मध्यप्रदेश के छतरपुर का मांझी, परिवार की प्यास बुझाने अकेले ही खोद डाला कुआं
डिजिटल डेस्क, छतरपुर। मध्यप्रदेश के छतरपुर में एक 70 साल के बुजुर्ग ने वो कारनामा कर दिखाया है जो अच्छे-खासे नौजवान भी नहीं कर सकते। दरअसल 70 साल के सीताराम राजपूत ने अपने गांव में पानी की किल्लत को देखते हुए अकेले दम पर एक कुंआ खोद दिया। ये कारनामा करने के बाद सीताराम अपने गांव के हीरो बन गए हैं। सीताराम के हौंसले की कहानी लोग मुंह जुबानी बयां कर रहे हैं। वहीं गांव के लोग तो सीताराम को "छतरपुर का मांझी" भी कह रहे हैं।
MP: 70-yr-old Sitaram Rajput from Hadua village in Chhatarpur, is single handedly digging out a well to help solve water crisis in village, which the region has been facing since last 2 a half years, says, "No one is helping, neither the govt nor people of the village". pic.twitter.com/u5dadJYrAq
— ANI (@ANI) May 24, 2018
300 की आबादी के बीच केवल 1 हैंडपंप
छतरपुर जिले के प्रतापपुरा पंचायत के हड़ुआ गांव की आबादी लगभग 300 है। पूरे गांव में पानी पीने के लिए केवल 1 ही हैंडपंप लगा हुआ है। जिससे इतना पानी नहीं आता कि पूरे गांववासियों की प्यास बुझ सके। इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए सीताराम ने गांव में एक कुंआ खोदने का फैसला किया लेकिन उनके इस फैसले में किसी ने भी उनका साथ नहीं दिया। उम्र के इस पड़ाव पर भी सीताराम ने हार नहीं मानी और खुद ही कुंआ खोदने मे जुट गए।
ढाई साल की मेहनत लाई रंग
आठ महीने की कड़ी मशक्कत के बाद सीताराम की मेहनत रंग लाई और उन्होंने धरती मां की गोद से आखिर पानी निकाल ही दिया। लेकिन भगवान शायद उनकी परीक्षा लेने में लगे हुए थे। इतनी जोरदार बारिश हुई कि कच्चा कुंआ ढह गया और सीताराम की मेहनत भी मिट्टी में मिल गई। फिर भी सीताराम ने हार नहीं मानी और एक बार फिर कुंए से मिट्टी निकालने में जुट गए। करीब ढाई साल की मेहनत के बाद सीताराम को सफलता हाथ लगी और उन्होंने 33 फीट का कुंआ खोद दिया।
इस गांव के लोग ढाई साल से पानी के लिए तरस रहे थे। सरकार से भी मदद मांगी गई पर इस ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। ऐसे में 70 साल के सीताराम राजपूत लोगों के लिए देवता समान साबित हुए हैं।
Created On :   25 May 2018 10:32 AM GMT