दतिया में 3 विधानसभा सीट: जाति वोट बैंक से तय होती है चुनाव में जीत

दतिया में 3 विधानसभा सीट: जाति वोट बैंक से तय होती है चुनाव में जीत
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है, चुनाव को लेकर राजनैतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी है। आज हम आपको मध्यप्रदेश के जिला दतिया की विधानसभा सीट, उनके सियासी समीकरण के बारे में बताएंगे। चुनाव में किसकी जीत होगी ये जनता तय करेंगी।

दतिया जिले में तीन विधानसभा सीट दतिया, सेंवढ़ा, भांडेर आती है। तीनों सीटों पर जाति प्रत्याशी चुनावी मुद्दा बनता है। यहां जीत प्रत्याशी के चेहरे पर निर्भर करता है। दतिया जिले में प्रदेश की शिवराज सरकार में शामिल गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का दबदबा है, दूसरी तरफ बीएसपी के पूर्व नेता फूल सिंह बरैया के कांग्रेस में शामिल होने से इलाके में पार्टी का कद बढ़ा है। इलाके में बरैया की भी मजबूत पकड़ है। इसी को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें ग्वालियर-चंबल क्षेत्र का प्रभारी बनाया है।

दतिया में नरोत्तम

दतिया विधानसभा सीट पर बीजेपी को पहली बार 1990 में जीत मिली थी। इस सीट पर 2018 के विधानसभा चुनाव में डॉ नरोत्तम मिश्रा के जीतने के साथ ही उनके नाम लगातार तीन बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बना। इससे पहले दो बार लगातार विधायक बनने का रिकॉर्ड कांग्रेस के श्यासुंदर श्याम के नाम था, श्याम 1952,1957 और 1977 ,1980 में चुनाव जीते थे।

दतिया विधानसभा सीट पर पहली बार 1952 में चुनाव हुआ था। तब से अब तक 71 साल में 15 बार चुनाव हुए है, सीट पर पिछले चार चुनावों से बीजेपी के जीतने का रिकॉर्ड है। सीट पर अब तक हुए चुनावों में सबसे अधिक बार कांग्रेस के विजय होने का इतिहास है। सीट पर एक बार समाजवादी पार्टी के खाते में जीत दर्ज है।

दतिया विधानसभा सीट

2018 में बीजेपी के नरोत्तम मिश्रा

2013 में बीजेपी के नरोत्तम मिश्रा

2008 में बीजेपी के नरोत्तम मिश्रा

2003 में बीजेपी के रामदयाल प्रभाकर

1998 में एसपी से राजेंद्र भारती

1993 में कांग्रेस के घनश्याम सिंह

1990 में बीजेपी के शंभू तिवारी

1985 में कांग्रेस से राजेंद्र भारती

1980 में कांग्रेस के श्याम सुंदर श्याम

1977 में कांग्रेस के श्याम सुंदर श्याम

भांडेर में बरैया

भांडेर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति का वोट 30.3 प्रतिशत, यादव 16.50 प्रतिशत, दांगी 15.10 प्रतिशत, ठाकुर, क्षत्रिय 4 प्रतिशत, मुस्लिम और ब्राह्मण 9.50 प्रतिशत अन्य समाज के 16 से 20 प्रतिशत मतदाता हैं। भांडेर सीट पर एससी, ओबीसी जाट कोरब के वोट सबसे ज्यादा हैं। इसके आलावा यादव, ब्राह्मण और डांगी वोटर्स भी हैं। भांडेर सीट पर कांग्रेस नेता फूल सिंह बरैया की मजबूत पकड़ है।

2013,2008, 2003 में लगातार तीन बार बीजेपी जीतती आ रही थी, लेकिन 2018 में कांग्रेस ने बाजी मारी , लेकिन कांग्रेस विधायक ने पाला बदलकर बीजेपी का दामन थाम लिया था, जिसके बाद हुए उपचुनाव में एक बार फिर बीजेपी प्रत्याशी के रूप में रक्षा संतराम सरोनिया की जीत हुई। इससे पहले 1998 में बहुजन समाज पार्टी से फूल सिंह बरैया ने भांडेर विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी

भांडेर विधानसभा सीट

2020 उपचुनाव बीजेपी की रक्षा संतराम सरोनिया

2018 में कांग्रेस से रक्षा संतराम सरोनिया

2013 में बीजेपी के घनश्याम पिरोनिया

2008 में बीजेपी से आशाराम अहिरवार

2003 में बीजेपी से डॉ कमलापत आर्य

1998 में बीएसपी से फूल सिंह बरैया

1993 में कांग्रेस के केशरी चौधरी

1990 में बीजेपी के पूरन सिंह पलैया

1985 में कांग्रेस के चंदोरिया

1980 में कांग्रेस के कमलापत आर्य

1977 में जेएनपी से नंदलाल सरोनिया

1972 में जनसंघ से चतुर्भुज आर्य

1967 जनसंघ से किशोरी लाल हंस

सेंवढ़ा में समीकरण

सेंवढ़ा मध्यप्रदेश के दतिया की जिले एक बेहद ही खुबसूरत जगह है,सेवढ़ा को सनकुआ धाम भी कहा जाता है। सेंवढ़ा दतिया का धुआँ धार एक आम मान्यता है कि इसी सिंध नदी को भारत के सभी तीर्थों का भांजा भी कहा जाता है । शांत बातावरण के बीच खूबसूरत झरने के चलते इसे दतिया का भेडाघाट कहा जाता है।

परिसीमन से पहले 2008 तक ये सीट एससी के लिए आरक्षित थी। सेंवढ़ा विधानसभा सीट पर ओबीसी वर्ग के वोटरों की संख्या सबसे अधिक है। यहां पर बघेल कुशवाह मतदाताओं के गठजोड़ पर जीत डिपेंड रहती है। सेंवढ़ा सीट पर यादव सबसे ज्यादा हैं लेकिन गुर्जर, कुशवाहा, बघेल, ब्राह्मण और वैश्य वोट भी काफी हैं। यहां क्षत्रिय और वैश्य मतदाताओं की संख्या 5 से 6 हजार के करीब बताई जाती है। सीट पर अनुसूचित जाति और यादव वोटरों की सख्या चुनाव को किसी भी दिशा में मोड़ देती है। पिछले तीन चुनाव की बात की जाए तो 2018 में कांग्रेस ,2013 में बीजेपी और 2008 में बीएसपी ने सेंवढ़ा से जीत हासिल की थी। चुनाव में विकास का मुद्दा हमेशा छाया रहता है। लेकिन सीट पर कौन बाजी मारेगा अंत में ये प्रत्याशी के चेहरे और जातीय गुणाभाग पर निर्भर हो जाता है।

सेंवढ़ा विधानसभा सीट

2018 में कांग्रेस के घनश्याम सिंह

2013 में बीजेपी के प्रदीप अग्रवाल

2008 में बीएसपी के राधेश्याम बघेल

Created On :   28 Jun 2023 9:28 AM GMT

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