यहां तक कि नौकरी के घंटों में सोने के लिए जापान में एक टर्म भी है- इनेमुरी यानी मौजूद लेकिन सोते हुए। काम के दौरान झपकियां लेने की इजाजत क्यों है? अधिकारियों को एंप्लायी के काम के समय सोने पर ऐतराज क्यों नहीं है? दरअसल, जापान में लोगों के काम के घंटे बहुत ज्यादा होते हैं और अधिकतर लोग रात में केवल 6 घंटे की ही नींद ले पाते हैं। जापान के लोगों की पहचान दुनिया के मेहनती लोगों में की जाती है, इसलिए यहां जब कोई झपकी या नींद लेते देखा जाता है तो यह समझा जाता है कि वह बहुत काम करने की वजह से थक गया है।
- Dainik Bhaskar Hindi
- Ajab Gajab
- In a firm of Japan, employees are allowed to sleep during work
दैनिक भास्कर हिंदी: यहां काम के दौरान सोने की है इजाजत
डिजिटल डेस्क । अक्सर ऐसा होता है कि हम दफ्तर जाते हैं और कुछ देर काम करने के बाद या लंच के बाद नींद आने लगती है। आंखें बंद होने लगती है, उबासी आने लगती है और बस मन करता है कि कुछ देर सोने की इजाजत मिल जाए तो मजा आ जाए। क्या आप भी उन लोगों में से एक हैं जो सोचते हैं कि काश ऑफिस में भी सोने को मिलता। अगर हां तो फिर आप जापान जाने की सोच सकते हैं क्योंकि यहां पर काम करते समय नींद लेना पूरी तरह से मान्य है।


ऑफिस में सोने का चलन तब शुरू हुआ जब युद्ध के बाद जापान के लोग देश को आगे ले जाने के लिए खूब मेहनत कर रहे थे। वहां यह आम सी बात हो गई कि लोग ऑफिस से जाने के रास्ते में गाड़ी में सो रहे हो या फिर मीटिंग के दौरान आराम कर रहे हों, जल्द ही यह वहां की संस्कृति का हिस्सा बन गया। हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि जिसका जब मन हो, वो नींद पूरी करने लग जाए। इसके भी कुछ नियम है कि काम के दौरान कौन सो सकता है।

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के स्कॉलर डॉ. ब्रिगेट स्टीगेर ने जापानी संस्कृति पर काफी अध्ययन किया है। उन्होंने बताया, अगर आप कंपनी में नए हैं तो आपको दिखाना होगा कि आप कितने ज्यादा फुर्तीले हैं, आप सो नहीं सकते हैं, लेकिन अगर आप 40 या 50 साल की उम्र के हैं और अगर मीटिंग में आपका टॉपिक डिस्कस नहीं हो रहा है तो फिर आप सो सकते हैं। आप समाज में जितना ज्यादा ऊंचे पायदान पर हैं, आप उतना ज्यादा सो सकते हैं।

भले ही किसी को झपकी लेने की अनुमति दे दी गई हो लेकिन इनेमुरी के नियम ये भी है कि अगर बातचीत में जरूरत पड़ती है तो उसे कॉन्ट्रिब्यूट करने की हालत में होना चाहिए । डॉ. स्टीगर ने बताया, आपको मीटिंग के दौरान ऐसी ऐक्टिंग करनी होगी कि आप ऐक्टिव हैं और ध्यान दे रहे हैं। आप टेबल के नीचे छिपकर नहीं सो सकते हैं। आपको ऐसे बैठना होगा कि आप सुन रहे हैं और ऐसी मुद्रा में फिर आप हेड डाउन कर सकते हैं। हालांकि अब शायद वह वक्त दूर नहीं है जब काम के दौरान सोने को यहां भी पाप मान लिया जाए।

ऐसा इसलिए क्योंकि एक नई व्यवस्था लाई जा रही है जो जापान में काम के दौरान झपकी लेने वालों की पहचान कर सकेगी। अगर डेस्क पर कोई सोता हुआ पकड़ा गया तो कंप्यूटर ऑटोमैटिकली रूम का टेंपरेटचर कम कर देगा। इस सिस्टम में ऑटोमैटिकली टेंपरेचर को एडजस्ट करने के लिए दैकिन की तकनीक और आईलिड के मूवमेंट की निगरानी के लिए एनईसी की फेशियल रिकगनीशन की तकनीक को इस्तेमाल में लाया जाएगा।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl