सीएम सहायता निधि के लाभार्थी बढ़े

हर माह 54 लाख की मदद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में सत्ता हस्तांतरण के बाद नागपुर जिले में मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि आवंटन में बढ़ोतरी होने का दावा किया गया है। सत्ता हस्तांतरण के पहले हर महीने 22 लाख रुपए मरीजों को मिलते थे, अब यह रकम बढ़कर प्रति माह 54 लाख रुपए होने का दावा किया गया है।

ढाई साल में 1614 आवेदन मंजूर : उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री रहते हुए नागपुर के हैदराबाद हाउस में मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि कक्ष शुरू किया था। इससे पहले मुंबई मंत्रालय के छठवें माले पर लोगों को जाना पड़ता था। हैदराबाद हाउस में दिंसबर 2019 से 2022 तक ढाई साल के कार्यकाल में 6 करोड़ 41 लाख 04 हजार 500 रुपए की निधि वितरित की गई थी। सत्ता बदलने के बाद जुलाई 2022 से 31 मार्च 2023 तक 4 करोड़ 92 लाख 61 हजार निधि वितरित की गई। पिछले ढाई साल में 1614 आवेदन मंजूर हुए और सिर्फ 9 महीने में 714 आवेदनों को मंजूरी देने का दावा किया गया है। बताया गया कि पिछले ढाई साल की तुलना में उपमुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद एक साल में नागपुर जिले के नागरिकों को इस योजना से 5 करोड़ से ज्यादा की मदद की है। यह मदद पहले हर महीने 22 लाख थी, अब 54 लाख तक पहुंची है।

अनेक रोगों को किया शामिल : अनेक बीमारी पहले मदद के कार्यक्षेत्र में नहीं थी। उपमुख्यमंत्री ने खुद ध्यान देकर जलने वाले प्रकरण, कमर, घुटने का प्रत्यारोपण जैसे रोगों को इसमें शामिल किया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री सहायता निधि योजना से हृदय रोग, मेंदू रोग, नवजात बच्चों की बीमारी, मूत्रपिंड प्रत्यारोपण, यकृत प्रत्यारोपण, कैंसर, अपघात, कॉकलियर इम्प्लांट, डायलिसिस, हृदय प्रत्यारोपण, सीवीई, ब्रोन मैरो ट्रांसप्लांट, विद्युत अपघात मरीज, अस्थि बंधन आदि गंभीर बीमारियों को मुख्यमंत्री सहायता निधि से मदद की जाती है।

उपचार के समय मिलती है मदद : हैदराबाद हाउस में कार्यालयीन समय पर सुबह 10 से शाम 5.45 बजे तक एक आवेदन कर वैद्यकीय सुविधा का लाभ लिया जा सकता है। 1 लाख 80 हजार रुपए से कम आय वाले परिवार को इस योजना का लाभ दिया जाता है। नागपुर में इस कक्ष पर ध्यान देने के लिए इंदिरा गांधी वैद्यकीय महाविद्यालय के अधीक्षक डॉ. रवि चव्हाण को योजना का सदस्य सचिव बनाया गया है। फिलहाल आवेदन की 3 सदस्यीय टीम जांच करती है। इसमें डॉ. चव्हाण सहित उपसंचालक स्वास्थ्य व जिला शल्य चिकित्सक शामिल रहते हैं। आवेदन के साथ डॉक्टर द्वारा किए गए रोग का निदान प्रमाणपत्र, हॉस्पिटल के खर्च का इस्टिमेट, आधार कार्ड अथवा राशन कार्ड आवश्यक है। योजना में मंजूर पैसा सीधे हॉस्पिटल के खाते में जमा होता है। उपचार शुरू रहते समय ही यह मदद मिलती है। देवगिरी या उपमुख्यमंत्री के निवास स्थान पर भी वैद्यकीय मदद के लिए सहायता की जाती है।

Created On :   18 May 2023 9:25 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story