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दैनिक भास्कर हिंदी: #INDvsAUS: ये भारतीय शेर कंगारुओं पर पड़े भारी

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच रविवार को चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में पहला वनडे खेला गया। पहले ही मैच में ऑस्ट्रेलिया को 26 रन से हराकर टीम इंडिया ने जीत से अपनी शुरुआत की है। पहले वनडे में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन कप्तान कोहली का ये फैसला गलत सा साबित होने लगा, क्योंकि कंगारुओं के सामने टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर टिक ही नहीं पा रहा था। पहले रहाणे, कोहली, मनीष पांडे और रोहित शर्मा के होने के बाद टीम इंडिया की हालत खराब हो गई थी और फैंस में भी निराशा छा गई थी। सिर्फ 11 रन पर 3 झटके लगने के बाद लग ही नहीं रहा था कि टीम कोई बड़ा स्कोर खड़़ा पाएगी, लेकिन धोनी की 79 और पांड्या की 83 रनों की पारी के बदौलत टीम 281 रनों का स्कोर खड़ा कर पाई। जिसके बाद काफी देर तक बारिश की वजह से गेम रुका रहा और डकवर्थ लुईस नियम के तहत ऑस्ट्रेलिया को 21 ओवरों में 164 रन बनाने का टारगेट मिला। इंडियन बॉलर्स के सामने कंगारुओं के सामने टिक नहीं पाए और 26 रन से ये मुकाबला इंडिया ने जीत लिया। 83 रन बनाने के साथ-साथ 2 विकेट भी झटकने वाले हार्दिक पांड्या को मैन ऑफ द मैच चुना गया। आइए जानते हैं पहले वनडे में टीम इंडिया के कौन-कौन हीरो रहे...
1. महेंद्र सिंह धोनी:
टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि 'अनहोनी को होनी' करने की ताकत उनमें अभी भी है। दुनिया में कितने ही अच्छे खिलाड़ी क्यों न आ जाए, लेकिन धोनी जैसा फिनिशर फिलहाल कहीं नहीं है। शुरुआत में ही 4 झटके लगने के बाद धोनी ने गिरते विकेटों पर लगाम लगाई और कंगारुओं को परेशान किया। शुरुआत में धोनी स्लो खेले और विकेटों को थामकर रखा और जब मौका मिला तो धोनी कंगारू गेंदबाजों को परेशान करने से बाज नहीं आए। इस मैच में धोनी ने 88 बॉल पर 79 रनों की शानदार पारी खेली। धोनी ही थे, जो गेम को आखिरी ओवर तक ले गए। नहीं तो शुरुआत में ही 4 झटके लगने के बाद टीम का आखिरी ओवर तक खेलना ही डाउटफुल हो गया था और न ही कोई उम्मीद बची थी कि टीम कोई बड़ा स्कोर खड़ा कर पाएगी। लेकिन धोनी की पारी की बदौलत टीम सम्मानजनक स्कोर खड़ा कर पाई। इस मैच में धोनी ने अपने इंटरनेशन करियर की 100वीं हाफ सेंचुरी लगाई। ऐसा करने वाले भारत के चौथे और दुनिया के 15वें बैट्समैन है। उनसे पहले ये कारनामा सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ के नाम है।
2. हार्दिक पांड्या:
हार्दिक पांड्या जब बल्लेबाजी करने आए तो टीम के ऊपर काफी प्रेशर था। टीम इंडिया की हालत संभलकर खेलने वाली थी, क्योंकि जरा सी चूक टीम को हार की कगार पर खड़ा कर सकती थी, लेकिन पांड्या को इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। पांड्या हमेशा वैसा ही खेलते हैं, जैसा उन्हें खेलना पसंद है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में पांड्या ने 66 बॉलों में 83 रनों की पारी खेली। इस दौरान उन्होंने लगातार 3 छक्के भी लगाए। पांड्या ने चौथी बार ये कारनामा किया है, जब उन्होंने लगातार 3 छक्के लगाए हों। इससे पहले भी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में टीम की हालत बहुत खराब थी, लेकिन पांड्या ने उस दौरान भी शानदार 76 रनों की पारी खेली और अगर वो रन आउट नहीं होते तो उस मैच को भी काफी करीब तक लेकर आ सकते थे। खैर, ये तो पुरानी बात है, लेकिन इस मैच में एक तरफ से धोनी संभलकर तो पांड्या बेफिक्र होकर खेल रहे थे और उनकी इस बेफिक्री का ही नतीजा था, कि टीम इंडिया 281 रन बनाने में कामयाब हो सकी।
3. यजुवेंद्र चहल:
टीम इंडिया के छोटे से दिखने वाले यजुवेंद्र चहल ने अपनी गेंदबाजी करके कंगारुओं को पवैलियन भेज दिया। टीम इंडिया जब गेंदबाजी करने आई तो शुरुआत में ही जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पांड्या ने सफलता दिलाई और बाद में चहल ने अपना कमाल दिखाया। एक समय में जब ग्लेन मैक्सवेल अपने फॉर्म में आ रहे थे, तब चहल ही थे, जो मैक्सवेल की बैटिंग पर रोक लगा पाए। मैक्सवेल का विकेट भारत के लिए बहुत फायदेमंद रहा क्योंकि अगर मैक्सवेल आखिरी ओवर तक टिक जाते तो टीम इंडिया के लिए ये मैच जीतना मुश्किल हो जाता। इसके बाद चहल कमिंस और वेड को भी चलता किया।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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