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बॉम्बे हाई कोर्ट: देर रात घर लौटनेवाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम पर सरकार से जवाब तलब

- हाई कोर्ट ने दो सप्ताह में दिया जवाब दाखिल करने का निर्देश
- देर रात घर लौटनेवाली महिलाओं पर सरकार से जवाब तलब
Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को हुई एक सुनवाई में देर रात घर लौटनेवाली कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। अदालत ने सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की पीठ के समक्ष स्वत:संज्ञान (सुमोटो) आपराधिक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी वकील प्राजक्ता शिंदे ने पीठ को बताया कि काम से देर रात घर लौटने वाली महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सभी पुलिस स्टेशनों में निर्भया दल का गठन किया गया है। इसके अलावा महिलाओं के साथ होने वाले अपराध पर नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए गए हैं। जनहित याचिका महिलाओं की सुरक्षा, सार्वजनिक स्थानों पर छेड़छाड़ के विरुद्ध उपायों और कार्यस्थल एवं सार्वजनिक स्थानों पर यौन उत्पीड़न से महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों से संबंधित है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष मोबाइल वैन सड़कों पर गश्त करती हैं, जिन्हें महिला बीट मार्शल और हेल्पलाइन 103 का सहयोग मिलता है।
मुंबई में महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के लिए सुरक्षित होने के दावों के बावजूद 2025 के 6 महीने में महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों में वृद्धि हुई है। इसमें दुराचार, छेड़छाड़, अश्लील हरकतें और अपहरण की घटनाएं शामिल हैं। पुलिस आंकड़ो के मुताबिक दुराचार के मामलों में 26 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस साल जून तक दुराचार के 602 अपराध दर्ज किए गए, जबकि 2024 की इसी अवधि में 478 अपराध दर्ज किए गए थे। महिलाओं से छेड़खानी की घटनाओं में 10.7 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो 2024 में 1169 से बढ़कर 2025 में 1294 हो गई।
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Created On :   18 Aug 2025 9:54 PM IST