शिक्षक भर्ती घोटाला : अर्पिता ने बहनोई को 18 हजार रुपये पगार पर बनाया था कंपनियों का निदेशक

Teacher recruitment scam: Arpita made brother-in-law the director of companies on a salary of 18 thousand rupees
शिक्षक भर्ती घोटाला : अर्पिता ने बहनोई को 18 हजार रुपये पगार पर बनाया था कंपनियों का निदेशक
शिक्षक भर्ती घोटाला शिक्षक भर्ती घोटाला : अर्पिता ने बहनोई को 18 हजार रुपये पगार पर बनाया था कंपनियों का निदेशक

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी ने अपने बहनोई को तीन फर्जी कंपनियों का निदेशक नियुक्त किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने पाया कि तीन फर्जी कंपनियों - सिम्बायोसिस मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड, सेंट्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और एचे एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक के रूप में अर्पिता मुखर्जी और कल्याण धर के नाम हैं।

अधिकारियों को अंत में पता चला कि धर अर्पिता की छोटी बहन का पति है। हालांकि, धर ने ईडी के अधिकारियों को सूचित किया है कि उन्हें तीन कंपनियों के निदेशक के रूप में अपना नाम शामिल किए जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। धर ने केंद्रीय एजेंसी को सूचित किया है कि वह पेशे से ड्राइवर है और 2011 में अर्पिता मुखर्जी ने उसे 10,000 रुपये के मासिक वेतन पर अपना निजी ड्राइवर नियुक्त किया और बाद में बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह कर दिया। हालांकि, ईडी के अधिकारियों ने कहा कि धर ने उन्हें सूचित किया है कि कुछ साल पहले अर्पिता को आधार कार्ड, पैन कार्ड और मतदाता पहचानपत्र जैसे उनके पहचान विवरण की फोटोकॉपी मिली थी।

ईडी के एक अधिकारी ने कहा, हालांकि, धर ने हमें सूचित किया है कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उन्हें इन दस्तावेजों की फोटोकॉपी क्यों मिली। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि धर के दावे कितने सही हैं। धर ने यह भी बताया कि ड्राइविंग असाइनमेंट के अलावा, वह अपनी पत्नी की बड़ी बहन के लिए भी काम करता था। उसे निजी इस्तेमाल की चीजें खरीदकर दक्षिण कोलकाता के डायमंड पार्क कॉम्प्लेक्स स्थित अर्पिता के आवास पर पहुंचाना पड़ता था।

ईडी की जांच के दायरे में आई तीन कंपनियों के तीन अलग-अलग पते हैं। सेंट्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड का पता, जिसका पंजीकृत कार्यालय डायमंड सिटी साउथ, टॉवर-2, फ्लैट नंबर-1 ए, पहली मंजिल, कोलकाता - पश्चिम बंगाल- 700041 है। यह वही हाउसिंग कॉम्प्लेक्स है, जिसमें अर्पिता मुखर्जी का आवास है, जहां ईडी के अधिकारी 23 जुलाई को पहुंचे थे भारी खजाना बरामद किया था।

दूसरी कंपनी, सिम्बायोसिस मर्चेट्स प्राइवेट लिमिटेड और उसका पंजीकृत कार्यालय 19, नवाब अब्दुल लतीफ स्ट्रीट, 22, बेलघरिया, उत्तर 24 परगना कोलकाता - पश्चिम बंगाल 700056 है। यह वह इलाका है, जहां अर्पिता मुखर्जी का पैतृक निवास है, जहां उनकी विधवा मां अभी भी रहती हैं।

संघ के तहत रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के रिकॉर्ड के अनुसार तीसरी कंपनी एच्छे एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड है, जिसका पंजीकृत पता 95, राजदंगा मेन रोड, एलपी-107/439/78, कोलकाता-पश्चिम बंगाल 700107 है। हालांकि, ईडी को पहले ही शिकायत मिल चुकी है कि एच्छे एंटरटेनमेंट का पता वास्तव में अर्पिता के छोटे भाई की केबल टेलीविजन कंपनी के नाम पर दर्ज है। उसने अपने दावे के पक्ष में ट्रेड लाइसेंस सहित दस्तावेज भी पेश किए।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   28 July 2022 11:00 AM GMT

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