भिक्षुको के पुनर्वास कार्य का शुभारंभ 13 भिक्षुको को अस्थाई भिक्षुक पुर्नवास केन्द्र पर लाऐ, भिक्षुक के पुनर्वास का कार्य रहेगा निरंतर जारी!

भिक्षुको के पुनर्वास कार्य का शुभारंभ 13 भिक्षुको को अस्थाई भिक्षुक पुर्नवास केन्द्र पर लाऐ, भिक्षुक के पुनर्वास का कार्य रहेगा निरंतर जारी!
भिक्षुको के पुनर्वास कार्य का शुभारंभ 13 भिक्षुको को अस्थाई भिक्षुक पुर्नवास केन्द्र पर लाऐ, भिक्षुक के पुनर्वास का कार्य रहेगा निरंतर जारी!

डिजिटल डेस्क | इन्दौर नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल द्वारा बताया गया कि शहर के प्रमुख मार्गो पर टेªफिक सिग्नल पॉइन्ट, गांधी हॉल, धर्म स्थलो के आस-पास, रेल्वे स्टेशन, बस स्टेशन व अन्य स्थानो पर भिक्षावृत्ति करने वालो के कारण असुविधा पूर्ण स्थिति निर्मित होती है। निगम द्वारा सामाजिक कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, एनजीओ संस्थानो के साथ मिलकर इंदौर शहर केा भिक्षुको से मुक्त करने की पहल करते हुए समाज कल्याण विभाग, एनजीओ संस्थान प्रवेश की श्रीमती रुपाली जैन एवं गोल्ड कॉइन सेवा ट्रस्ट के सहयोग से शहर के विभिन्न स्थानों जिनमें एल आई जी चौराहा, नंदा नगर साईं मंदिर, बड़ा गणपति मंदिर एवं अन्य स्थानों से 13 भिक्षुको को परदेशीपुरा स्थित रेन बसेरे में बनाए गए अस्थाई भिक्षुक पुनर्वास केंद्र पर लाया गया।

सुश्री प्रतिभा पाल ने बताया कि परदेसी पुरा स्थित भिक्षुक पुर्नवास केन्द्र का मरम्मत संबंधित कार्य पुर्ण होने तक परदेशीपुरा स्थित रैन बसेरा में अस्थाई भिक्षुक पुर्नवास केन्द्र में भिक्षुको के पुर्नवास किया जा रहा है, अस्थाई पुनर्वास केन्द्र में भिक्षुक महिला व पुरूष को अलग-अलग ठहराने के लिये वर्तमान में केन्द्र में स्थित हॉल में व्यवस्था गई है, साथ ही यहां पर स्थित सुविधाघरो का भी रिनोवेशन किया गया है। सुश्री पाल द्वारा विगत दिवस सामाजिक कल्याण विभाग एवं एनजीओ के साथ बैठक नहीं गई थी। जिसमें समाज कल्याण विभाग नगर निगम एवं एनजीओ के सहयोग से भिक्षुको के पुर्नवास एवं इंदौर शहर को भिक्षुको से मुक्त करने के लिये अभियान चलाकर प्रतिदिन जो भिक्षुक केन्द्र पर लाये जावेगे, उनका पुरा विवरण दर्ज करने तथा 60 वर्ष से उपर के भिक्षुको को वृद्धाश्रम में रखने के लिये संबंधितो को निर्देश दिये गये थे।

भिक्षृक केन्द्र पर लाने वाले भिक्षुको को मेडिकल उपचार के लिये चिकित्सो की व्यवस्था भी की गई, साथ ही भिक्षुक केन्द्र पर भिक्षुको के खाने की व्यवस्था भी की जावेगी, भिक्षुक केन्द्र पर जो भिक्षुक कार्य करना चाहते है उनको रोजगार के साथ पुर्नवास भी किया जावेगा। भिक्षावृत्ति करने वालो लोगो से संबंधित उनका परिवार यदि भिक्षुक को अपने घर ले जाना चाहते है तो उनसे अंटरटेकिंग लिया जाकर भिक्षुक को सौपा जावेगा तथा उनकी सतत माॅनिटरिंग भी की जावेगी एवं ऐसे भिक्षुक यदि फिर से भिक्षावृत्ति में पाये जाते है तो संबंधित परिवार के विरूद्ध भी कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए थे।

Created On :   29 July 2021 8:16 AM GMT

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