सेंध लगाने में कामयाब रहेगी। सर्वे के मुताबिक, कांग्रेस के खाते में 47 फीसदी तक मुस्लिम वोटर जा सकते हैं। तो वहीं ओवैसी के पार्टी एआईएमआईएम को 9 फीसदी,भाजपा को 19 फीसदी व केजरीवाल के आम आदमी पार्टी को 25 फीसदी तक वोट मिलने की संभावना है। सर्वे में बीजेपी जो गुजरात की सत्ता पर 27 साल से शासन कर रही है, उसे सिर्फ 19 पर्सेंट तक वोट पाने की उम्मीद है।
पीएम मोदी को क्यों याद आए पसमांदा मुस्लिम?
भले ही बीजेपी के आंकड़े बेहद कम है लेकिन भाजपा के पुराने रिकॉर्ड को देखा जाए तो चौंकाने वाला है। इसी साल बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक जो हैदराबाद में हुई थी। मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने बीजेपी को मुस्लिमों के बीच जाने को कहा है और पसमांदा के मुस्लिमों पर गौर फरमाना चाहिए, जो राजनीतिक प्रतिनिधित्व से दूर रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि गुजरात में बीजेपी की तरफ से प्रयोग की भी बात कही थी और कहा कि पसमांदा के मुस्लिमों का एक तबका बीजेपी को ही वोट देता आ रहा है।
पसमांदा मुस्लिम वोटर्स पर बीजेपी की नजर
अब भाजपा पसमांदा मुस्लिमों को तेजी से जुटाने में लग गयी है। उत्तर प्रदेश के बरेली में बीते रविवार को पसमांदा के मुस्लिमों की रैली निकली थी। रैली में बड़ी संख्या में भीड़ मौजूद थी, मुस्लिमों की ओर से योगी आदित्यनाथ और मोदी के जिंदाबाद के नारे लगाए गए। जिसके बाद से साफ है कि बीजेपी अब पसमांदा मुस्लिमों को एक जुट करने में लग चुकी है और इसका असर भी दिखने लगा है। भाजपा यह कहती रही है कि उनकी सरकारें कभी भी किसी जाति और धर्म के आधार पर योजनाओं का निर्माण नहीं करती है। इन योजनाओं का ज्यादा फायदा अल्पसंख्यकों को मिला है।
भाजपा की मुस्लिमों के बीच पैठ से बाकी राजनीतिक दल जो सेकुलरिज्म की राजनीति करते हैं, उनकी भी नींद हराम हो चुकी है। यूपी में सपा और बसपा, महाराष्ट्र में कांग्रेस , गुजरात में कांग्रेस और एनसीपी जैसी पार्टियों को बीजेपी के रणनीति से बड़ा झटका लग सकता है। इससे पहले भाजपा ने कई राज्यो में 40 फीसदी से भी अधिक वोट मिल चुके हैं। ऐसे में अल्पसंख्यको के बीच बढ़ती पहुंच से फायदा होना साफ है। चुनाव के नतीजों से यह पता चल जाएगा कि असल में भीजेपी की अल्पसंख्यकों के बीच कितनी पकड़ है।
जानें कौन है पसमांदा मुस्लिम
जानकारों की माने तो पसमांदा मुसलमानों को बाकी मुस्लिमों की तुलना में निचले दर्जा का माना जाता है। बताया जाता है कि जिन लोगों ने अपने धर्म को त्याग कर इस्लाम को कबूल अपनाया। उन्हें ही पसमांदा मुस्लिम माना जाती है। धर्म परिवर्तन करने वाले मुसलमान स्थानीय आबादी का हिस्ता थे और काफी समय के बाद इन लोगों ने धर्म अपनाया है। इनमें से ज्यादातर लोगों ने अपने व्यवसाय के आधार पर ही अपने नाम का टाइटल रखा। जैसे अंसारी लोगों को बुनकर, कुरैशी (कसाई) के रूप में पहचाना जाने लगा।
Created On :   14 Nov 2022 8:00 PM IST