अस्पताल में मरीज और चूहा: जिला अस्पताल में चूहों का आतंक, भर्ती वृद्धा का पैर कुतरा
- वार्ड में भर्ती मरीज चूहों से परेशान
- पूर्व में हो चुकी है कई घटनाएं
- दवा भंडार कक्ष में भी आतंक
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में चूहों का आतंक बना हुआ है। यहां भर्ती मरीजों के लिए चूहे मुसीबत बन रहे हैं। मेडिकल वार्ड में भर्ती बुजुर्ग महिला के पैर चूहों ने कुतर दिए। महिला के पैर में चूहों के कुतरने से घाव बन गए हैं। यह कोई पहला मामला नहीं है। चूहों के आतंक का शिकार कई मरीज हो चुके हैं। पूर्व में भी गहरी नींद में सो रहे मरीजों के पैर, एड़ी चूहे कुतर चुके हैं।
बताया जा रहा है कि इंदिरा नगर निवासी ६५ वर्षीय गिरजाबाई पिछले दो-तीन दिन पूर्व स्वास्थ्य खराब होने से जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में भर्ती हुई थी। मंगलवार-बुधवार दरमियानी रात गहरी नींद में सोई गिरजाबाई के पैर को चूहों ने कुतर लिया। गुरुवार अलसुबह दोबारा चूहों ने वृद्धा की एड़ी में काटा है। वृद्धा का कहना है कि वार्ड स्टाफ को बताने के बाद भी चूहे काटे का अभी तक उसे इलाज नहीं दिया गया है।
पेस्ट कंट्रोल कराया, फिर भी स्थिति जस की तस-
अस्पताल प्रबंधन द्वारा हर तीन माह में चूहे, काकरोच, दीमक समेत अन्य कीटों के नियंत्रण के लिए पेस्ट कंट्रोल कराया जाता है। इससे चूहे मर जाते है या भाग जाते है। एक बार में 25 से 30 हजार रूपए खर्च आता है। पेस्ट कंट्रोल के बाद भी कई वार्डों में चूहों का आतंक बना हुआ है।
दवा भंडार कक्ष में भी आतंक
दवा भंडार कक्ष पुरानी ओपीडी बिल्डिंग में है। यहां भी चूहों का आतंक बना हुआ है। चूहे पानी की तलाश में यहां पहुंचते है। अक्सर चूहे ग्लूकोज बॉटल पर धावा बोलते है। कई बार दर्जनों बॉटल चूहे कुतर देते है, हालांकि यहां पेस्ट कंट्रोल होने से पिछले कुछ दिनों से राहत है।
खाने की खुशबू से आते है चूहे
वार्ड में भर्ती मरीज के परिजनों द्वारा खाना गैलरी में फेंक देते हैं। खाने की खुशबू से चूहे वार्ड तक आ जाते है। खासकर रात के वक्त चूहे पूरे परिसर में यहां-वहां कूदते फांदते दिखाई देते है। रात में मरीजों के आसपास रखी खाने की सामग्री भी चूहे उठा ले जाते है।
किचन के आसपास चूहों का डेरा
चूहों ने नई बिल्डिंग के आसपास जमीन पर बड़े-बड़े गड्ढे बना लिए है। खासकर जिला अस्पताल के किचन के आसपास चूहों का डेरा रहता है। चूहे किचन में रखी सब्जी समेत अन्य खाद्य पदार्थों का काफी नुकसान पहुंचाते है।
क्या कहते हैं अधिकारी
चूहे, दीमक व काकरोच के ट्रीटमेंट के लिए हर तीन माह में पेस्ट कंट्रोल कराया जाता है। यदि किसी पेशेंट को चूहे ने नुकसान पहुंचाया है तो उसका बेहतर इलाज कराया जाएगा।
- डॉ.एमके सोनिया, सीएस
Created On :   17 May 2024 9:37 AM IST