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एटीपी-डब्ल्यूटीए विलय पर फेडरर के समर्थन ने सबका ध्यान आकर्षित किया : कोंटा

हाईलाइट
- एटीपी-डब्ल्यूटीए विलय पर फेडरर के समर्थन ने सबका ध्यान आकर्षित किया : कोंटा
डिजिटल डेस्क, लंदन। दुनिया की 14वें नंबर महिला टेनिस खिलाड़ी जोहाना कोंटा का मानना है कि एटीपी-डब्ल्यूटीए के विलय का प्रस्ताव बहुत पहले ही किया गया था, लेकिन हाल के समय में 20 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता रोजर फेडरर द्वारा इसका समर्थन करने से सबका ध्यान इस ओर आकर्षित हुआ है। स्विट्जरलैंड के फेडरर ने पिछले महीने ही अंतर्राष्ट्रीय टेनिस के भविष्य को लेकर एक प्रस्ताव रखा था। फेडरर ने कहा था कि पुरुष टेनिस की संस्था एटीपी और महिला टेनिस की संस्था डब्ल्यूटीए का विलय कर दिया जाना चाहिए।
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, कोंटा ने संवाददाताओं से कहा, बिली जीन किंग ने उनसे (फेडरर) से बहुत पहले ही यह विचार दिया था। इसलिए मुझे लगता है कि यह एक ऐसी चीज है जिसके बारे में लंबे समय से बात की जा रही है। लेकिन रोजर द्वारा इस पर बोले जाने के कारण इस ओर सबका ध्यान आकर्षित हुआ।
उन्होंने कहा, मैं निश्चित रूप से लंबे समय से सोचती हूं कि यह एक दौरे के लिए समझ में आता है। लेकिन मुझे यह भी पता है कि इसके बहुत सारे हिस्से हैं और मुझे पता है कि बहुत सारे लोग होंगे जो नहीं चाहते हैं कि ऐसा हो। लेकिन साथ ही बहुत सारे ऐसे भी लोग हैं जो चाहते हैं कि ऐसा हो।
फेडरर ने इससे पहले कहा था खेल के भले के लिए यह दोनों संघों के विलय का सही समय है। फेडरर ने कहा कि वह टूर्नामेंट्स को विलय करने को नहीं सिर्फ संघों को एक करने की कह रहे हैं। फेडरर ने अपने ट्वीटर पर लिखा था, क्या मैं ऐसा सोचने वाला अकेला इंसान हूं कि पुरुष और महिला टेनिस को एक होना जाना चाहिए।
उन्होंने कहा था, मैं टूर्नामेंट्स को एक करने की बात नहीं कर रहा बल्कि दो गर्विनंग संस्थाओं के विलय की बात कर रहा हूं जो पुरुष और महिला पेशेवर टूर को देखती हैं। फेडरर ने कहा था, दो रैंकिंग सिस्टम, अलग-अलग लोगो, अलग-अलग वेबसाइट और अलग-अलग कैटेगरी के टूर्नामेंट्स प्रशंसकों के लिए काफी कन्फयूजन पैदा करते हैं।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।