अब मिनी मंत्रालयों पर प्रशासक राज, 5 वर्ष का कार्यकाल हुआ समाप्त
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर| मिनी मंत्रालय कहे जानेवाले चंद्रपुर जिला परिषद के पदाधिकारी व सदस्यों का 5 वर्ष कार्यकाल रविवार को समाप्त होने के बाद सोमवार 21 मार्च से प्रशासकीय कामकाज आरंभ हुआ है। चंद्रपुर जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिताली सेठी ने प्रशासक के रूप में काम संभाला है। सोमवार को उन्होंने जिला परिषद के सभी विभाग प्रमुखों के साथ बैठक की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। दरम्यान कार्यकाल समाप्त होते ही पदाधिकारियों ने सरकारी वाहन जिला परिषद प्रशासन के हवाले कर दिए हैं। वहीं अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सभापतियों के बंगले के लिए 3 माह का समयाविध बढ़ाकर दी गई है, जिससे वे 3 माह तक बंगले पर रह पाएंगे। गौरतलब है कि, जिला परिषद में भाजपा की बहुमत के साथ सत्ता थी। 56 सदस्य वाली जिप में 36 भाजपा तो 20 कांग्रेस के सदस्य थे। दरम्यान विगत दिनों से कार्यकाल समाप्त होते देख विविध बिल, काम कराकर लेने के लिए जिला परिषद परिसर में पदाधिकारी, सदस्यों का आना-जाना बढ़ गया था। बता दें कि, पिछले पंचवार्षिक चुनाव में 21 मार्च 2017 को देवराव भोंगले अध्यक्ष बने थे। ढाई वर्ष बाद संध्या गुरनुले 5 जनवरी 2020 को अध्यक्ष बनी। गुरनुले मुल क्षेत्र से लगातार 5 बार चुनकर आई है। रविवार तक पदाधिकारियों ने काम किया।
ऐसे में अब संभावना जताई जा रही है कि, चुनाव होने तक अगले 6 माह जिप का कामकाज प्रशासक के हाथ में रहेगा। दरअसल ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण पर फैसला हुआ नहीं है। तब तक प्रशासक नियुक्त रहेंगे। इसके पूर्व जिले की 15 पंचायत समिति के 112 सदस्यों का कार्यकाल 14 मार्च को समाप्त हुआ है। यहां भी प्रशासक नियुक्त हुए हैं। जानकारी के अनुसार आगामी चुनाव में जिला परिषद के कुल 62 सदस्य होंगे, पिछले बार से 6 अधिक रहेंगे। 2017 में जब पंचवार्षिक चुनाव हुए तब राज्य में भाजपा की सत्ता थी। जिले में भाजपा के 4 विधायक, पालकमंत्री व एक केंद्रीय गृहराज्यमंत्री थे, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। अब राज्य में महाविकास आघाडी की सत्ता है। जिले में कांग्रेस सांसद, कांग्रेस 3 विधायक, एक निर्दलीय विधायक है। लेकिन भाजपा के 2 विधायक ही रहे हैं, जिससे आगामी चुनाव रोचक होगा। उल्लेखनीय है कि, राज्य चुनाव आयोग ने 4 फरवरी के पत्र में बताया कि जिला परिषद व पंचायत समितियों के चुनाव निश्चित समय पर लेना संभव नहीं है, जिससे प्रशासक नियुक्ति करने संबंध में आयोग सरकार को सूचित किया था। इसके बाद महाराष्ट्र जिला परिषद व पंचायत समिति अधिनियम 1961 अनुसार जिप के सभी अधिकार व कर्तव्य निभाने के लिए प्रशासक नियुक्त किया गया, जिससे जिला परिषद में अब प्रशासक राज चलेगा।
Created On :   22 March 2022 7:34 PM IST