तेलंगाना टनल हादसे पर सियासत तेज: 'पिछली सरकार की...', सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार ने BRS पर बोला तीखा हमला, राजनीतिक नाटक करने का लगाया आरोप

- तेलंगाना टनल हादसे पर गरमाई सियासत
- कांग्रेस ने बीआरएस सरकार पर साधा निशाना
- राजनीतिक नाटक करने का लगाया आरोप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग में फंसे श्रमिकों का सकुशुल बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस ऑपरेशन में देश के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ टीमें और एडवांस मशीनों का रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तैनात किया गया है। इस बीच तेलंगाना के सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार ने रेस्क्यू ऑपरेशन 2 से 3 दिनों में समाप्त हो जाएगा। इसके बाद सुरंग कार्य 2 से 3 महीनों में फिर से शुरू हो जाएगा।
उत्तम कुमार का कहना है कि इसे भारतीय इतिहास की सबसे जटिल सुरंग दुर्घटनाओं में से एक बताया। उन्होंने कहा कि पहली बार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों को एक संयुक्त कमान के तहत इस मिशन के लिए एकत्र किया गया है। उन्होंने कहा कि 11 शीर्ष एजेंसियां इस बचाव कार्य का नेतृत्व कर रही हैं, जो अत्याधुनिक उपकरणों और रणनीतियों का उपयोग कर रही हैं। बचाव दल चौबीसों घंटे काम कर रहा है, और प्लाज्मा कटर, उच्च-ग्रेड शटर, टनल बोरिंग मशीन और डीवाटरिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
बीआरएस सरकार पर साधा निशाना
उन्होंने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ भी अभियान की योजनाओं और रणनीतियों की निगरानी कर रहे हैं। यह अत्यंत चुनौतीपूर्ण अभियान है, और इसमें देश-विदेश के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ शामिल हैं। अपनी जान जोखिम में डालकर इस बचाव कार्य को पूरा करने के लिए वे निस्वार्थ भाव से काम कर रहे हैं।"
इस घटना पर तेलंगाना के राजनीतिक गलियारों में सियासी पारा हाई है। इसे लेकर सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने पूर्व बीआरएस सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अगर SLBC परियोजना समय पर पूरी होती, तो यह दुर्घटना नहीं होती। बीआरएस नेताओं, विशेष रूप से हरिश राव को आड़े हाथों लेते हुए, उन्होंने कहा कि परियोजना की उपेक्षा करने के लिए बीआरएस जिम्मेदार है। उन्होंने दावा किया कि अगर यह परियोजना पूरी हो गई होती, तो तेलंगाना को 30 टीएमसी पानी मिलता, जिससे नलगोंडा में 3-4 लाख एकड़ कृषि भूमि को फायदा होता।
राजनीतिक नाटक करने का लगाया आरोप
इस दौरान सिंचाई मंत्री ने हरिश राव पर तंज कसा। उन्होंने कहा, "क्या उन्हें लगता है कि वे शीर्ष सुरंग इंजीनियरों से अधिक जानते हैं? क्या वे भारतीय सेना, नौसेना कमांडो, बीआरओ टीमों और अन्य विशेषज्ञों का अपमान कर रहे हैं?" इसके अलावा सिंचाई मंत्री ने बीआरएस नेताओं के घटनास्थल पर जाने पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे राजनीतिक नाटक बताया। उत्तम कुमार ने कहा, "जब श्रीशैलम पावर स्टेशन विस्फोट में नौ श्रमिकों की मौत हुई थी, तब बीआरएस का कोई नेता वहां नहीं पहुंचा था।"
उत्तम कुमार ने कहा, "1.81 लाख करोड़ रुपये सिंचाई परियोजनाओं पर खर्च हुए, लेकिन कई परियोजनाएं कभी पूरी नहीं हुईं। पलामुरु-रंगारेड्डी परियोजना पर 27,500 करोड़ रुपये खर्च हुए, लेकिन एक भी एकड़ को पानी नहीं मिला। कलेश्वरम परियोजना, जिस पर बीआरएस गर्व करता था, विफल हो गई।" इसके बाद उन्होंने कहा, "उन्हें बोलने से पहले कुछ शर्म आनी चाहिए। उन्होंने SLBC, देवदुला, सीतारामा, या पलामुरु रंगारेड्डी परियोजनाओं को पूरा नहीं किया, और अब वे दिखावा कर रहे हैं कि उन्हें परवाह है।"
पूर्व मंत्री जगदीश रेड्डी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने पूछा कि जब SLBC की बिजली आपूर्ति कटी और डीवाटरिंग प्रक्रिया रुकी, तब उन्होंने कुछ क्यों नहीं किया। केसीआर और हरिश राव पर भी निशाना साधते हुए, उन्होंने कहा कि बीआरएस नेताओं ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के साथ मिलीभगत की, और जब वे प्रगति भवन में दावतें और मनोरंजन में व्यस्त थे, तब जगन ने कृष्णा नदी का पानी आंध्र प्रदेश की ओर मोड़ दिया।
Created On :   28 Feb 2025 12:24 AM IST














