परमाणु हमलों में नहीं होगा इन जगहों पर कोई भी नुकसान, जानिए इसके पीछे का कारण
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूरी पृथ्वी पर आज तीसरे विश्व युद्ध का खतरा बना हुआ है। रुस और यूक्रेन के बीच हो रहे यूद्ध में लगातार परमाणु अस्त्रों का खतरा बना हुआ है। अगर ऐसा होता है तो इससे होने वाली तबाही की कल्पना कर पाना भी बेहद मुश्किल है। परमाणु हथियारों में वो ताकत होती है, जो किसी जगह की तबाही के साथ-साथ वहां की आने वाली कई पीढ़ियों तक को बर्बाद कर सकती हैं। जापान पर हुए हमलों और उसके परिणामों से तो हम सभी वाकिफ हैं।
एक अनुमान के मुताबिक आठ देशों के पास इस समय 13 हज़ार से भी ज्यादा परमाणु बमों की संख्या मौजूद हैं। अकेले रूस के पास लगभग 6 हजार से ज्यादा परमाणु बम मौजूद हैं। वहीं सबसे ताकतवर देश अमेरिका के पास इस विनाशकारी हथियार हज़ारों में हैं। इसी डर के बीच पृथ्वी पर कुछ जगह ऐसी हैं जो न्यूक्लियर वॉरफेयर के बाद भी बची रहेंगी।
1. अंटार्कटिका महाद्वीप
द सन की रिपोर्ट की माने तो जंग के समय अंटार्कटिका महाद्वीप पर इसका कोई असर नहीं होगा। इसका कारण है साल 1961 में साइन हुआ ट्रिटी। जिसके तहत अंटार्कटिका में किसी भी तरह की सैन्य गतिविधि पर रोक लगाई गई है। इस संधि में दुनिया के ज्यादातर देश परमाणु संपन्न देश शामिल हैं।
2. कोलोराडो
अमेरिका परमाणु जंग में शामिल हो सकता है लेकिन इसी कॉन्टिनेंट में मौजूद कोलोराडो का पहाड़ी इलाका ऐसे भयावह युद्ध से बचा रहेगा। इसका कारण है जगह पर पहाड़ के अंदर न्यू्क्लियर प्रूफ गुफा का होना। गुफा की एंट्री पर 25 टन से अधिक वज़न का भारी-भरकम दरवाज़ा लगा हुआ है, जिसे परमाणु बम भी नहीं पिघला सकता। साल 1966 में अमेरिका ने इसे सोवियत संघ के हमलों का सामना करने के लिए ही बनाया था।
3. आइसलैंड
सालभर बर्फ से ढका रहने वाला और उत्तरी ध्रुव पर बसा एक छोटा सा देश है। कोई भी देश इसे दुश्मन के तौर पर नहीं देखता। जिस वजह से यहां न्यूक्लियर अटैक होने की संभावना बेहद कम है।
4. गुआम द्वीप
प्रशांत महासागर में बसे इस छोटे से द्वीप में महज़ लाख 68 हज़ार लोग ही रहते हैं। टूरिज्म पर निर्भर इस देश की सेना में 1300 लोग ही हैं। लिहीज़ा इसका कोई भी देश दुश्मन नहीं है। इसी वजह से यहां परमाणु हमले की आशंका बिल्कुल नहीं है।
Created On :   8 March 2022 11:46 AM GMT