- Dainik Bhaskar Hindi
- Ajab Gajab
- Ajab Gajab: Brought the idol as decorative, after 20 years the original price surprise
अजब-गजब: जिस मूर्ति को सजावटी समझकर खरीदा, 20 साल बाद उसकी असली कीमत सामने आने पर उड़े होश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कई पैसे वाले लोगों को अलग-अलग नायाब चीजें खरीदने का शौक होता है। ये नायाब चीजें अक्सर ऐतिहासिक होती हैं और इनको खरीदने के लिए लोग लाखों करोड़ों रुपए तक खर्च कर देते हैं। कई लोग महंगी कलाकृतियों के इतने बड़े फैन होते हैं कि इनके बारे में ना जानते हुए भी इनको खरीद लेते हैं। ब्रिटेन के एक कपल के साथ कुछ ऐसा ही हुआ।
दरअसल, कपल ने अपने घर को सजाने के शौक के चलते एक सुंदर और यूनिक दिखने वाली मूर्ति खरीदी। उस मूर्ति को उन्होंने अपने गार्डन में एक शो-पीस की तरह रखा था। लेकिन करीब 20 साल बाद जब इस मूर्ति की असल कीमत सामने आई तो उनके होश उड़ गए।
यह भी पढ़ें:- छुट्टियां मनाने गई महिला के साथ हुआ हादसा, सर्जरी के बाद 4 इंच कम हुई हाइट!
ऐसे सामने आई असल कीमत
कपल ने मूर्ति को एक नीलामी में करीब 5 लाख रुपए में खरीदा था। लेकिन गार्डन में लगी उस मूर्ति को लोगों ने देखने के बाद एक महान कलाकार एंटोनियो कैनोवा की बनाई गई बताया। इस अफवाह के बाद कपल ने मूर्ति की जांच कराई तो पता चला कि यह मूर्ति 200 साल पुरानी है।
एंटोनियो कैनोवा की बनाई हुई नायाब और एतिहासिक मूर्ति है। इस मास्टर पीस को 18वीं शताबदी में बनाया गया था। यह मूर्ति कैनोवा की बनाई हुई अंतिम कलाकृति थी। जो बाद में कहीं गायब हो गई थी।
जांच के बाद सामने आई सच्चाई
जांच के बाद एक्सपर्ट्स ने बाताया कि यह यूनीक मास्टरपीस मैरी मैगडेलिन का है, जो ईसा मसीह की भक्त थी। इस मूर्ति की कीमत करीब 75 करोड़ है। ब्रिटिश के पूर्व पीएम मिनिस्टर लिवरपूल ने इसको खरीदा था और इस मूर्ति के 12000 गिनी यानी 110000 पाउंड दिये थे। बाद में 6 फिट लंबी संगमरमर की यह प्रतिमा लिवरपूल कि मृत्यु के 20 साल बाद बेच दी गई। तब से अभी तक उसका पता नहीं चल सका था।
यह भी पढ़ें:- आसमान से गिरा चमकीला पत्थर, कीमत जान उड़ जाएंगे आपके होश
क्या है मूर्ति का इतिहास?
यह मूर्ति एक घर में पाई गई थी, जहां आग लग गई थी। जिसके बाद इसे खराब अवस्था में पश्चिम लंदन के केंसिंग्टन में एक महिला के खूबसूरत बगीचे में लगा दिया गया था। 1960 के दशक में इस बेच दिया गया। कई बार इस मूर्ति को गुमनाम लोगों द्वारा यहां बेचा गया। धीरे-धीरे इस मूर्ति को लेकर अफवाहें फैलने लगी। ऐसा कहा जाने लगा कि, ये कैनोवा की बन हुई मूर्ति है। जिसके बाद इसकी जांच की गई तो असलियत सामने आई। जिसके बाद इस मूर्ति को उसके असली रूप में लाने के लिए आठ महीनों तक लाखों रुपए खर्च किए गए। अब मूर्ति अपनी सही अवस्था में है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।