धान खरीद पर केंद्र सरकार के खिलाफ टीआरएस ने किया विरोध प्रदर्शन
- TRS ने किसानों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। तेलंगाना की सत्तारूढ़ पार्टी टीआरएस ने शुक्रवार को केंद्र से राज्य का धान स्टॉक पूरा खरीदने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। तेलंगाना राष्ट्र समिति के मंत्रियों, संसद सदस्यों और राज्य के विधायकों ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में धरना दिया। केंद्र ने धान का पूरा स्टॉक खरीदने से मनाकर दिया, जिसके बाद बड़ी संख्या में टीआरएस कार्यकर्ता ने तख्तियां लटकाकर विरोध प्रदर्शन किया।
टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, नगर प्रशासन और शहरी विकास मंत्री के टी रामाराव ने अपने गृह क्षेत्र सिरसिला में विरोध का नेतृत्व किया।
वित्त और स्वास्थ्य मंत्री टी. हरीश राव ने सिद्दीपेट में विरोध का नेतृत्व किया। उन्होंने केंद्र के अड़ियल रवैये और राज्य की उपेक्षा के लिए उसकी आलोचना की। हरीश राव ने कहा कि तेलंगाना ने कृषि क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति की है और पिछले सात वर्षों के दौरान किसानों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। धान खरीद पर केंद्र द्वारा उठाया गया रुख किसानों के लिए अभिशाप बन गया है। उन्होंने सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने, तालाबों और झीलों के पुनरुद्धार और खेती के तहत क्षेत्र को बढ़ाने के लिए 24 घंटे मुफ्त बिजली आपूर्ति जैसे टीआरएस सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को सूचीबद्ध किया।
नेता ने कहा कि टीआरएस के लिए विरोध प्रदर्शन कोई नई बात नहीं है क्योंकि पार्टी ने तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के लिए भी संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि कल हमने तेलंगाना राज्य के लिए लड़ाई लड़ी और अपना लक्ष्य हासिल किया, आज हम केंद्र द्वारा अपने राज्य के साथ होने वाले अन्याय का विरोध कर रहे हैं।
हरीश राव ने कहा कि विरोध सिर्फ शुरूआत है और टीआरएस किसानों की खातिर इसे किसी भी हद तक ले जाने के लिए तैयार है। टीआरएस नेता ने कहा कि हम भाजपा से हमें देशद्रोही या हमारे खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने से नहीं डरते है। हैदराबाद में मंत्री मोहम्मद महमूद अली और श्रीनिवास यादव ने इंदिरा पार्क के पास धरना चौक पर विरोध का नेतृत्व किया। मुख्यमंत्री और टीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ने पिछले सप्ताह विरोध का आह्वान किया था।
केंद्र ने सितंबर में राज्य सरकार को सूचित किया था कि वह आगामी फसल सीजन के दौरान राज्य से धान की खरीद नहीं करेगा क्योंकि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के पास अतिरिक्त चावल हैं। 2014 में तेलंगाना के गठन के बाद से यह तीसरी बार है जब टीआरएस ने विरोध प्रदर्शन किया। मई 2014 में केंद्र द्वारा खम्मम जिले के सात मंडलों के 136 गांवों का आंध्र प्रदेश में विलय करने के बाद पार्टी ने राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया था और विरोध प्रदर्शन किया था। टीआरएस नेताओं ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसान समूहों द्वारा देशव्यापी विरोध के तहत दिसंबर 2020 में भी सड़कों पर उतरे थे।
(आईएएनएस)
Created On :   12 Nov 2021 3:01 PM IST