- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- शिक्षित बचपन और स्वस्थ परिवार' की...
Lucknow News: शिक्षित बचपन और स्वस्थ परिवार' की नींव पर यूपी बनेगा विकसित, शिक्षा और स्वास्थ्य पर सीएम योगी का बड़ा विजन

- 2047 तक यूपी में हर घर को मिलेगा मेडिकल इंश्योरेंस कवरेज
- 2 नए एम्स, 3 फार्मा पार्क और 2 मेडिकल डिवाइस पार्क बनेंगे यूपी में
- डिजिटल क्लासरूम और एडटेक से बदलेगी शिक्षा की तस्वीर
Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘विकसित यूपी @2047’ का विजन सामने रखते हुए साफ कर दिया है कि आने वाले 22 वर्षों में उत्तर प्रदेश का भविष्य 'शिक्षित बचपन और स्वस्थ परिवार' की थीम पर गढ़ा जाएगा। इसका लक्ष्य है कि प्रदेश को न केवल 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जाए, बल्कि समाज के हर वर्ग को शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं से सशक्त किया जाए।
स्वास्थ्य क्षेत्र की रणनीतिक दिशा
विजन 2030 और 2047 के लक्ष्यों के तहत प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को व्यापक रूप से सुदृढ़ करने की योजना बनाई गई है। 2030 तक 50 प्रतिशत घरों और 2047 तक सभी घरों को मेडिकल इंश्योरेंस से कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को एसडीजी टारगेट के अनुरूप लाना प्राथमिकता में है। इसके साथ ही प्रदेश में 2 नए एम्स, 3 नए फार्मा पार्क और 2 नए मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना होगी। स्वास्थ्य कार्यबल की घनत्व को बढ़ाकर 40 प्रति हजार तक ले जाने का रोडमैप तैयार किया गया है। मेडिकल टूरिज्म, बाल पोषण और हेल्थकेयर रिसर्च को रणनीतिक स्तंभ बनाकर प्रदेश को वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य क्षेत्र में नई पहचान दिलाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
ज्ञान और कौशल के केंद्र के रूप में स्थापित होगा यूपी
‘ज्ञानदीप व युवा शक्ति’ के तहत 2047 तक उत्तर प्रदेश को वैश्विक कार्यबल तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए फाउंडेशनल लिटरेसी और न्यूमेरसी (FLN) को मजबूत किया जाएगा और स्कूलों में डिजिटल क्लासरूम, ई-लर्निंग और एडटेक को बड़े पैमाने पर लागू किया जाएगा। शिक्षकों के प्रशिक्षण और रिसर्च-इनोवेशन को बढ़ावा देने पर विशेष बल रहेगा। साथ ही उद्योग 4.0 की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए युवाओं को स्किलिंग और ड्यूल एजुकेशन सिस्टम के जरिए तैयार किया जाएगा। समावेशी शिक्षा और वैश्विक स्तर की वर्कफोर्स ट्रेनिंग को यूपी की नई पहचान बनाकर प्रदेश को ज्ञान और कौशल के केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
2017 से पहले चुनौतियों का था अंबार
2017 से पहले प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों ही क्षेत्रों की स्थिति बेहद चिंताजनक थी। ग्रामीण इलाकों में स्कूलों की पहुंच सीमित थी और अधिकांश संस्थानों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव था। शिक्षक अनुपस्थिति, किताबों और शिक्षण संसाधनों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई अधूरी रह जाती थी, जिसके चलते बड़े पैमाने पर छात्र ड्रॉपआउट दर बढ़ रही थी। इसी तरह स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी कमजोर थी, जहां पर्याप्त मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की कमी के कारण आमजन को बुनियादी इलाज तक आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाता था।
2017 से 2025 तक हुए व्यापक सुधार और उठाये गये ठोस कदम
बीते साढ़े आठ वर्षों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिले हैं। स्कूल चलो अभियान और शारदा कार्यक्रम के तहत 40 लाख नए बच्चों का नामांकन हुआ, वहीं आरटीई विस्तार से शिक्षा का अधिकार पाने वाले बच्चों की संख्या 22 हजार से बढ़कर 4.3 लाख तक पहुंच गई और 638 करोड़ रुपये की फीस प्रतिपूर्ति सुनिश्चित की गई। इसके साथ ही ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 19 मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराया गया, जबकि अटल आवासीय विद्यालय प्रदेश के 18 मंडलों में संचालित होकर गरीब और वंचित बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करा रहे हैं। प्रोजेक्ट अलंकार से माध्यमिक स्कूलों में पुस्तकालय, लैब, हॉल, पेयजल, शौचालय और विद्युतिकरण जैसी सुविधाओं को जोड़ा गया।
स्वास्थ्य क्षेत्र में भी यूपी ने उठाए ऐतिहासिक कदम
बीते वर्षों में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में बड़े कदम उठाए गए हैं। मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य केंद्रों के नेटवर्क का विस्तार किया गया, जबकि जन औषधि केंद्रों और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी पहलों ने गरीबों और जरूरतमंदों को बड़ी राहत पहुंचाई। अब विजन 2030 और 2047 के तहत स्वास्थ्य सेवाओं को वैश्विक मानकों तक ले जाने के लिए स्पष्ट रोडमैप तैयार किया गया है, जिससे हर नागरिक को बेहतर और सुलभ इलाज उपलब्ध हो सके।
शिक्षा और स्वास्थ्य से प्रदेश बनेगा 6 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी
प्रदेश की जीएसडीपी को 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए तैयार रोडमैप के अनुसार 2025 में 353 बिलियन डॉलर से शुरुआत कर 2030 तक इसे 1 ट्रिलियन डॉलर, 2036 तक 2 ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए आने वाले 22 वर्षों तक औसतन 16 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) बनाए रखनी होगी। विजन के अनुसार 2047 तक प्रति व्यक्ति आय 26 लाख रुपये तक पहुंचाने और भारत की जीडीपी में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी को 20 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य तय किया गया है।
Created On :   8 Sept 2025 6:06 PM IST