दिल्ली पॉलिटिक्स: 'केजरीवाल सरकार ने छात्रों को जानबूझकर फेल...,' AAP के छात्रसंघ के री-लॉन्च पर वीरेंद्र सचदेवा ने ली चुटकी

- दिल्ली में शिक्षा और छात्रसंघ पर गरमाई सियासत
- वीरेंद्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल पर साधा निशाना
- आम आदमी पार्टी पर जमकर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर शिक्षा और छात्रसंघ को लेकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने केजरीवाल के उच्च शिक्षा के दावों को खोखला" बताया। सचदेवा ने कहा कि AAP के छात्रसंघ के री-लॉन्च को नई बोतल में पुरानी शराब बताया।
केजीरवाल पर हमलावर वीरेंद्र सचदेवा
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल पिछले 10 साल से दिल्ली में सरकार चला रहे हैं, लेकिन उनकी शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल चुकी है. उन्होंने आरोप लगाया कि 90% सरकारी स्कूलों में विज्ञान की पढ़ाई तक नहीं होती और तीन-चौथाई स्कूलों में कॉमर्स विषय उपलब्ध ही नहीं है. सचदेवा ने यह भी दावा किया, ''केजरीवाल सरकार ने 9वीं और 11वीं कक्षा में बड़ी संख्या में छात्रों को जानबूझकर फेल किया, ताकि 10वीं और 12वीं के बोर्ड रिजल्ट को बेहतर दिखाया जा सके।" उन्होंने कहा कि केजरीवाल के उच्च शिक्षा के दावे उनके बाकी वादों की तरह खोखले हैं।
AAP ने हाल ही में अपनी पार्टी का छात्रसंघ री-लॉन्च किया है। इस पर सचदेवा ने तंज कसते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार की पहचान "शराब वाली सरकार" के तौर पर है। उन्होंने छात्रसंघ के री-लॉन्च को नई बोतल में पुरानी शराब जैसा करार दिया। सचदेवा ने AAP की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 10 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद AAP दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) में एक भी सीट नहीं जीत पाई। अब सत्ता से बाहर होने के बाद छात्रसंघ खड़ा करने का दावा करना हास्यास्पद है।
आम आदमी पार्टी पर जमकर साधा निशाना
लिहाजा, वीरेंद्र सचदेवा के बयान से साफ है कि बीजेपी, AAP को शिक्षा और युवा मुद्दों पर घेरने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि केजरीवाल की नीतियों ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों और शिक्षा व्यवस्था को कमजोर किया है। छात्रसंघ के री-लॉन्च को भी बीजेपी ने एक सियासी हथकंडा बताया है, जिसका कोई ठोस आधार नहीं है।
केजरीवाल और AAP की तरफ से इस बयान का जवाब आना बाकी है। दिल्ली की सियासत में बीजेपी और AAP के बीच यह जुबानी जंग और तेज होने के आसार हैं. शिक्षा और युवा वोटरों को लुभाने के लिए दोनों पार्टियां नए-नए दांव चल रही हैं। अब देखना होगा कि जनता इस मुद्दे पर किसे कितना समर्थन देती है।
Created On :   20 May 2025 11:50 PM IST