कांग्रेस अध्यक्ष पद नामांकन पत्र व राजस्थान घटनाक्रम पर कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने तोड़ी चुप्पी

Treasurer Pawan Bansal broke silence on Congress Presidents nomination paper and Rajasthan developments
कांग्रेस अध्यक्ष पद नामांकन पत्र व राजस्थान घटनाक्रम पर कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने तोड़ी चुप्पी
नई दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद नामांकन पत्र व राजस्थान घटनाक्रम पर कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने तोड़ी चुप्पी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव को लेकर लगातार गहमागहमी बनी हुई है। इस बीच खबर आई कि पार्टी कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने नामांकन पत्र लिए हैं और वह चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि पवन बंसल ने इस खबर का खंडन करते हुए कहा कि, अध्यक्ष पद को लेकर मेरे ख्यालों में भी कुछ नहीं है। इसके अलावा उन्होंने राजस्थान घटनाक्रम पर भी अपनी राय रखते हुए कहा, इस तरह पार्टी और संस्थानों में कभी-कभी हो जाता है लेकिन बैठ कर सबकुछ सुलझा लिया जाएगा।

पवन बंसल नें दो फॉर्म क्यों लिए इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने आईएएनएस को बताया कि, मैंने फॉर्म सिर्फ इस कारण से लिए हैं, क्योंकि पिछली बार चंडीगढ़ के सदस्यों का फॉर्म रद्द हो गया था। मैं बीते कल चंडीगढ़ जा रहा था इसलिए मैंने दो फॉर्म ले लिए, मैं नहीं चाहता था कि पिछली बार की तरह इस बार भी ऐसा कुछ हो।

मैंने सोचा कि प्रदेश अध्यक्ष को वहां जाकर फॉर्म देदूं। वो सीरियल नंबर से 10 -10 के नाम दो फॉर्म में भर देंगे और जो मौके पर होंगे उनसे लेकर तैयार रखेंगे। उससे हम किसी भी केंडिडेट जिनका नामांकन पत्र हम भरना चाहते हैं, उनका नाम भरकर भेज देंगे। इससे सभी को आने की जरूरत नहीं होगी।

अध्यक्ष पद को लेकर चल रही खबरों का खंडन करते हुए कहा, मेरे अध्यक्ष बनने पर कोई सवाल ही नहीं है और ना ही मेरे ख्यालों में अध्यक्ष बनने को लेकर कोई स्थिति है। इसके साथ ही राजस्थान में चल रहे घटनाक्रम पर पवन बंसल ने कहा, मैं राजस्थान की घटना पर कुछ नहीं कह सकता हूं क्योंकि मैं अधिकृत व्यक्ति नहीं हूं और मुझे राजस्थान की घटना पर जानकारी भी नहीं है। लेकिन संस्थाओं में राजनीतिक पार्टियों में कभी कभी ऐसा हो जाता है। बाद में बैठकर सब कुछ अच्छे ढंग से निपटा लिया जाता है और मुझे राजस्थान को लेकर भी विश्वास है कि बैठकर ही सारे हल निकल सकेंगे।

राजस्थान में सियासी घमासान के बाद लगातार कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर अलग-अलग नामों की चर्चा हो रही है इनमें पार्टी सूत्रों की माने तो मल्लिकार्जुन खड़गे अध्यक्ष बन सकते हैं, क्योंकि वह वरिष्ठ भी हैं। खड़गे राज्यसभा में विपक्ष के नेता के पद पर हैं लेकिन लोकसभा में भी उनकी ही राय चलती है। खड़गे कर्नाटक के दलित नेता हैं। गुलबर्गा से चुनाव जीतकर लोकसभा में आए थे। 80 साल के खड़गे मनमोहन सिंह मंत्रिमंडल में रेल मंत्री और श्रम मंत्री भी रह चुके हैं। साथ ही राज्यसभा में खड़गे की जगह पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को दी जा सकती है।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   27 Sep 2022 12:00 PM GMT

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