बत्रा के बयान को निजी कहने वाले मेहता ने दबाव में दी सफाई
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरेंदर बत्रा ने बीते महीने बेंगलुरू में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि अगर शूटिग को 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल नहीं किया जाता है तो भारत हमेशा के लिए इन खेलों का बहिष्कार करने के बारे में सोच सकता है क्योंकि इन खेलों का वैश्विक स्तर पर वैसे भी कोई औचित्य नहीं रह गया है और ये औपनिवेशिक काल की याद दिलाते हैं।
बत्रा को यह नहीं पता था कि उनके बयान के कुछ दिनों बाद ही आईओए के महासचिव राजीव मेहता उनके उस भावनात्मक बयान को दरकिनार कर देंगे और उसे आनन-फानन में निजी राय बता देंगे। इसके बाद बत्रा की भौंहें तन गई थीं कि उन्होंने मेहता की क्लास लगाई। इसके बाद दबाव में आकर मेहता ने बत्रा को पत्र लिखकर अपने बयान पर सफाई पेश की है। इस पत्र की कॉपी आईएएनएस के पास है।
बत्रा ने बेंगुलरू में यह भी कहा था कि राष्ट्रमंडल खेल समय और पैसे की बर्बादी हैं और भारत को अब दूसरे इंटरनेशनल इवेंट्स में हिस्सा लेने के बारे में सोचना होगा। बत्रा काफी समय से शूटिंग को 2022 बर्मिघम राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल कराने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन उन्हें उस समय झटका लगा, जब उनके करीबी माने जाने वाले मेहता ने ही उनके बयान पर भिन्नता जता दी।
टाइम्स ऑफ इंडिया डॉट कॉम ने पांच अक्टूबर को एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें मेहता ने चेन्नई में शुक्रवार को एक पुस्तक के लोकार्पण से जुड़े कार्यक्रम में कहा था, अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है (राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार को लेकर)। हम आपातकालीन समिति की बैठक बुलाएंगे, जिसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा। जहां तक आईओए की बात है, तो उसमें निजी फैसलों के लिए जगह नहीं है। अध्यक्ष ने हो सकता है कि बहिष्कार की बात कही हो लेकिन इसे उनका निजी विचार माना जाना चाहिए।
मेहता जब इस बयान को लेकर घिरते दिखे तो उन्होंने बत्रा को पत्र लिखकर कहा है कि उन्होंने इस तरह के बयान नहीं दिए और वह हमेशा आईओए अध्यक्ष के साथ खड़े रहेंगे।
मेहता ने बत्रा को लिखे पत्र में लिखा, मैंने वो आर्टिकल पढ़ा जो आपने व्हॉट्सएप पर शेयर किया। जैसी चर्चा की गई थी, मैं दोबारा इस बात की पुष्टि करता हूं कि मैंने उस तरह के वाक्य किसी भी रिपोर्टर से नहीं कहे। मैं उस आर्टिकल को देखकर उतना ही हैरान था जितना आप। कोषाध्यक्ष भी मेरे साथ थे। मैंने सिर्फ कार्यकारी समिति (ईसी) की बात कही थी।
मेहता ने कहा, मैं हमेशा आपके साथ हूं। मैंने पहले ही सीजीएफ को लिखा है कि आप मशहूर और मेहनती अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रशासक हो। अगर कोई रिपोर्टर फोन करता है तो मैं हमेशा आईओए और भारतीय खेल के लिए आपके द्वारा किए कामों की प्रशंसा करता हूं। आप बेहतरीन शख्सियत हैं।
दरअसल, बर्मिघम में 2022 में होने वाले खेलों में से निशानेबाजी को हटा दिया गया है, जिसके खिलाफ भारत मुखर रूप से लड़ाई लड़ रहा है। आईओए अध्यक्ष बत्रा ने कई बार इस फैसले का विरोध किया है और कहा है कि निशानेबाजी को अगर शामिल नहीं किया जाता है तो भारत को राष्ट्रमंडल खेलों का बहिष्कार करने पर विचार कर सकता है।
Created On :   7 Oct 2019 3:00 PM IST