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दैनिक भास्कर हिंदी: Bday special : क्रिकेट, सेना और पद्म भूषण कुछ ऐसा है एमएस धोनी की जिंदगी का सफर

डिजिटल डेस्क। भारतीय क्रिकेट का जब भी जिक्र होता है तो कपिल देव, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर और महेंद्र सिंह धोनी का जिक्र जरूर किया जाता है। इन तीनों ही खिलाड़ियों ने भारत को वर्ल्ड कप दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। कपिल देव और सचिन तेंडुलकर ने क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया है, लेकिन एम एस धोनी आज भी पिच पर जमे हुए हैं और बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। एमएस धोनी टीम इंडिया का वो सितारा हैं, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को बहुत कुछ दिया। भारतीय क्रिकेट में 14 साल का उनका अब तक का सफर बेमिसाल रहा है। वो ना केवल बेहतरीन क्रिकेटर और कैप्टन के तौर में जाने जाते हैं बल्कि जानने वाले उन्हें एक बेहतरीन शख्सियत मानते हैं। कपिल देव ने 1983 में अपनी कप्तानी में वर्ल्ड कप जिताया था और धोनी ने अपनी कप्तानी में वर्ल्ड कप के साथ-साथ कई बड़ी सीरीज में भारत को जीत दिलाई है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का आज 37वां जन्मदिन है।
वैसे तो भारतीय क्रिकेट का रुख तो 1983 में ही बदल गया था जब लॉर्ड्स के मैदान पर कपिल देव की भारतीय टीम को पहली बार वर्ल्ड कप दिलाया था। उसके बाद कई उम्दा खिलाड़ी आए लेकिन जो अंदाज धोनी का रहा और जो जीत भारत ने धोनी के दौर देखी और देख रहा है उसने भारतीय क्रिकेट का ही चेहरा बदल कर रख दिया है। धोनी के खेल से लेकर उनकी स्टाइल कुछ इस तरह लोगों के सिर चढ़ी जो आज तक नहीं उतरी है। भले ही आज धोनी कैप्टन ना हो लेकिन उनके पिच पर उतरने का इंतेजार लोग आज भी बेसब्री से करते हैं।
कैसे शुरू हुआ क्रिकेट में धोनी का सफर
जिस वक्त भारतीय क्रिकेट हार ज्यादा और जीत कम देख रहा था उस वक्त अचानक रांची से आए लंबे बालों वाले एक लड़के ने टीम में जगह बनाई और आते ही ऐसे चौके-छक्के लगाए कि दूसरी टीमों के बॉलर्स धोनी के सामने बॉल फेंकने से कतराने लगे। धीरे-धीरे महेंद्र सिंह धोनी का नाम लोगों की जुबान पर चढ़ गया और जब भी वो मैदान पर आते तो पूरे स्टेडियम केवल ही आवाज सुनाई देती थी.....धोनी.....धोनी....धोनी।
जल्द ही रांची के इस लड़के ने टीम की कमान संभाल ली और धोनी ने भारतीय क्रिकेट को उन ऊंचाइंयों तक पहुंचा दिया कि दोबारा पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ी। धोनी की कप्तानी को अब तक भारतीय टीम की सबसे बेहतरीन कप्तानी माना गया है। उन्होंने कैप्टन रहते कई ऐसे फैसले लिए जो कोई और खिलाड़ी नहीं ले पाया। टीम के साथ उनके स्वाभाव को भी सबसे अच्छा माना जाता है और इसलिए उन्हें कैप्टन कूल भी कहा जाता है।
धोनी ने अपने शांत स्वभाव और तेज दिमाग से ऐसा दिल जीता कि उन पर एक बायोपिक बनाई गई, जिसे देखकर धोनी के फैंस के दिल में उनके लिए इज्जत और भी बढ़ गई। वैसे तो फिल्म में धोनी के बारे में सब कुछ दिखाया गया, लेकिन आज उनके बर्थडे पर हम भी आपसे धोनी के बारे में कुछ और फैक्ट्स शेयर करेंगे।
धोनी का बचपन
7 जुलाई, 1981 को रांची में पान सिंह के घर जन्में महेंद्र सिंह धोनी बचपन से ही खेल के मैदान की ओर आकर्षित रहते थे। उनके परिवार में माता-पिता के अलावा उनकी बहन जयंती और भाई नरेंद्र भी हैं।
फुटबॉलर बनना चाहते थे धोनी
धोनी का पहला प्यार फुटबॉल रहा है. वे अपने स्कूल की टीम में गोलकीपर थे। फुटबॉल से उनका प्रेम रह रहकर ज़ाहिर होता रहा है। इंडियन सुपर लीग में वे उन्होंने चेन्यैन एफसी टीम के मालिक भी हैं। फुटबॉल के बाद उन्हें बैडमिंटन भी खूब पसंद था।
रेलवे टीसी की नौकरी छोड़ भाग गए थे कैप्टन कूल
क्रिकेट का रंग उन पर चढ़ चुका था और वो चर्चा में भी आ चुके थे, लेकिन समय करवट बदलने के साथ-साथ अनेक परीक्षाएं भी ले रहा था जिस दौरान 2001 से 2003 के बीच वो भारतीय रेल में टीटीई की नौकरी करते नजर आए। दोस्तों के मुताबिक वो ईमानदारी से नौकरी करते थे और कई बार खाली समय में खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर मस्ती करने से भी नहीं चूकते थे।
इंटरनेशनल क्रिकेट में धमाकेदार एंट्री
भारत में जहां क्रिकेटरों को शीर्ष स्तर तक पहुंचने में जीवन लगा देना होता है, वहीं धोनी की प्रतिभा कुछ अलग ही थी। जूनियर क्रिकेट से बिहार क्रिकेट टीम, झारखंड क्रिकेट टीम से इंडिया ए टीम तक और वहां से भारतीय टीम तक का उनका सफर महज 5-6 साल में पूरा हो गया। उन्होंने 1998 में जूनियर क्रिकेट की शुरुआत की थी और दिसंबर 2004 में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच के जरिए अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज कर दिया।
पाकिस्तान के उड़ाए होश
धोनी बांग्लादेश के खिलाफ अपनी पहली सीरीज में कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन अगली सीरीज में पाकिस्तान के खिलाफ अपने पांचवें वनडे मैच में विशाखापट्टनम में 123 गेंदों पर 148 रनों की पारी खेलकर इस खिलाड़ी ने सबकी जुबां पर एक सवाल छोड़ दिया, 'वो लंबे बालों वाला लड़का, धोनी कौन है?'
जब परवेज मुशर्रफ ने की थी धोनी के बालों की तारीफ
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने 2006 में लाहौर में खेले गए एक वनडे मुक़ाबले के दौरान धोनी की 46 गेंदों पर 72 रनों की पारी के बाद कहा था- मैदान में कई प्लेकार्ड लगे हुए हैं, जिसमें धोनी को हेयर कट की सलाह दी गई, लेकिन धोनी अगर मेरी मानें तो उन्हें बाल नहीं कटवाने चाहिए, इनमें वो बहुत अच्छे लगते हैं।
गाड़ियों व बाइक का शौक
महेंद्र सिंह धोनी मोटरबाइक्स के दीवाने हैं। उनके पास दो दर्जन लेटेस्ट मोटर बाइक मौजूद हैं। इसके अलावा उन्हें कारों का भी बड़ा शौक है. उनके पास हमर जैसी कई महंगी कारें हैं। इन के अलावा धोनी को मोटर रेसिंग से भी लगाव रहा है। उन्होंने मोटररेसिंग में माही रेसिंग टीम के नाम से एक टीम भी खरीदी हुई है। उनके गैराज में यामाहा आरडी 350, हार्ली डेविडसन फैटबॉय, दुकाती 1098, कावासाकी निन्जा H2 और सुपर एक्सक्लूसिव कॉन्फेड्रेट हेलकैट एक्स132 भी है। दक्षिण पूर्व एशिया में यह बाइक सिर्फ धोनी के पास है।
आईसीसी के तीनों ट्रॉफी के बॉस
महेंद्र सिंह धोनी इकलौते ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफी पर कब्जा जमाया है। धोनी की कप्तानी में भारत आईसीसी की वर्ल्ड टी-20 (2007), क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011) और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी (2013) का खिताब जीत चुका है। महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम की कप्तानी साल 2008 में संभाली थी। जब धोनी ने टीम की कप्तानी संभाली तो उनके पास कई चुनौतियां थी। जैसे की युवाओं को मौका देना और भविष्य के लिए टीम का निर्माण करना। धोनी ने उन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए भारतीय टीम को कई ऐतिहासिक पल दिए। भारत ने धोनी की कप्तानी में पहली बार नंबर एक बनने का स्वाद चखा।
दिसंबर 2014 में धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास की घोषणा कर दी। एमएस धोनी दुनिया भर में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले क्रिकेटर रहे हैं। टेस्ट से संन्यास लेने से पहले उनकी औसत आमदनी 150 से 190 करोड़ रुपये सालाना थी, जिसमें अभी भी बहुत ज़्यादा की कमी नहीं हुई है।
क्रिकेट के बाद फैमिली को देते है सारा समय
करियर के शुरूआती दिनों में महेंद्र सिंह धोनी का नाम कई अभिनेत्रियों से जुड़ा था, लेकिन उन्होंने चार जुलाई 2010 को देहरादून की साक्षी रावत से शादी की। धोनी और साक्षी की एक बेटी भी है जिसका नाम जीवा है। धोनी अक्सर ही अपने बेटी के साथ फोटोज और वीडियोज शेयर करते रहते है। वो क्रिकेट बाद सबसे ज्यादा समय अपनी बेटी और पत्नी के साथ बिताते है।
क्लोजिंग बेल: गिरावट पर बंद हुआ बाजार, सेंसेक्स 100 अंक लुढ़का, निफ्टी भी फिसला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश का शेयर बाजार कारोबारी सप्ताह के दूसरे दिन (05 जुलाई 2022, मंगलवार) गिरावट के साथ बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान पर रहे। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 100.42 अंक यानी कि 0.19% नीचे 53,134.35 के स्तर पर बंद हुआ।
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 24.50 अंक यानी कि 0.15% की गिरावट के साथ 15,810.85 के स्तर पर बंद हुआ।
जबकि बैंक निफ्टी में 125 अंक की हानि रही एवं इसने 33815.90 पर सत्र की समाप्ति दी। रुपया ने कल के 78.95 के स्तर की तुलना आज डॉलर के मुकाबले नया नीचा स्तर 79.37 बनाया। इसने भी बाजार की भावना नकारात्मक करने में बड़ी भूमिका निभाई। क्षेत्र विशेष में आईटी, ऑटो तथा मीडिया में बिकवाली का दबाव दिखा जबकि एनर्जी, फार्म एवं मेटल में खरीदारी दिखी। निफ्टी के शेयरों में हिंडाल्को, अपोलो हॉस्पिटल, श्री सीमेंट, सन फार्म तथा पावर ग्रिड में सर्वाधिक बढ़त रही जबकि आईटीसी, एचडीएफसी लाइफ, विप्रो तथा ब्रिटानिया सबसे अधिक हानि में रहे।
तकनीकी आधार पर ,निफ्टी में राइजिंग वेज फार्मेशन की ऊपरी सीमा छू वहां से बिकवाली का दबाव देखा है जो दुर्बलता का संकेत है। इसके अतिरिक्त निफ्टी ने दैनिक चार्ट पर बियरिश कैंडल बनाया है जो मंडी के रुख का संकेत है। निफ्टी ने 200 एचएमए पर दबाव देखा है एवं इसके नीचे बंदी दी है जो आनेवाले सत्र में दुर्बलता का ही संकेत है। निफ्टी का सपोर्ट 15650 है जबकि 16000 एक तात्कालिक अवरोध है। 16000 के ऊपर बंदी होने पर ही अच्छी तेजी का रुख बन सकता है। बैंक निफ्टी का सपोर्ट 33400 है जबकि 34500 अवरोध है।
वैश्विक बाजारों में दुर्बलता के कारण भी आज भारतीय बाजार में तेजी का रुख टिक नही पाया। कुल मिला कर बाजार नीचे का रुख दिखा सकते हैं,15650 टूटने पर अधिक बिकवाली दिख सकती है। 16000 एक बड़ा अवरोध है। वैश्विक बाजारों से सहयोग मिलने पर भारतीय बाजार वर्तमान स्तरों से अच्छी तेजी दिखा सकते हैं परन्तु ऊंचे क्रूड मूल्य तथा बढ़ती ब्याज दरों के कारण बड़ी उछालों पर बेचना ही श्रेयष्कर है।
पलक कोठारी
रीसर्च एसोसिएट
चॉइस ब्रोकिंग
Source: Choice India
AISECT: सेक्ट कॉलेज बी.एड. उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन बी.एड. के नियमित सत्र 2022-24 के विद्यार्थियों के लिए स्वागत सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती पूजन से हुई। इसके पश्चात विद्यार्थियों को कॉलेज के नियमों की जानकारी दी गई और पिछली उपलब्धियों को विद्याथियों के समक्ष बतलाया गया। साथ ही स्कोप परिसर में होने वाले दूसरे पाठ्यक्रमों की जानकारी भी दी।
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. नीलम सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी भविष्य में शिक्षक बनने वाले हैं और एक शिक्षक को समय की पाबंदी और अनुशासन का हमेशा ध्यान रखना चाहिए और अपनी आंतरिक क्षमताओं का विकास करते हुए सार्थक जीवन की ओर अग्रसर होना चाहिए। इस अवसर पर बारी-बारी से सभी विद्याथियो ने आपना परिचय दिया और अपनी शैक्षिणक योग्यता और रूचियों के बारे में बतलाया। विद्याथियों को बी.एड. पाठ्क्रम के बारे मेचारों सेमेस्टरों में होने वाली गतिविधियों की जानकारी दी गई।
सभी शिक्षकों ने विद्याथियों के समक्ष अपने-अपने विषय के पाठ्क्रम से अवगत कराया और सम्पूर्ण कोर्स की विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। कुछ विद्याथियों द्वारा मधुर गीतों की प्रस्तुति दी गई। अंत मे सभी विद्याथियों को पाठ्क्रम और वार्षिक योजना की प्रति उपलब्ध कराई गई।
मूवर्स और पैकर्स: कैसे एश्योरशिफ्ट ने भारत में स्थानांतरण के अनुभव को बेहतर बनाया है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश में बढ़ती जनसंख्या, शैक्षिक प्रगति और मूल तोर से नौकरी के अवसर के कारण, देश के अंदर और विदेश के कई शहरों में, प्रवास करने वाले अन्य शहरों के लोगों की संख्या उल्लेखनीय मत्रा से वृद्धि पाई है।
इस कारण से स्थानांतरण सेवा के मांग में तेजी से वृद्धि हुई। कई पैकर्स एंड मूवर्स कंपनियों की स्थापना भी हुई है जो घर, कार्यालयों के सामना, कार, बाइक, आदि को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक सेवाएं प्रदान करती हैं। हालांकि, किसी भी नए उत्पाद के साथ, कई नकली और गैर-पेशेवर चलती कंपनि स्थापित होते हैं। धीरे-धीरे भारतीय स्थानांतरण बाजार में इस तरह के कंपनि आकर बेहद कम लागत वाली कोटेशन की पेशकश करके निर्दोष ग्राहकों का शिकार करना शुरू कर दिया। वे गुणवत्ता सेवाओं, अतिरिक्त सहायता आदि जैसे कई वादे करते हैं, लेकिन अंत में अक्सर ग्राहकों के पैसे और सामान लूट लेते हैं।
स्व-चलन के साथ आने वाली कठिनाइयों और जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, पेशेवर स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को नियुक्त करने की सलाह दी जाती है लेकिन कंपनी के इतिहास और पृष्ठभूमि की जांच कर लेने के बाद। आपको एक पैकर्स मूवर्स कंपनी के पंजीकरण दस्तावेजों और पहले के ग्राहकों की कई समीक्षाएं पढ़ कर, उनका व्यापक शोध करना चाहिेए। लेकिन सामान्य ज्ञान के अनुसार, दस्तावेज़ीकरण, कंपनी विवरण, कार्यालय स्थान आदि की पुष्टि करना आसान काम नहीं है और पहली बार जांच करने वाले के लिए अत्यधिक समय लग सकता है।
प्रत्येक ग्राहक पहली कोशिश में अपने निकट के ईमानदार पैकर्स एंड मूवर्स कंपनी से संपर्क कर रहा है और बाजार में धोखाधड़ी सेवा प्रदाताओं का खात्मा हो रहा है, यह सुनिश्चित करने के लिए एश्योरशिफ्ट की स्थापना की गई थी।
AssureShift Packers and Movers एक मानक बन गया है यह भारत का सबसे अच्छी ऑनलाइन पैकर्स और मूवर्स निर्देशिका है, जिसमें 25 से अधिक शहरों के शीर्ष पैकर्स और मूवर्स की सूची है। 2017 की शुरुआत में लॉन्च होने के बाद से, एश्योरशिफ्ट ने देश भर में 50,000 से अधिक परिवारों और व्यक्तियों को सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया है। हमारे पार्टनर पैकर्स और मूवर्स के पास पर्याप्त अनुभव है और वे घरेलू सामान पैकिंग और मूविंग, कार ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज, बाइक शिफ्टिंग सर्विसेज, ऑफिस शिफ्टिंग आदि जैसे सभी प्रकार के सामानों को स्थानांतरित करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। हम सुनिश्चित करते हैं इस दौरान हमारी पार्टनर कंपनियां उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं, किफायती शुल्क, समय पर घर से पिकअप और डिलीवरी, पेशेवर व्यवहार जैसे पूर्ण ग्राहक सहायता का आश्वासन दे रही हैं।
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एश्योरशिफ्ट का 4-चरणीय तरीका एक सुनिश्चित स्थानांतरण के लिए
#1 पूर्ण तरह से बैकग्राउंड की जांच
एक पैकर्स और मूवर्स कंपनी की विश्वसनीयता साबित करने वाले मुख्य कागज-पत्र में से एक यह है कि उनके पास सरकार द्वारा दिए गए आवश्यक पंजीकरण दस्तावेज होना चाहिए। एश्योरशिफ्ट निम्न प्रकार से जाँच करके स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं की पूरी गहराई से पृष्ठभूमि का सत्यापन करता है:
- कंपनी जीएसटी पंजीकरण,
- कार्यालय सेटअप, स्थान और प्रमाण,
- ओनर आईडी प्रूफ,
- संपर्क विवरण,
- ग्राहक प्रतिक्रिया के साथ पूर्व कार्य अनुभव,
- Google रेटिंग और समीक्षाएं।
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों को परेशानी मुक्त और विश्वसनीय पैकिंग मूविंग सेवाएं प्रदान करने और उनके स्थानांतरण के अंत में 100% संतुष्टि की सुनिश्चित करता है।
#2 बजट के अनुकूल दरों पर सर्वोत्तम मिलान वाली सेवाएं
हमारे पार्टनर पैकर्स एंड मूवर्स के पास रिलोकेशन सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शन करने का अच्छा अनुभव है और ग्राहकों की आवश्यकता के अनुसार किसी भी आइटम को स्थानांतरित करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। वे शुरू से अंत तक पूरी प्रक्रिया को संभालने में सक्षम हैं, यानी, एक अच्छी तरह से नियोजित रणनीति तैयार करना, पैकिंग, लोडिंग, पूरी सुरक्षा के साथ वस्तुओं का परिवहन, और गंतव्य पर अनलोडिंग और अनपैकिंग करना।
युक्ति: भारत में सबसे सटीक पैकर्स और मूवर्स शुल्क प्राप्त करने के लिए (किसी भी आइटम को देश में किसी भी स्थान पर ले जाने के लिए), हमेशा एक भौतिक प्री-मूव सर्वेक्षण अनुरोध करें। जब मूवर्स व्यक्तिगत रूप से वस्तुओं का सर्वेक्षण करते हैं, तो उन्हें सटीक आवश्यकताओं का बेहतर विचार मिलता है और वे स्थानांतरण लागत की अधिक सटीक गणना करने में सक्षम होते हैं।
#3 लाइटनिंग-फास्ट रिस्पांस और एंड-टू-एंड सपोर्ट
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों के किसी भी प्रश्न का तुरंत जवाब देकर आपके हर कदम को परेशान मुक्त बनाने के लिए निरंतर काम करता है।
- फॉर्म जमा करते ही ग्राहकों को तुरंत रेफर किए गए मूवर्स की पूरी जानकारी मिल जाएगी।
- हमारे मूवर्स भी जल्दी से स्थानांतरण लागत का अनुमान लगाते हैं या भौतिक पूर्व-चाल सर्वेक्षण के लिए घर भी आ सकते हैं।
- एश्योरशिफ्ट के उपयोग सेआसान इंटरफेस के साथ, कई मूवर्स के विवरणों की तुलना कम समय में आसानी से की जा सकती है (जैसे, चेकिंग शुल्क, सेवाओं की पेशकश, रेटिंग, समीक्षा, आदि)।
साथ ही, एश्योरशिफ्ट सुनिश्चित करता है कि ग्राहकों को पूरी स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान आवश्यक समर्थन मिले, यानी अनुरोध जमा करने के समय से लेकर सामान की अंतिम डोरस्टेप डिलीवरी तक।
# 4 नियमित प्रतिक्रिया और गुणवत्ता संरक्षण
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों की पूर्ण संतुष्टि सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। ग्राहकों से नियमित फीडबैक लेने से संभावित ग्राहकों को अच्छी तरह से सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है और साथ ही साथ हर दिन काम करने की प्रक्रिया में सुधार होता है। एश्योरशिफ्ट को ग्राहकों द्वारा सामना की स्थानांतरण के समय आने वाली विभिन्न समस्याओं जैसे कि अचानक मूल्य वृद्धि, सामान का नुकसान, स्थानांतरण के दौरान मूवर्स के अनैतिक व्यवहार पता चलता रहता है।
प्राप्त शिकायतों की गंभीरता के आधार पर, एश्योरशिफ्ट सेवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई करता है, :जैसे
- गैर-पेशेवर मूवर्स और पैकर्स को अस्थायी रूप से निलंबित या वेबसाइट से उनके व्यावसायिक प्रोफाइल को स्थायी रूप से हटाकर दंडित करना, साथ ही साथ
- लिस्टिंग में उच्च रैंक मैं रख के शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनियों को पुरस्कृत करना ।
निष्कर्ष के तौर पर
एश्योरशिफ्ट समझती है कि कई सारे सामान ले जाना जोखिम भरा हो सकता है और वित्तीय, मानसिक और शारीरिक दबाव पैदा कर सकता है, खासकर बिना किसी पूर्व अनुभव से किया गया हो तो। इसके अलावा, बहुत से ग्राहक वास्तव में भरोसेमंद स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को किराए पर लेने का सही तरीका भी नहीं जानते हैं। और तो और क्योंकि वर्तमान समय में कई धोखाधड़ी करने वाली कंपनियां भी बाजार में स्थापित हैं।
धोखेबाज पैकर्स और मूवर्स को खत्म करने के मिशन के साथ, एश्योरशिफ्ट ने स्थानांतरण कंपनियों के काम काज़ की प्रक्रिया में सुधार लाई हे, और इसके परिणामस्वरूप, भारत में पैकिंग और स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव आया है। एश्योरशिफ्ट के माध्यम से जाने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि भरोसेमंद पैकर्स और मूवर्स ढूंढना आसान हो जाता है, और बजट के अनुसार सही कंपनी मिनटों के अंदर मिल जाता है।
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