क्रिकेट: विजेंदर ने कहा, पहली पेशेवर जीत के बाद चीजें बदल गई

Things changed after first professional win: Vijender
क्रिकेट: विजेंदर ने कहा, पहली पेशेवर जीत के बाद चीजें बदल गई
क्रिकेट: विजेंदर ने कहा, पहली पेशेवर जीत के बाद चीजें बदल गई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विजेंदर सिंह ने 2015 में पेशेवर मुक्केबाजी की ओर रुख किया था, उस समय भारत में ओलंपिक खेलों में वह एक बहुत बड़ा नाम थे। बीजिंग ओलंपिक 2008 के कांस्य पदक विजेता विजेंदर अपने पेशेवर मुक्केबाजी करियर के शुरूआती दिनों में मैनचेस्टर में थे। उन्होंने कहा कि उन्हें वहां की परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने के लिए समय लगा।

विजेंदर ने सोनी टेन के द मेडल आफ ग्लोरी कार्यक्रम में कहा, यह बहुत मुश्किल था। मैंने अपने स्टाफ, कोच और घर को छोड़ दिया था, विदेश में मेरे लिए सब कुछ नया था। उन्होंने कहा, वहां, पहले दो-तीन महीने काफी मुश्किल थे। मैं मैनचेस्टर में ठहरा हुआ था,जहां काफी ठंड थी। मैं हमेशा यही सोचता था कि कल का दिन अच्छा होगा। मैं खुद से ही यही कहता था और आज वहां हूं जहां मैंने लगातार 12 मुकाबले जीते हैं।

विजेंदर ने अक्टूबर 2015 में अपना पहला पेशेवर मुकाबला जीता था और तब से अब तक वह लगातार 12 पेशेवर मुकाबले जीत चुके हैं। इनमें से आठ में तो उन्होंने नॉकआउट में जीत दर्ज की है। उनका 13वां मुकाबला इस महीने अमेरिका में होना था, जोकि कोरोनावायरस के कारण नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि अब वह अपने परिवार के साथ कीमती समय बिता रहे हैं।

ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज ने कहा, मैं लेट उठता हूं क्योंकि मुझे सोना पसंद है। अभी परिवार के साथ समय बिता रहा हूं। मैं शाम को प्रशिक्षण भी करता हूं। अमेरिका में मुकाबला होना था, जोकि कोरोनावायरस के कारण नहीं हो सका।

34 वर्षीय मुक्केबाज विजेन्द्र ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। इसके अलावा उन्होंने 2009 विश्व चैंपियनशिप और 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में भी कांस्य पदक अपने नाम किया था। विजेन्द्र ने 2006 और 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था।

 

Created On :   13 May 2020 3:30 PM IST

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