लापरवाही: जच्चा-बच्चा की मौत के बाद परिजनों ने किया हंगामा
- एम्बुलेंस की कांच तोड़ी
- बीएमओ ने थमाया नोटिस
- सीसीटीवी कैमरा में कैद है घटनाक्रम
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में परासिया ब्लॉक के भाजीपानी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में मंगलवार- बुधवार दरमियानी रात चरई निवासी जितेन्द्र यदुवंशी की पत्नी ज्योति की डिलेवरी हुई थी। डिलेवरी के बाद जच्चा-बच्चा दोनों की हालत बिगड़ गई थी। कुछ देर बाद जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। प्रसुता और नवजात की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर नर्सिंग स्टाफ से झूमाझटकी की और कुर्सियां तोड़ दी।
बताया जा रहा है कि जितेन्द्र यदुवंशी ने मंगलवार शाम को पत्नी 20 वर्षीय ज्योति को प्रसव पीड़ा के चलते अस्पताल में भर्ती कराया था। नर्सिंग स्टाफ ने सुरक्षित प्रसव का भरोसा दिलाया था। रात में प्रसव के बाद जब जच्चा-बच्चा की हालत बिगड़ी तो नर्स ने डॉक्टर को नहीं बुलाया। जब परिजन उन्हें जिला अस्पताल या निजी अस्पताल में शिफ्ट कराना चाह रहे थे तो नर्स ने ऑक्सीजन वाली गाड़ी का इंतजाम करने कहा। इस दौरान दोनों की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि नर्स कौशल्या मंसूरी की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की जान चली गई।
एम्बुलेंस की कांच तोड़ी
बताया जा रहा है कि आक्रोशित परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को बुलाया गया था। एम्बुलेंस काफी देरी से अस्पताल पहुंची थी। आक्रोशित परिजनों ने चालक के साथ मारपीट की और गाड़ी की कांच भी तोड़ दी थी।
बीएमओ ने थमाया नोटिस
बीएमओ डॉ. प्रमोद वाचक बुधवार को अवकाश पर थे। विवाद की सूचना मिलने पर प्रभारी बीएमओ डॉ. शशि अतुलकर अस्पताल पहुंची थी। उन्होंने इस मामले में डॉ. सुधा बक्सी, नर्स कौशल्या मंसूरी, एएनएम ललता साहू, आशा कार्यकर्ता को नोटिस जारी किया गया है।
सीसीटीवी कैमरा में कैद है घटनाक्रम
इस मामले में नायब तहसीलदार राजेन्द्र खंपरिया ने परिजनों के बयान दर्ज किए है। पीएम के बाद परिजनों ने शव वाहन रोककर प्रदर्शन किया था। उन्होंने उचित जांच और कार्रवाई की मांग की है। टीआई अरुण मर्सकोले और प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब मामला शांत हुआ।
Created On :   30 May 2024 9:39 AM IST