B Sudarshan Reddy On RSS: उपराष्ट्रपति चुनाव उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने आरएसएस पर दिया बड़ा बयान, कहा- 'ये लड़ाई नहीं है, ये विचारों का...'

- बी सुदर्शन रेड्डी ने आरएसएस पर दिया बड़ा बयान
- आरएसएस की विचारधारा का किया विरोध
- आरएसएस की विचारधारा से जताई आपत्ति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति चनाव के लिए विपक्षी दल ने संयुक्तर रूप से समर्पित बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार चुना है। उन्होंने अपने नामांकन के बाद बातचीत की है। साथ ही उन्होंने आरएसएस की विचारधारा पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि, सिर्फ मेरे और राधाकृष्णन के बीच मुकाबला नहीं है। ये दो अलग-अलग विचारधाराओं का मुकाबला है। उनका कहना है कि, वे आरएसएस की विचारधारा से बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं।
बी सुदर्शन रेड्डी का क्या है कहना?
बी सुदर्शन रेड्डी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि, 'नामांकन से दो दिन पहले तक मेरे मन में कोई ख्वाब भी नहीं था कि मैं उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ूंगा। मैंने वैसे भी कोई चुनाव नहीं लड़ा, मैं लगभग 30 वर्षों से अधिक समय से कानूनी पेशे में हूं। मैंने सिर्फ और सिर्फ बार एसोसिएशन का चुनाव लड़ा था। मैं चुनाव और चुनाव प्रक्रिया से परिचित हूं, लेकिन मैंने चुनाव नहीं लड़ा।'
कैसे बने उप राष्ट्रपति उम्मीदवार?
इसके अलावा उन्होंने उप राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर कहा है कि, 'मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ूंगा। यह प्रस्ताव कांग्रेस पार्टी की ओर से आया, कांग्रेस पार्टी के कुछ महत्वपूर्ण पदाधिकारियों ने प्रस्ताव रखा और मैंने अपना विचार व्यक्त किया कि मेरे लिए किसी विशेष पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनना कठिन हो सकता है। अगर INDIA गठबंधन सहमत हों और वे सभी एक साथ आएं तो मैं चुनाव लड़ूंगा, बस इसी तरह ये पूरी बात हुई।'
'ये लड़ाई नहीं, विचारों का टकराव है'- बी सुदर्शन रेड्डी
INDIA गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने आरएसएस पर प्रतिक्रिया दी कि, "यह लड़ाई नहीं है, यह विचारों का टकराव है। दूसरा पक्ष प्रचार कर रहे थे कि यहां एक व्यक्ति है, जो जीवन भर RSS का एक पूर्ण सदस्य रहा है, तो मैं उस विचारधारा से असहमत हूं, सी.पी. राधाकृष्णन जी से नहीं। सी.पी. राधाकृष्णन और मेरे बीच कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है। हम एक-दूसरे से कभी मिले भी नहीं हैं। इसलिए मैं चाहता था कि यह एक सभ्य प्रतियोगिता हो, व्यक्तियों के बीच नहीं बल्कि दो अलग-अलग विचारधाराओं के बीच। इसीलिए मैंने कहा कि यह एक वैचारिक लड़ाई है।"
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Created On :   23 Aug 2025 1:14 PM IST