मानसून सत्र: लोणीकर के बयान पर विधानसभा में हंगामा, पटोले पूरे दिन के लिए निलंबित, अब मेन्यू कार्ड में लिखना होगा पनीर असली है या कृत्रिम

लोणीकर के बयान पर विधानसभा में हंगामा, पटोले पूरे दिन के लिए निलंबित, अब मेन्यू कार्ड में लिखना होगा पनीर असली है या कृत्रिम
  • किसानों के लिए सांसद पद से इस्तीफा दिया था ये तो एक दिन का निलंबन है- पटोले
  • लोणीकर के बयान पर विधानसभा में हंगामा

Mumbai News. महाराष्ट्र विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन भाजपा विधायक बबनराव लोणीकर द्वारा किसानों पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विपक्ष ने जमकर बवाल काटा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाना पटोले ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उनके विधायक लोणीकर के बयान पर माफी मांगने की मांग की। जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। इस दौरान पटोले विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की कुर्सी के नजदीक पहुंच गए। मुख्यमंत्री फडणवीस ने पटोले के व्यवहार की आलोचना करते हुए उनसे माफी मांगने की मांग की। माफी नहीं मांगने के चलते अध्यक्ष नार्वेकर ने पटोले को विधानसभा से पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया। पटोले ने अपने निलंबन पर कहा कि किसानों के लिए इससे पहले वह सांसद पद से इस्तीफा दे चुके हैं, यह तो सिर्फ निलंबन की बात है।

विधानसभा में क्या हुआ?

विधानसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाना पटोले ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उनके विधायक बबनराव लोणीकर के उस बयान पर माफी मांगने की मांग की जिसमें लोणीकर ने किसानों के बच्चों पर टिप्पणी की थी। इस बीच विपक्ष के दलों ने सदन में हंगामा मचाते हुए कार्यवाही में व्यवधान डाला। पटोले आक्रामक हो गए और वह विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी के नजदीक पहुंच गए। उन्होंने मुख्यमंत्री से माफी की मांग की। मामला बढ़ता देख अध्यक्ष नार्वेकर ने सदन की कार्यवाही को 5 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। लेकिन जैसे ही दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो पटोले फिर से विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर की कुर्सी के पास पहुंच गए और हंगामा करने लगे। इस पर मुख्यमंत्री ने पटोले से उनके व्यवहार को लेकर माफी मांगने की मांग की। पटोले द्वारा माफी नहीं मांगने के चलते विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने उन्हें पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया।

अपने निलंबन पर पटोले ने कहा कि आज किसान दिवस है, लेकिन मोदी सरकार और उनके मंत्री किसानों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रहे हैं। पटोले ने कहा कि किसानों पर बोलने वालों को सदन से बाहर निकाल दिया जाता है, जबकि उनका अपमान करने वालों को सम्मानित किया जा रहा है। बारिश के कारण किसान परेशान हैं और सरकार उनकी मदद के लिए कुछ नहीं कर रही है। पटोले ने कहा कि जब वह भाजपा के सांसद थे तो उन्होंने किसानों के लिए अपने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था। यहां तो सिर्फ उन्हें एक दिन के लिए ही निलंबित किया गया है।

क्या कहा था लोणीकर ने?

भाजपा विधायक बबनराव लोणीकर ने कुछ दिनों पहले किसानों की एक सभा में कहा था कि जो लोग उनकी पार्टी और सरकार की आलोचना करते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि उन्हें कपड़े, जूते, मोबाइल और फसलों की बुवाई के पैसे हमारी वजह से मिल रहे हैं। लोणीकर के बयान पर काफी हंगामा हुआ था। जिसके बाद मंगलवार को यह मामला सदन में उठा।

मेन्यू कार्ड में लिखना होगा पनीर असली है अथवा कृत्रिम

प्रदेश सरकार ने एनालॉग पनीर के बढ़ते इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला लिया है। इसके तहत अब होटलों, रेस्टोरेंट, कैटरिंग सर्विस और अन्य विक्रेताओं को मेन्यू कार्ड में मेन्यू कार्ड में पनीर असली है अथवा कृत्रिम के बारे में अलग-अलग लिखना होगा। यानी यह बताना होगा कि उनके द्वारा परोसा जा रहा पनीर असली है अथवा एनालॉग पनीर। विधान परिषद में राज्य के अन्न व औषधि प्रशासन (एफडीए) मंत्री नरहरि झिरवाल ने एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। मंगलवार को सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान निर्दलीय सदस्य सत्यजीत तांबे ने पनीर को लेकर सवाल उठाया था। तांबे ने कहा कि नकली पनीर को बेचकर लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। इस पर झिरवाल ने कहा कि पनीर दो प्रकार से बनाए जाते हैं। एक दूध से बनाया पनीर होता है। दूसरा अलग-अलग खाद्य पदार्थों को मिलाकर कृत्रिम पनीर तैयार किया जाता है। जिसे एनालॉग पनीर के नाम से जाना जाता है। इसलिए केंद्र सरकार से इस संबंध में सुझाव मांगा गया था। इसके मद्देनजर अब प्रतिष्ठानों को मेन्यू कार्ड में पनीर और एनालॉग पनीर के बारे में अलग-अलग उल्लेख करना होगा।

जांच के बाद गोदामों को देंगे लाइसेंस

सदन में भाजपा के सदस्य संदीप जोशी ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए जोमैटो, स्विगी और जेप्टो जैसी ई- कॉमर्स कंपनियों के गोदाम (डार्क स्टोर) का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि कई गोदामों में चूहा घुमने, खाद्य सामग्री एक्सपायरी डेट की होने के कारण लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा हो सकता है। इसके जवाब में झिरवाल ने कहा कि ई- कॉमर्स कंपनियों पर केंद्र सरकार का कानून लागू होता है। लेकिन इनके गोदामों पर राज्य सरकार को कार्रवाई करने का अधिकार है। इसलिए अब राज्य में ई- कॉमर्स के गोदामों की गहराई से जांच के बाद ही लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे। झिरवाल ने बताया कि राज्य में ई- कॉमर्स कंपनियों के गोदामों से 43 खाद्य पदार्थों की जांच की गई थी। इसमें सायन-बांद्रा लिंक रोड, धारावी में स्थित गोदामों की गहराई से जांच की गई थी। जिसमें से एक गोदाम में अस्वच्छ और एक्सपायरी डेट के खाद्य पदार्थ पाए गए थे। इसलिए दो प्रतिष्ठानों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। जबकि पांच प्रतिष्ठनों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। राकांपा (शरद) के सदस्य एकनाथ खडसे ने कहा कि ई- कॉमर्स कंपनियों की ऑनलाइन शिकायतें के लिए व्यवस्था होनी चाहिए। इस पर मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन टोलफ्री हेल्पलाइन उपलब्ध है।


Created On :   1 July 2025 9:45 PM IST

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