धरती पर पाए जाने वाले ये पांच विचित्र जीव, जिनकी उम्र जानकार रह जाएंगे हैरान, इनमें से एक है 'अमर'

धरती पर पाए जाने वाले ये पांच विचित्र जीव, जिनकी उम्र जानकार रह जाएंगे हैरान, इनमें से एक है अमर
धरती पर पाए जाने वाले ये पांच विचित्र जीव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। धरती पर कई ऐसे विचित्र जीवों की प्रजातियां रहती हैं। यह विचित्र जीवों की प्रजातियां अपने अनोखेपन के लिए दुनियाभर में जानी जाती है। अक्सर इन अद्भुत जीवों को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक भी आते हैं। कई प्रजातियां इतनी खास होती है जिनको वैज्ञानिक की देखरेख में रखा जाता है। कई बार देखने में आया है कि धरती पर रहने वाले जीवों की अपेक्षा जलीय जीवों का जीवन अधिक होता है। लेकिन आज हम आपको ऐसी प्रजाति के बारे में बताने जा रहे हैं, जो धरती पर रहकर भी अधिक समय तक जीवित रहते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही जीवों के बारे में...

आर्कटिक सागर में पाई जाती है बोहेड व्हेल


इस विचित्र जीव को बोहेड व्हेल के नाम से जाना जाता है। जो आर्कटिक सागर में पाई जाती है। बोहेड व्हेल अब तक की सबसे अधिक समय तक जिंदा रहने वाली मछली है। यह विचित्र मछली लगभग 211 साल तक जिंदा रह सकती है। बोहेड व्हेल की खास रिश्तेदार मिंक व्हेल की उम्र करीब 60 साल होती है। इस बोहेड मछली की खास बात यह है कि इसके अंदर एक विशेष तरह का जीन (ERCC1) पाया जाता है। इस जीन का काम शरीर में खराब हुए डीएनए को सुधारने का है। जो बोहेड व्हेल को कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाता है। जिसके चलते यह जीव अधिक दिनों तक जीवित रह पाता है।

सात गैलापागोस में पाया जाता है खास जीव


कछुआ भी अधिक दिनों तक जीवित रहने वाले जीवों में से एक हैं। कछुए की आयु लगभग 200 साल से अधिक होती है। सात गैलापागोस द्वीपों में पाए जाने वाले कछुओं की जीवित रहने की समय सीमा सबसे अधिक होती है। गैलापागोस नाम के कछुआ लगभग 200 से 250 साल जीवित रह सकते हैं। बता दें कि, 2006 में अव्दैत नाम के कछुए की 225 साल की उम्र में मौत हुई थी। वैज्ञानिकों की मानें तो, कछुओं को अधिक समय तक जीवित रहने के पीछे भी उनका डीएनए मददगार सबित होता है। उनके जीन वेरिएंट अधिक समय तक सेल के अंदर डीएनए की मरम्मत करते हैं। जिसकी वजह से सेल की एंट्रोपी की स्वस्थ रहने की समय सीमा काफी बढ़ जाती है। जिसकी वजह से कुछ कछुओं 250 साल से भी अधिक जीवित रहते हैं।

ग्रीनलैंड शार्क


ग्रीनलैंड शार्क मछली अधिकतर आर्कटिक सागर में पाई जाती है। इस मछली की लंबाई एक साल में 1 सेंटीमीटर तक बढ़ती है। इसकी तैरने की गति भी अन्य मछलियों की अपेक्षा धीमी होती है और यह बहुत सुस्त होती है। वैज्ञानिकों मानना है कि, ग्रीनलैंड शार्क के शरीर में ऊर्जा की खपत कम होती है, क्योंकि इसके तैरने की गति धीमी है। इसका लंबे समय तक जीवित रहने की विशेष वजह भी यही है। कई ग्रीनलैंड शार्क तो लगभग 400 साल तक भी जीवित रह सकती हैं।

हाइड्रा


इस मछली के बारे में कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि, हाइड्रा की सही उम्र का बारे में अभी तक पता नही चल पाया है। कुछ शोधकर्ताओं ने इस जीव को अमर भी बताया है। उनका मानना है कि हाइड्रा को किसी भी तरह की चोट न लगे तो वह हमेशा जीवित रहती है। उसकी कभी मौत नहीं होती है।

रफआई रॉकफिश


इस मछली का नाम सबसे अधिक जीवित रहने वाली मछलियों में शामिल है। रफआई रॉकफिश कम से कम 205 साल तक आसानी से जीवित रह सकती है। इस बात का खुलासा वॉशिंगटन डिपार्टमेंट ऑफ फिश एंड वाइल्डलाइफ ने किया है।

Created On :   31 July 2023 6:33 PM GMT

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