फैंटेसी स्पोर्टस पूरी तरह से खेल से जुड़ा प्लेटफॉर्म : इंडिया टेक रिपोर्ट

Fantasy sports fully sports platform: India Tech Report
फैंटेसी स्पोर्टस पूरी तरह से खेल से जुड़ा प्लेटफॉर्म : इंडिया टेक रिपोर्ट
फैंटेसी स्पोर्टस पूरी तरह से खेल से जुड़ा प्लेटफॉर्म : इंडिया टेक रिपोर्ट
हाईलाइट
  • फैंटेसी स्पोर्टस पूरी तरह से खेल से जुड़ा प्लेटफॉर्म : इंडिया टेक रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्व का सबसे बड़ा इंटरनेट कॉमर्स इकोसिस्टम बनाने की दिशा मेंकाम करने वाले गैर-लाभकारी संगठन-इंडियाटेक डॉट ओआरजी ने मंगलवार को ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्टस के संबंध में एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट ने ओएफएस के तरीके, मौजूदा नियामक स्थिति, इस इंडस्ट्री को लेकर लोगों में फैली गलत धारणाओं के बारे में बताया है और साथ ही इसके भारतीय खेल के अलावा पूरी अर्थव्यवस्था पर एक सकारात्मक प्रभाव को भी दर्शाया है।

इस शोध में बताया गया है कि ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्टस (ओएफएस) में 80 फीसदी यूजर्स फ्री टू प्ले प्रारूप में खेलना पसंद करते हैं जबकि बाकी बचे 20 फीसदी लोगों का 98 प्रतिशत लोग प्ले टू प्ले प्रारूप में खेलना पसंद करते हैं, और यह लोग अपने जीवन में (बीते तीन से चार साल) 10,000 रुपये से कम रुपये या तो जीते हैं या हारे हैं। यह साफ करता है कि फैंटेसी स्पोर्टस एक डिजिटल स्पोटर्स प्लेटफॉर्म है न की यह किसी तरह की लत है। प्ले टू प्ले प्रारूप में औसत टिकट साइज 35 रुपये का रहता है।

यह साफ है कि फैंटेसी स्पोर्टस बाकी के ऑनलाइन खेलों से अलग है जिनमें खेलने के लिए हकीकत के लोगों की आवश्यकता नहीं होती। यह हकीकत है कि यह वास्तिवक्ता, माहौल और हकीकत में हो रहे मैचों की उपलब्धता पर निर्भर करता है और यही इसे ऐसा प्लेटफॉर्म बनाता है जिसकी लत नहीं लगती और इसलिए यह ऑनलाइन खेलों से अलग है। फैंटेसी स्पोर्टस का प्रारूप ऐसा है कि यह खेल प्रेमी को खेल के और करीब से फॉलो करने को प्रेरित करता है और यह प्रत्यतझ तरीके से खेल की तरफ फोकस पर प्रभाव डालता है। यह योगदान व्यूअरशिप और प्रशंसकों के खेल से जुड़ाव को बढ़ाता है जो स्वाभाविक रूप से इन खेलों में ज्यादा निवेश, अपग्रेडेशन, पैकेजिंग का मौका देता है।

खेल प्रेमी के हितों को बचाने की बात करते हुए इंडियाटेक के सीईओ रामेश काइलासैम ने कहा, बीते कुछ वर्षों में, फैंटेंसी स्पोर्टस निश्चित तौर पर वो सेक्टर बन गया है जो काफी अच्छा कर रहा है और भारत में खेल की खपत पर आधारित है। खेल के प्रशंसकों को जोड़े रखने का यह कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त प्रारूप, यह इंडस्ट्री एफआईएफएस के माध्यम से यूजर्स और ऑपेटर्स का खुद बचाव कर रही है। कई तरह के कयास हैं जिनसे इंडस्ट्री को बाहर आना है जिससे साबित हो सके कि यह किसी तरह की लत वाली चीज नहीं बल्कि एक स्कील आधारित प्लेटफॉर्म है।

Created On :   15 Sep 2020 10:30 AM GMT

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