पश्चिम मिदनापुर में केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन के काफिले पर हमला, 8 गिफ्तार; 3 पुलिसकर्मी भी निलंबित

Union Minister V Muraleedharan’s convoy attacked in West Midnapore, claims TMC hand
पश्चिम मिदनापुर में केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन के काफिले पर हमला, 8 गिफ्तार; 3 पुलिसकर्मी भी निलंबित
पश्चिम मिदनापुर में केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन के काफिले पर हमला, 8 गिफ्तार; 3 पुलिसकर्मी भी निलंबित

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन के काफिले पर पश्चिम मिदनापुर जिले के पंचखुड़ी इलाके में हुए हमले को लेकर कड़ी कार्रवाई की गई है। इस मामले में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि 3 पुलिसवाले भी सस्पेंड किए गए हैं।

मंत्री ने दावा किया था की ये हमला टीएमसी के गुंडों ने किया था। हालांकि केंद्रीय मंत्री को इस हमले से सुरक्षित बच गए थे। उन्हें किसी तरह की कोई चोट नहीं आई थी। मुरलीधरन ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें कुछ लोगों को मंत्री के काफिले पर लाठी और पत्थर फेंकते और उनकी कार का पीछा करते देखा जा सकता है। हमलावरों ने कार की पिछली खिड़की भी तोड़ दी।

 

 

पत्रकारों से बात करते हुए मुरलीधरन ने कहा, "यह बंगाल की संस्कृति नहीं हो सकती। महिलाओं पर हमले हो रहे हैं। यह गुंडागर्दी के अलावा कुछ नहीं है। आज भी मेरे वाहन को निशाना बनाया गया। मैं इस संबंध में केंद्र को एक रिपोर्ट दूंगा।" हालांकि, टीएमसी के पश्चिम मिदनापुर के जिला अध्यक्ष अजीत मैती ने मंत्री के आरोपों का खंडन किया और कहा कि यह भाजपा के खिलाफ लोगों का "सहज विरोध" था। अजीत मैती ने कहा, "हमारे कोई भी कार्यकर्ता इसमें शामिल नहीं थे। भाजपा पश्चिम मिदनापुर जिले में तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही है। वे लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। यह भाजपा नेताओं के एक नाटक के अलावा कुछ भी नहीं है।"

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस हमले को लेकर कहा कि "पश्चिम मिदनापुर में केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन जी के क़ाफ़िले पर टीएमसी के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया हमला बहुत ही निंदनीय है। मैंने कल ही कहा था कि बंगाल में लॉ एंड आर्डर पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। जहां भारत सरकार के मंत्री पर हमला हो जाए, वहां आम जनता की क्या स्थिति होगी? उन्होंने कहा, चुनाव परिणाम आने के बाद से पूरे पश्चिम बंगाल में टीएमसी प्रायोजित हिंसा चरम पर है। लगातार भाजपा कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमले हो रहे हैं। जब हजारों लोग जान बचाने के लिए पलायन कर रहे हैं, बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं, तब फ्रीडम ऑफ स्पीच और मानवाधिकार की वकालत करने वाले ग़ायब है।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजों के बाद से ही हिंसा भड़की हुई है। नतीजों वाले दिन ही कोलकाता में BJP के दफ्तर में आग लगा दी गई थी। सोमवार को भी पार्टी के दो कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या की खबर सामने आई। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले ममता बनर्जी की शह पर हो रहे हैं। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार से इस मामले पर रिपोर्ट तलब की। बीजेपी ने बंगाल में राजनीतिक हिंसा के खिलाफ 5 मई को देशव्यापी धरना-प्रदर्शन किया। 

वहीं पश्चिम बंगाल हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में कोर्ट में 2 याचिकाएं दाखिल हुई हैं। एक याचिका बीजेपी नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील गौरव भाटिया ने दाखिल की है। तो वहीं दूसरी याचिका सामाजिक संस्था कलेक्टिव इंडिक कलेक्टिव ने वकील जे साईं दीपक और सुविदत्त के जरिए दाखिल की है। इन याचिकाओं में घटना की सीबीआई जांच और तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई है।

Created On :   6 May 2021 12:58 PM GMT

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