अस्पताल में प्रदर्शन: सर्पदंश से बालक मृत, परिजनों का आरोप इलाज में देरी से बच्चे की मौत
- आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में किया विरोध
- अस्पताल में ढाई घंटे तक रखा रहा शव
- परिजनों ने की कार्रवाई की मांग
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा।मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा सिविल अस्पताल में शनिवार दोपहर को भर्ती सर्पदंश पीडि़त मासूम ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। दस साल के मासूम की मौत से आहत परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक द्वारा इलाज में लापरवाही बरती गई है। बच्चे को समय पर इलाज मिल जाता तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी। परिजनों ने अस्पताल में शव रखकर लगभग ढाई घंटे तक प्रदर्शन किया। अस्पताल में प्रदर्शन की सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। अधिकारियों की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ। परिजनों ने मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है।
बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के तिनखेड़ा निवासी 10 वर्षीय हार्दिक गजेन्द्र लेंडे गर्मी की छुट्टियों में पांढुर्ना जवाहर वार्ड निवासी मामा योगेश खोड़े के घर आया था। शनिवार दोपहर लगभग दो बजे हार्दिक घर में बनी दुकान में खेल रहा था। इस दौरान उसने अपने मामा को पैर में कुछ काटने की बात बताई। मामा योगेश बिना देरी किए हार्दिक को पहले एक निजी अस्पताल ले गया, यहां से चिकित्सक ने उन्हें सिविल अस्पताल भेज दिया। हार्दिक को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां ब्लड टेस्ट कराए गए और लगभग डेढ़ घंटे चले इलाज के बाद हार्दिक ने दम तोड़ दिया। पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है।
परिजनों का आरोप, एक घंटे बाद शुरू किया इलाज
मृतक के मामा योगेश का आरोप था कि डॉक्टरों ने इलाज शुरू करने में देरी की थी। ब्लड सैंपल लेने और टेस्ट रिपोर्ट आने में काफी वक्त लगा। डॉक्टर ने लगभग एक घंटे बाद हार्दिक का इलाज शुरू किया। तब तक काफी देर हो चुकी थी। यदि समय पर सही इलाज मिल जाता तो बच्चे की जान बचाई जा सकती थी।
ज्ञापन सौंपकर लापरवाहों पर कार्रवाई की मांग
अस्पताल में हंगामें की सूचना मिलने पर एसडीएम सुश्री नेहा सोनी, एसडीओपी ब्रजेश भार्गव, तहसीलदार विनय प्रकाश ठाकुर अस्पताल पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की। परिजनों ने अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर इलाज के दौरान लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों पर कार्रवाई की मांग की है।
सर्पमित्र ने सांप पकडक़र लाया
परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकों ने उन्हें नहीं बताया कि बच्चे को सांप ने डंसा है। चिकित्सक किसी जहरीले कीड़े काटने की बात कहते रहे। अस्पताल पहुंचे सर्पमित्र अमित सांबारे ने बच्चे के पैर में हुए घाव और शारीरिक स्थिति देखकर सर्पदंश की बात बताई। इसके बाद सर्पमित्र ने घटनास्थल पहुंचकर रेस्क्यू कर सांप को पकड़ा। हंगामे के दौरान पूर्व मंडल अध्यक्ष विष्णु लेंडे, चंद्रशेखर कोल्हे, लोचन खवसे, राजू तहकित भी अस्पताल पहुंचे थे।
Created On :   12 May 2024 9:24 AM IST