मौसम अलर्ट: बाढ़ का पानी उतरते ही ठंडा पड़ा अतिक्रमण का चिन्हांकन, बीस साल में पहली बार शहर ने झेली बाढ़ की त्रासदी

बाढ़ का पानी उतरते ही ठंडा पड़ा अतिक्रमण का चिन्हांकन, बीस साल में पहली बार शहर ने झेली बाढ़ की त्रासदी
  • पोंडा, टांकी और मुडऩा नदी तट पर अतिक्रमण की भरमार से नुकसान
  • बीस साल में पहली बार शहर ने झेली बाढ़ की त्रासदी
  • बाढ़ का पानी उतरते ही ठंडा पड़ा अतिक्रमण का चिन्हांकन

डिजिटल डेस्क, शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल में बीस साल बाद शहर ने बाढ़ की त्रासदी झेली तो नदी से बाढ़ का पानी उतरते ही तट पर अतिक्रमण के चिन्हांकन की प्रक्रिया भी ठंडी पड़ गई। 23 अगस्त की रात तेज बारिश के बाद 24 अगस्त की सुबह कमिश्नर श्रीमन शुक्ला पोंडानाला का जायजा लेने पहुंचे तो सबसे पहले नाला की सीमा और अतिक्रमण की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा। यह अलग बात है कि कमिश्नर के निर्देश पर तीन दिन बाद भी स्पॉट पर जांच को एक भी कर्मचारी नहीं पहुंचे। नागरिकों का कहना है कि शहर की सीमा पर पोंडा और टांकी नाला के साथ ही मुडऩा नदी है। तीनों ही नदी-नाले पर अतिक्रमण की भरमार है। जिससे पानी निकासी पर असर पड़ता है और बारिश के बाद शहर में आम नागरिकों की परेशानी बढ़ जाती है।

पोंडा नाला, टांकी नाला और मुडऩा नदी की सीमा कहां पर थी और उसकी प्राकृतिक चौड़ाई क्या है। इसमें कितने स्थानों पर अतिक्रमण है। इसकी रिपोर्ट राजस्व विभाग द्वारा हमें दी जाएगी। इसके बाद हम आगे की कार्रवाई करेंगे।

अक्षत बुंदेला सीएमओ नगर पालिका शहडोल

पोंडा नाला के पास हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि वहां पर नाला था तो रेलवे लाइन के पास अस्तित्व कैसे समाप्त हो गया। यहां सिंहपुर रोड है तो नाला कहां गया। जांच पूरी होते ही उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट सौंपेंगे।

Created On :   29 Aug 2024 10:16 PM IST

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