वैज्ञानिकों के हाथ लगी बड़ी सफलता, खोजा किलर एस्टोरॉयड, धरती से हो सकती है टक्कर, मचेगी चारों तरफ तबाही!
डिजिटल डेस्क, भोपाल। एस्टेरॉयड हमेशा से ही धरती के लिए खतरा माना जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर इन एस्टेरॉयड की धरती से टक्कर हो जाती है तो भयानक तबाही मच सकती है। कहा जाता है कि लाखों करोड़ों साल पहले एस्टेरॉयड धरती से टकराया था। जिसके परिणामस्वरूप धरती से डायनासोर का अस्तित्व ही खत्म हो गया था। इस घटना के बाद वैज्ञानिकों की तरफ से कई बार एस्टेरॉयड के धरती से टकराने की आशंका जताई गई। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
इस किलर एस्टेरॉयड की खोज नेशनल साइंस फाउंडेशन के वैज्ञानिकों ने की है। उनके मुताबिक यह धरती के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। अगर लगभग डेढ़ किलोमीटर चौड़ा यह एस्टेरॉयड धरती के पास से भी गुजरा तो काफी नुकसान पहुंचा सकता है। वैज्ञानिकों ने इस एस्टेरॉयड का नाम 2022AP7 रखा है और कहा है कि अगर यह एस्टेरॉयड धरती से टकराता है तो कई महाद्वीप तबाह हो जाएंगे।
खोज कर रहे वैज्ञानिकों के मुताबिक अब तक जितने भी एस्टेरॉयडों की खोज हुई है उन सबमें सबसे ज्यादा खतरनाक यह एस्टेरॉयड है। इसी वजह से इसे किलर एस्टेरॉयड कहा गया है। हालांकि वैज्ञानिकों को मानना है कि इसके धरती से टकराने की संभावना बेहद कम है। लेकिन अगर यह धरती के करीब से भी गुजरता है तो इससे भारी तबाही मच सकती है।
कार्नेगी इंस्टीट्यूशन फॉर साइंस की राय
कार्नेगी इंस्टीट्यूशन फॉर साइंस के एस्ट्रोनॉमर स्कॉट शेफर्ड ने इस एस्टेरॉयड को लेकर कई हैरान करने वाली जानकारियां साझा की हैं। उनके मुताबिक इस तरह एस्टेरॉयड को ग्रह का हत्यारा कहा जाता है जिसकी टक्कर धरती से होने पर पूरे ग्रह पर तबाही मच सकती है। उन्होंने भी इसके चलते धरती के कई महाद्वीपों पर जीवन नष्ट होने की आशंका जाहिर की।
इस एस्टेरॉयड की खोज जनवरी 2022 में हुई थी। यह उन तीन वस्तुओं में शामिल हैं जो सूरज की तेज रोशनी के पीछे छिपे हैं। यह एस्टेरॉयड अपने आकार की वजह से सबसे जयादा खतरनाक है। अपने बड़े आकार के साथ धरती के कक्षा में आने पर यह भारी- भरकम आपदा लाएगा।
द एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल ने इस विषय पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसके मुताबिक, सूरज की तेज रोशनी के पीछे छिपे होने के कारण इस किलर एस्टेरॉयड को अच्छे से देखा नही जा सकता है। इसी वजह से इस पर शोध करने में वैज्ञानिकों को परेशानी आ रही हैं। वैज्ञानिक ने दुनियाभर के अलग-अलग दूरबीनों का उपयोग कर इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारियां जुटाई हैं।
Created On :   2 Dec 2022 10:38 PM IST