प्रशिक्षकों के साथ ट्रेनिंग नहीं कर पाना सबसे बड़ी चुनौती : बोरो
कोलकाता, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। पूरे देश में इस समय कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन है और इसी कारण खिलाड़ी नियमित अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में महिला मुक्केबाज अंकुशिता बोरो को अपने अभ्यास की चिंता है क्योंकि इसके लिए उन्हें कोई साझेदार नहीं मिल रहा है।
19 साल की अंकुशिता ने आईएएनएस से कहा, यह मानसिक तौर पर चुनौतीपूर्ण है क्योंकि मुझे प्रशिक्षकों का मार्गदर्शन नहीं मिल रहा है। मैं अपनी तकनीक को बेहतर करने और अपने भारवर्ग पर काम कर रही हूं जो ओलम्पिक में नहीं है। कैम्प में हमारे पास कोच होते हैं जो हमें तुरंत गलती बताते हैं। अभी इस समय ऐसा नहीं हो पा रहा है।
असम की रहने वाली बोरो ने यूथ विश्व चैम्पियनशिप-2017 में स्वर्ण पदक जीत सुर्खियां बटोरी थीं लेकिन उनका 64 किलोग्राम भारवर्ग ओलम्पिक में नहीं है। वह ओलम्पिक खेलने के लिए अपने भारवर्ग पर काम कर रही हैं।
बोरो ने कहा, मैंने अपना वजन कम करने की कोशिश की थी लेकिन अगर मैं ऐसा करती हूं तो मैं पहले जैसी मुक्केबाज नहीं रह पाउंगी। मुझे वो हासिल करने में अभी लंबा वक्त तय करना है, लेकिन मैं कोशिश कर रही हूं। मेरा लक्ष्य 2024 ओलम्पिक में खेलना है।
उन्होंने कहा, घर में रहना मुश्किल होता है, लेकिन मैं अपने आप को व्यस्त रखती हूं। मैं सुबह और शाम को फिजिकल ट्रेनिंग करती हूं। मेरे कोच (त्रिदीप बोरो) जो मुझे सलाह देते हैं तो वो मैं करती हूं।
Created On :   9 April 2020 2:30 PM IST